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रेखा आर्य का विवादित पत्र आया सामने, अधिकारियों और कर्मियों को दिए शिवालयों में जलाभिषेक के आदेश - Uttarakhand Politics News

कैबिनेट मंत्री रेखा (Cabinet Minister Rekha Arya) ने अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को शिवालयों में जलाभिषेक करने को कहा है. अभी उनके ही विभाग का एक पत्र वायरल हो रहा था कि इस दूसरे पत्र ने फिर रेखा आर्य को चर्चाओं में ला दिया है.

Cabinet Minister Rekha Arya
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य
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Published : Jul 23, 2022, 7:16 AM IST

Updated : Jul 23, 2022, 10:05 AM IST

देहरादून: कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य (Cabinet Minister Rekha Arya) ने मानों विवादों में रहने की ठान ली है. नया मामला रेखा आर्य के द्वारा लिखा एक ऐसा पत्र है, जिसमें उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को न केवल शिवालयों में जलाभिषेक करने के निर्देश दिए हैं, बल्कि उक्त एक्टिविटी की फोटो कैमरे में कैद कर विभाग की ईमेल आईडी पर भेजने के लिए भी कहा है.

उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य गाहे-बगाहे ऐसे विवादों में बनी रहती हैं, जो उन्हें लोगों की जुबां पर बनाए रखती है. ताजा मामला रेखा आर्य के लेटर हेड पर लिखे गए इस पत्र (Cabinet Minister Rekha Arya Letter) का है, जिसमें उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को शिवालयों में जलाभिषेक करने को कहा है. अभी उनके ही विभाग का एक पत्र वायरल हो रहा था कि इस दूसरे पत्र ने फिर रेखा आर्य को चर्चाओं में ला दिया है. बता दें कि 1 दिन पहले ही खाद्य विभाग के अधिकारी ने एक पत्र लिखकर अधिकारियों और कर्मचारियों को मंत्री रेखा आर्य के बरेली में होने वाले निजी कार्यक्रम का निमंत्रण दिया था.

Government mandate
सरकार का शासनादेश.
पढ़ें-निजी कार्यक्रम का अफसरों को न्योता देने पर बोलीं मंत्री, 'कनपटी पर बंदूक रखकर नहीं दिया निमंत्रण'

सवाल उठे कि विभागीय मंत्री के बरेली में होने वाले निजी कार्यक्रम के लिए सरकारी अधिकारी अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को कैसे इस तरह का पत्र लिख सकता है. इस मामले को लेकर रेखा आर्य विवादों में थी और विपक्षी दल से लेकर तमाम बुद्धिजीवी भी उन पर अपने स्तर से बात रख रहे थे, तभी रेखा आर्य का एक नया पत्र वायरल होने लगा है. इस पत्र में रेखा आर्य के लेटर हेड में सचिव और निदेशक महिला सशक्तिकरण और बाल विकास को लिखा गया है कि उनके द्वारा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के क्रम में आजादी के अमृत महोत्सव मनाए जाने के रूप में एक कांवड़ यात्रा की जा रही है. कांवड़ यात्रा के रूप में ली गई 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के संकल्प को पूरा करने के लिए विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी समेत आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिका अपने नजदीकी शिवालयों में जलाभिषेक कर इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे.
पढ़ें-PRD जवानों के जल्द आएंगे अच्छे दिन, हर साल मिलेगा 300 दिन का रोजगार

यहां तक तो यह पत्र सामान्य नजर आता है, लेकिन इसके आगे जो लिखा गया है वह काफी दिलचस्प है. पत्र में लिखा गया है कि शिवालयों में जलाभिषेक करने के दौरान उक्त सभी कर्मचारी और अधिकारी अपनी फोटो विभागीय ईमेल आईडी और व्हाट्सएप पर भेजेंगे. यानी एक तरह से मंत्री ने इसे कर्मचारियों के लिए आवश्यक बना दिया. इस मामले में सवाल ये उठता है कि विभागीय मंत्री की तरफ से इस तरह कर्मचारियों को पत्र लिखना कितना सही है. खास तौर पर फोटो खींचकर ईमेल करने की अनिवार्यता को कितना सही ठहराया जा सकता है. इस मामले में विपक्षी दल रेखा आर्य के तमाम फैसलों को निशाने पर ले रहे हैं और उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

