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नहर का कार्य पूरा न होने से भड़के ग्रामीण, ठेकेदारों पर लगाए गंभीर आरोप

राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से सटी सिंचाईं विभाग की नहर बहती है. जिसमें बरसात के मौसम में बहाव तेज हो जाता है. खुली नहर होने के चलते कई लोग इसमें गिरकर अपनी जान भी गवां चुके हैं.

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Published : Sep 12, 2019, 11:30 AM IST

प्रदर्शनकारी

डोइवाला: राजाजी रिजर्व टाइगर पार्क से सटे कई गांवों से होकर गुजरने वाले नहर को अंडरग्राउंड करने की मांग मुखर होने लगी है. क्योंकि मॉनसून के सीजन में कई बच्चे और बुजुर्ग इस नहर की भेंट चढ़ चुके हैं. ऐसे में सरकार ने इस नहर को अंडरग्राउंड करने के लिए सिंचाईं विभाग को 16 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी थी. बावजूद इसके ठेकेदारों की बंदरबांट के चलते इस नहर का कार्य अधर में लटका हुआ है. लिहाजा, ग्रामीणों में इस कार्य के पूरा न होने पर नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

पढ़ें:खुशखबरीः राज्य के 65,000 शिक्षकों को मिलेगा सातवां वेतनमान, शासनादेश जारी

मामला डोइवाला के अंतर्गत बुल्लावाला और झबरा क्षेत्र का है. जहां पर राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से सटी सिंचाईं विभाग की नहर बहती है. जिसमें बरसात के मौसम में बहाव तेज हो जाता है. खुली नहर होने के चलते कई लोग इसमें गिरकर अपनी जान भी गवां चुके हैं. वहीं, ग्रामीणों की मांग के बाद सरकार ने इस नहर को अंडरग्राउड करने के लिए 16 करोड़ रुपयों की मंजूरी भी दी थी. लेकिन कार्यदायी संस्था ने जिन ठेकेदारों को यह काम सौंपा है. उनके द्वारा अभी तक यह काम पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में ग्रामीणों ठेकदारों के प्रति भारी आक्रोश है.

नहर का कार्य पूरा न होने से भड़के ग्रामीण.

वहीं, इस मामले में पूर्व प्रधान परमिंदर सिंह ने कहना है कि यह एक जनहित से जुड़ा मामला है. जबकि, कुछ ठेकेदार निजी स्वार्थों के चलते इस काम में रुकावट पैदा करने का काम कर रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर समय से इस नहर के भूतलीकरण का कार्य पूरा नहीं हो जाता तो उनके द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा.

डोइवाला: राजाजी रिजर्व टाइगर पार्क से सटे कई गांवों से होकर गुजरने वाले नहर को अंडरग्राउंड करने की मांग मुखर होने लगी है. क्योंकि मॉनसून के सीजन में कई बच्चे और बुजुर्ग इस नहर की भेंट चढ़ चुके हैं. ऐसे में सरकार ने इस नहर को अंडरग्राउंड करने के लिए सिंचाईं विभाग को 16 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी थी. बावजूद इसके ठेकेदारों की बंदरबांट के चलते इस नहर का कार्य अधर में लटका हुआ है. लिहाजा, ग्रामीणों में इस कार्य के पूरा न होने पर नाराजगी व्यक्त की है. साथ ही उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है.

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मामला डोइवाला के अंतर्गत बुल्लावाला और झबरा क्षेत्र का है. जहां पर राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से सटी सिंचाईं विभाग की नहर बहती है. जिसमें बरसात के मौसम में बहाव तेज हो जाता है. खुली नहर होने के चलते कई लोग इसमें गिरकर अपनी जान भी गवां चुके हैं. वहीं, ग्रामीणों की मांग के बाद सरकार ने इस नहर को अंडरग्राउड करने के लिए 16 करोड़ रुपयों की मंजूरी भी दी थी. लेकिन कार्यदायी संस्था ने जिन ठेकेदारों को यह काम सौंपा है. उनके द्वारा अभी तक यह काम पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में ग्रामीणों ठेकदारों के प्रति भारी आक्रोश है.

