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इन्हें हरिद्वार में आबकारी अधिकारी बनाना चाहते हैं यतीश्वरानंद, मंत्री का पत्र हुआ वायरल

धामी सरकार की आज कल वायरल पत्रों ने फजीहत करा रखी है. ताजा मामला कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद से जुड़ा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद (Cabinet Minister Swami Yatiswarananda letter viral) का पत्र वायरल हो रहा है, जो उन्होंने सचिव को लिखा. पत्र में उन्होंने अशोक कुमार मिश्रा को हरिद्वार का आबकारी अधिकारी बनाने की बात कही है.

Cabinet Minister Swami Yatiswarananda letter viral
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद
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Published : Dec 25, 2021, 4:38 PM IST

Updated : Dec 25, 2021, 7:29 PM IST

देहरादून: हमेशा यही बात कही जाती है कि चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही धनबल का प्रयोग करते हैं. कहा तो यह भी जाता है कि सरकार के मंत्री अपने हिसाब से अधिकारियों की तैनाती करते हैं. वह बात अलग है कि चुनाव आयोग इन सब पर नजर रखता है. खैर यहां बात हम तो चुनाव की कर रहे थे, लेकिन चुनाव से पहले धामी सरकार में मंत्री, विधायक, पीआरओ और सांसदों के ऐसे पत्र वायरल हो रहे हैं जिसको देखकर यही लग रहा है कि अगर सेटिंग है तो कुछ भी संभव है.

ताजा मामला मुख्यमंत्री के बेहद खास हमेशा उनके साथ दिखने वाले हरिद्वार ग्रामीण से विधायक और कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद से जुड़ा हुआ है. स्वामी यतीश्वरानंद इस वक्त धामी सरकार में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग ग्राम में विकास पुनर्गठन जैसे विभाग संभाल रहे हैं. धामी सरकार में उन्हें उधम सिंह नगर का प्रभारी बनाया गया है. ऐसे में स्वामी यतीश्वरानंद (Cabinet Minister Swami Yatiswarananda letter viral) ने आबकारी सचिव को अपने लेटर पैड पर एक पत्र लिखकर यह कहा है कि अशोक कुमार मिश्रा जो वर्तमान में सहायक आबकारी आयुक्त जनपद परिवर्तन के पद पर उधमसिंह नगर में तैनात हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से उधमसिंह नगर से हटाकर हरिद्वार जनपद में आबकारी अधिकारी बना कर भेजा जाए. मंत्री जी ने अपने पत्र में सचिव को तत्काल प्रभाव से इस आदेश को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है, जिस पर 18/11/2021 को शासन ने मोहर लगाते हुए आदेश भी जारी किए हैं. यही पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

मंत्री यतीश्वरानंद का पत्र हुआ वायरल

पढ़ें- हरक का हड़कंप: कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ बढ़ाने पर पुनर्विचार, मदन बोले- इस्तीफा नहीं दिया

मंत्री ने दिया जवाब: जब इस लेटर को लेकर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंत्री और विधायकों के पास आमजन से लेकर सरकारी अधिकारी कर्मचारी अपनी फरियाद लेकर आते हैं. अधिकारी और कर्मचारी अपनी पारिवारिक या अन्य किसी भी तरह की समस्या बताकर अपने स्थानांतरण की मांग रखते हैं, जिस पर लेटर जारी करना पड़ता है. क्योंकि अधिकारी कर्मचारी एक आवश्यक अंग है. इसी के चलते हुए आबकारी अधिकारी की फरियाद पर लेटर जारी कर दिया गया था. अब कुछ लोग उसका गलत तरीके से प्रचार कर रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है. कुछ लोगों की केवल बदनाम करने की साजिश रहती है. भाजपा की राज्य सरकार भ्रष्टाचार मुक्त होकर काम कर रही है. विरोधी पार्टियों को यह पंच नहीं रहा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने बताया कि लेटर वायरल करने की साजिश में शामिल अधिकारी-कर्मचारी की पहचान कराई जा रही है. विभाग की गोपनीयता भंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कांग्रेस ने साधा निशाना: उत्तराखंड कांग्रेस के महामंत्री मथुरा दत्त जोशी की मानें तो सरकार में मंत्री से लेकर विधायक सभी इस तरह के काम कर रहे हैं. चुनाव आने से पहले हर मंत्री अपने खासमखास अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में ला रहा है और यह सरकार की कारगुजारियों को उजागर करता है. वैसे धामी सरकार में पत्रों के वायरल होने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले या यह कहें इसी महीने दो ऐसे पत्र बाहर आए हैं, जिसके बाद यह भी साफ हो गया कि इस छोटे से कागज के टुकड़े और सिग्नेचर में कितनी ताकत है.

पढ़ें- दिल्ली दौड़ के बाद बोले हरीश रावत, कभी-कभी दर्द बयां करना होता है फायदेमंद

मुख्यमंत्री के पीआरओ ने पिछले दिनों बागेश्वर के पुलिस अधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि तत्काल प्रभाव से जिन 3 वाहनों के चालान काटे हैं, उन्हें निरस्त किया जाए. इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्शन लेते हुए यह दिशा निर्देश जारी किए थे कि कोई भी पीआरओ या उनसे जुड़ा अधिकारी अपने लेटर पैड पर किसी तरह के कोई भी पत्राचार नहीं करेगा. ऐसा ही एक पत्र 4 दिन पहले भी बाहर आया जिसमें पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और मौजूदा समय में अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा की पत्नी का ट्रांसफर अल्मोड़ा से सुगम क्षेत्र देहरादून में किया गया है. पत्रों के बाहर आने के बाद से कांग्रेस को बार-बार यह कहने का मौका मिल रहा है कि बीजेपी में सब कुछ संभव है.