देहरादून: कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य (Cabinet Minister Rekha Arya) ने मानों विवादों में रहने की ठान ली है. नया मामला रेखा आर्य के द्वारा लिखा एक ऐसा पत्र है, जिसमें उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को न केवल शिवालयों में जलाभिषेक करने के निर्देश दिए हैं, बल्कि उक्त एक्टिविटी की फोटो कैमरे में कैद कर विभाग की ईमेल आईडी पर भेजने के लिए भी कहा है.

उत्तराखंड की कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य गाहे-बगाहे ऐसे विवादों में बनी रहती हैं, जो उन्हें लोगों की जुबां पर बनाए रखती है. ताजा मामला रेखा आर्य के लेटर हेड पर लिखे गए इस पत्र (Cabinet Minister Rekha Arya Letter) का है, जिसमें उन्होंने अपने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को शिवालयों में जलाभिषेक करने को कहा है. अभी उनके ही विभाग का एक पत्र वायरल हो रहा था कि इस दूसरे पत्र ने फिर रेखा आर्य को चर्चाओं में ला दिया है. बता दें कि 1 दिन पहले ही खाद्य विभाग के अधिकारी ने एक पत्र लिखकर अधिकारियों और कर्मचारियों को मंत्री रेखा आर्य के बरेली में होने वाले निजी कार्यक्रम का निमंत्रण दिया था.

Government mandate
सरकार का शासनादेश.
पढ़ें-निजी कार्यक्रम का अफसरों को न्योता देने पर बोलीं मंत्री, 'कनपटी पर बंदूक रखकर नहीं दिया निमंत्रण'

सवाल उठे कि विभागीय मंत्री के बरेली में होने वाले निजी कार्यक्रम के लिए सरकारी अधिकारी अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को कैसे इस तरह का पत्र लिख सकता है. इस मामले को लेकर रेखा आर्य विवादों में थी और विपक्षी दल से लेकर तमाम बुद्धिजीवी भी उन पर अपने स्तर से बात रख रहे थे, तभी रेखा आर्य का एक नया पत्र वायरल होने लगा है. इस पत्र में रेखा आर्य के लेटर हेड में सचिव और निदेशक महिला सशक्तिकरण और बाल विकास को लिखा गया है कि उनके द्वारा 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के क्रम में आजादी के अमृत महोत्सव मनाए जाने के रूप में एक कांवड़ यात्रा की जा रही है. कांवड़ यात्रा के रूप में ली गई 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के संकल्प को पूरा करने के लिए विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी समेत आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री व सहायिका अपने नजदीकी शिवालयों में जलाभिषेक कर इस कार्य को आगे बढ़ाएंगे.
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यहां तक तो यह पत्र सामान्य नजर आता है, लेकिन इसके आगे जो लिखा गया है वह काफी दिलचस्प है. पत्र में लिखा गया है कि शिवालयों में जलाभिषेक करने के दौरान उक्त सभी कर्मचारी और अधिकारी अपनी फोटो विभागीय ईमेल आईडी और व्हाट्सएप पर भेजेंगे. यानी एक तरह से मंत्री ने इसे कर्मचारियों के लिए आवश्यक बना दिया. इस मामले में सवाल ये उठता है कि विभागीय मंत्री की तरफ से इस तरह कर्मचारियों को पत्र लिखना कितना सही है. खास तौर पर फोटो खींचकर ईमेल करने की अनिवार्यता को कितना सही ठहराया जा सकता है. इस मामले में विपक्षी दल रेखा आर्य के तमाम फैसलों को निशाने पर ले रहे हैं और उनकी कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

Last Updated : Jul 23, 2022, 10:05 AM IST
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