नहर का कार्य पूरा न होने से भड़के ग्रामीण.

वहीं, इस मामले में पूर्व प्रधान परमिंदर सिंह ने कहना है कि यह एक जनहित से जुड़ा मामला है. जबकि, कुछ ठेकेदार निजी स्वार्थों के चलते इस काम में रुकावट पैदा करने का काम कर रहे हैं. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर समय से इस नहर के भूतलीकरण का कार्य पूरा नहीं हो जाता तो उनके द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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डोईवाला
ग्रामीणों की मांग पर नहर को अंडरग्राउंड करने की मांग के खिलाफ उतर रहे ठेकेदार काम ना मिलने से नाराज हैं ठेकेदार जबकि इस नहर में आधा दर्जन बच्चे और बूढ़े बह कर मौत के मुंह में समा गए ।

राजाजी रिजर्व टाइगर पार्क से सटे कई गांव के बीच से निकलने वाले नाले के अंडरग्राउंड करने की मांग मुखर होने लगी है यह नाला बरसात के समय विकराल रूप धारण कर लेता है और इस नाले में आधा दर्जन बच्चे और बूढ़े लोग गिरकर बह गए हैं जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस नहर के अंडर ग्राउंड करने के लिए 16 करोड़ रुपयों की मंजूरी दे दी है और कार्यदायी संस्था सिचाईं विभाग को काम की जिम्मेदारी सौंपी गई है लेकिन कुछ ठेकेदारों को काम की आड़ में पैसों की बंदरबांट करने का मौका नहीं मिला तो ठेकेदारों ने काम में अड़चन लगाना शुरू कर दिया है । जबकि सैकड़ों ग्रामीणों ने ठेकेदारों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और ठेकेदारों के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी भी दी गई ।



Body:डोईवाला के अंतर्गत बुल्लावाला ,झबरा वाला क्षेत्र का यह मामला है जहां पर राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से सटी नहर है जिसमें बहुत तेज बहाव का पानी आता है और बरसात के समय यह नाला और भी भयंकर रूप धारण कर लेता है और खुली नहर होने के चलते इस नहर में आधा दर्जन से अधिक बच्चे और बूढ़े लोग गिरकर मौत के मुंह में समा गए ।
ग्रामीणों का कहना है कि यह एक जनहित से जुड़ा मामला है और कुछ ठेकेदार अपनी मनमानी करके काम में रोड़ा अटका रहे हैं और नहर को अंडरग्राउंड नहीं होने दे रहे हैं ग्रामीणों ने चेतावनी दी अगर ठेकेदार अपनी मनमानी करेंगे तो उनके खिलाफ सभी ग्रामीण एकजुट होकर आंदोलन करने को बाध्य हो जाएंगे ।


Conclusion:ग्रामीणों ने कहा कि इस बड़े नाले में पार्क के जंगल का पानी भी आता है और नहर में गिर कर कई बच्चे बह गए हैं और कई बूढ़े लोगो की भी गिरकर मृत्यु हो गई है और ग्रामीणों की लंबे समय से आवाज उठाने के बाद सरकार द्वारा नहर के अंडर ग्राउंड के लिए 16 करोड रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है ।
पूर्व प्रधान परमिंदर सिंह ने कहा कि सिचाईं विभाग इस नहर को अंडरग्राउंड बना रहा था और मुख्यमंत्री द्वारा 16 लाख रुपये भी स्वीकृत हो गए हैं लेकिन कुछ ठेकेदारों को काम ना मिलने की वजह से उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया है वही ग्राम प्रधान ने कहा कि अगर ठेकेदार काम में अड़चन पैदा करने का काम करेंगे तो ग्रामीण उनके खिलाफ बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे
बाईट पूर्व ग्राम प्रधान सरदार परमिंदर सिंह
बाईट राजेन्द्र तड़ियाल ग्रामीण

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