पार्टी ने किया बचाव: उधर भाजपा के वरिष्ठ विधायक खजान दास कहते हैं कि मंत्रियों की तरफ से ऐसे कई पत्र अक्सर लिखे जाते रहे, इसे गलत नजरिए से नहीं देखना चाहिए. यदि कुछ गलत हो रहा है तो उसको दोबारा से विचार करने के बाद रोका भी जा सकता है.

देहरादून: हमेशा यही बात कही जाती है कि चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही धनबल का प्रयोग करते हैं. कहा तो यह भी जाता है कि सरकार के मंत्री अपने हिसाब से अधिकारियों की तैनाती करते हैं. वह बात अलग है कि चुनाव आयोग इन सब पर नजर रखता है. खैर यहां बात हम तो चुनाव की कर रहे थे, लेकिन चुनाव से पहले धामी सरकार में मंत्री, विधायक, पीआरओ और सांसदों के ऐसे पत्र वायरल हो रहे हैं जिसको देखकर यही लग रहा है कि अगर सेटिंग है तो कुछ भी संभव है.

ताजा मामला मुख्यमंत्री के बेहद खास हमेशा उनके साथ दिखने वाले हरिद्वार ग्रामीण से विधायक और कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद से जुड़ा हुआ है. स्वामी यतीश्वरानंद इस वक्त धामी सरकार में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग ग्राम में विकास पुनर्गठन जैसे विभाग संभाल रहे हैं. धामी सरकार में उन्हें उधम सिंह नगर का प्रभारी बनाया गया है. ऐसे में स्वामी यतीश्वरानंद (Cabinet Minister Swami Yatiswarananda letter viral) ने आबकारी सचिव को अपने लेटर पैड पर एक पत्र लिखकर यह कहा है कि अशोक कुमार मिश्रा जो वर्तमान में सहायक आबकारी आयुक्त जनपद परिवर्तन के पद पर उधमसिंह नगर में तैनात हैं, उन्हें तत्काल प्रभाव से उधमसिंह नगर से हटाकर हरिद्वार जनपद में आबकारी अधिकारी बना कर भेजा जाए. मंत्री जी ने अपने पत्र में सचिव को तत्काल प्रभाव से इस आदेश को सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है, जिस पर 18/11/2021 को शासन ने मोहर लगाते हुए आदेश भी जारी किए हैं. यही पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

मंत्री यतीश्वरानंद का पत्र हुआ वायरल

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मंत्री ने दिया जवाब: जब इस लेटर को लेकर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंत्री और विधायकों के पास आमजन से लेकर सरकारी अधिकारी कर्मचारी अपनी फरियाद लेकर आते हैं. अधिकारी और कर्मचारी अपनी पारिवारिक या अन्य किसी भी तरह की समस्या बताकर अपने स्थानांतरण की मांग रखते हैं, जिस पर लेटर जारी करना पड़ता है. क्योंकि अधिकारी कर्मचारी एक आवश्यक अंग है. इसी के चलते हुए आबकारी अधिकारी की फरियाद पर लेटर जारी कर दिया गया था. अब कुछ लोग उसका गलत तरीके से प्रचार कर रहे हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं है. कुछ लोगों की केवल बदनाम करने की साजिश रहती है. भाजपा की राज्य सरकार भ्रष्टाचार मुक्त होकर काम कर रही है. विरोधी पार्टियों को यह पंच नहीं रहा है. कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने बताया कि लेटर वायरल करने की साजिश में शामिल अधिकारी-कर्मचारी की पहचान कराई जा रही है. विभाग की गोपनीयता भंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कांग्रेस ने साधा निशाना: उत्तराखंड कांग्रेस के महामंत्री मथुरा दत्त जोशी की मानें तो सरकार में मंत्री से लेकर विधायक सभी इस तरह के काम कर रहे हैं. चुनाव आने से पहले हर मंत्री अपने खासमखास अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में ला रहा है और यह सरकार की कारगुजारियों को उजागर करता है. वैसे धामी सरकार में पत्रों के वायरल होने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले या यह कहें इसी महीने दो ऐसे पत्र बाहर आए हैं, जिसके बाद यह भी साफ हो गया कि इस छोटे से कागज के टुकड़े और सिग्नेचर में कितनी ताकत है.

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मुख्यमंत्री के पीआरओ ने पिछले दिनों बागेश्वर के पुलिस अधिकारी को पत्र लिखकर कहा था कि तत्काल प्रभाव से जिन 3 वाहनों के चालान काटे हैं, उन्हें निरस्त किया जाए. इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्शन लेते हुए यह दिशा निर्देश जारी किए थे कि कोई भी पीआरओ या उनसे जुड़ा अधिकारी अपने लेटर पैड पर किसी तरह के कोई भी पत्राचार नहीं करेगा. ऐसा ही एक पत्र 4 दिन पहले भी बाहर आया जिसमें पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और मौजूदा समय में अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा की पत्नी का ट्रांसफर अल्मोड़ा से सुगम क्षेत्र देहरादून में किया गया है. पत्रों के बाहर आने के बाद से कांग्रेस को बार-बार यह कहने का मौका मिल रहा है कि बीजेपी में सब कुछ संभव है.

पार्टी ने किया बचाव: उधर भाजपा के वरिष्ठ विधायक खजान दास कहते हैं कि मंत्रियों की तरफ से ऐसे कई पत्र अक्सर लिखे जाते रहे, इसे गलत नजरिए से नहीं देखना चाहिए. यदि कुछ गलत हो रहा है तो उसको दोबारा से विचार करने के बाद रोका भी जा सकता है.

Last Updated : Dec 25, 2021, 7:29 PM IST
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