मसूरी: उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट स्टेट मसूरी पर स्थित हेलीपैड का लोकार्पण किया. यह हेलीपैड महान भारतीय पर्वतारोही राधानाथ श्रीधर को समर्पित किया गया है. इसके साथ ही यहां देश के पहले कार्टोग्राफी म्यूजियम का भी कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने लोकार्पण किया. देश का यह पहला कार्टोग्राफी म्यूजियम अपने आप में अनोखा है. इसमें जॉर्ज एवरेस्ट और उनके सहयोगियों द्वारा की गई विभिन्न खोज और एवरेस्ट की मापी गई ऊंचाई के बारे में दर्शाया गया है. साथ के लोगों के मोम के पुतले बनाकर भी प्रदर्शित किये गये हैं.
इस दौरान पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा मसूरी हेलीपैड से पर्यटक 9 मिनट में हिमालय दर्शन कर पाएंगे. यह दृश्य अपने आप में अद्भुत होगा. उन्होंने बताया कार्टोग्राफी म्यूजियम में जॉर्ज एवरेस्ट से लेकर जॉर्ज एवरेस्ट के सहयोगियों के द्वारा किए गए विभिन्न कार्यों को प्रदर्शित किया गया है. ये सभी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा जॉर्ज एवरेस्ट का हेलीपैड गणितज्ञ राधानाथ श्रीधर को समर्पित किया जा रहा है. उन्होंने बताया जॉर्ज एवरेस्ट की चोटी को राधानाथ श्रीधर के द्वारा मापा गया था. उन्होंने कहा कि राधानाथ श्रीधर के कहने पर ही माउंट 15 की छोटी का माल एवरेस्ट रखा गया था. उन्होंने कहा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड के पिथौरागढ़ स्थित सिरमौली गांव को श्रेष्ठ टूरिज्म विलेज का अवॉर्ड दिया गया है.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा यहां बनाया गया कार्टाेग्राफी म्यूजियम यह बताने में कामयाब होगा कि किस तरीके से देश के नक्शों को बनाया जाता है. उन्होंने कहा आज पर्यटन विभाग ने कई सर्किट बनाये हैं. उन्होंने प्रदेश के सभी छोटे-बड़े धामों को सर्किटों के माध्यम से विकसित करने का काम किया जा रहा है. सीमांत गांवों को भी वाइब्रेट विलेज योजना के जरिये विकसित किया जा रहा है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये बदरीनाथ से आगे माणा गांव तक को विकसित किया जा रहा है. उन्होंने कहा गर्दंगली को भी पुनर्जीवित कर वहां पर स्नो लेपर्ड सेंटर बनाया जा रहा है. आदि कैलाश का जल्द पीएम मोदी दौरा करने वाले हैं. कैलाश पर्वत, ओम पर्वत को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है.
क्या होता है कार्टोग्राफी: कार्टोग्राफी से तात्पर्य मानचित्र कला से है. इसमें मानचित्र से संबंधी उपकरणों , तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाती है. मानचित्र संबंधी उपकरणों , तकनीकों और सिद्धांतों के अध्यन को कार्टोग्राफी कहा जाता है. मसूरी में तैयार होने वाले कार्टोग्राफी म्यूजियम को 4.5 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है.