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Uttarakhand PRD Act में संशोधन के बाद सुरक्षा गार्ड तक ही सीमित नहीं रहेंगे जवान, मिलेंगी ये सुविधाएं

उत्तराखंड में संशोधित पीआरडी एक्ट को मंजूरी मिलने के बाद अब जिओ जारी करने को लेकर कवायद जारी है. नया पीआरडी एक्ट लागू होने के बाद जवान सुरक्षा गार्ड तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उसके सामने कई नए अवसर भी खुलेंगे. 1948 से चले आ रहे एक्ट में बड़े बदलाव किए गए हैं.

Cabinet Minister Rekha Arya
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य
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Published : Jun 7, 2023, 10:01 PM IST

Updated : Jun 7, 2023, 10:13 PM IST

Uttarakhand PRD Act में संशोधन के बाद सुरक्षा गार्ड तक ही सीमित नहीं रहेंगे जवान

देहरादूनः उत्तराखंड की खेल और युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने आज विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. साथ ही प्रांतीय रक्षक दल पदाधिकारियों के साथ मिलकर पीआरडी एक्ट, नियमावली और पीआरडी जवानों से जुड़े विषयों पर सीएम की घोषणा व पूर्व में हुई बैठक के निर्णयों पर कितना काम हुआ? इसको लेकर समीक्षा की. रेखा आर्य ने जल्द ही पीआरडी विभाग की नियमावली में जरूरी संशोधन कर इसी महीने के आखिर तक जिओ जारी करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि पीआरडी एक्ट में संशोधन के बाद पीआरडी में तैनात गर्भवती महिलाओं को मैटरनिटी अवकाश, जवानों को मानवीय, फाइनेंशियल और राजकीय रूप से प्रोविजन सेवाओं का प्रावधान, 60 साल की उम्र तक पीआरडी सेवकों को नौकरी के अलावा पीआरडी एक्ट 1948 में संशोधन के बाद सेवा में कई बदलाव किए जाने हैं.

विभागीय मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि इन सभी बदलाव का पीआरडी जवानों को दी जाने वाली सुविधाओं पर असर पड़ेगा. साथ ही नए जिओ के लागू होने के बाद राज्य में स्वयंसेवकों के रूप में सेवा देने वाले लोगों को भविष्य में इसका लाभ मिलेगा. कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि उत्तराखंड की धामी सरकार और युवा कल्याण विभाग पीआरडी जवानों के साथ हर तरह की परिस्थितियों में खड़ा है.
ये भी पढ़ेंः धामी कैबिनेट में संसोधित पीआरडी एक्ट को मंजूरी, PRD में तैनात महिलाओं को मिलेगा मातृत्व अवकाश

उत्तराखंड का पीआरडी एक्ट जल्द होगा लागूः गौर हो कि उत्तराखंड में अभी भी पीआरडी एक्ट 1948 उत्तर प्रदेश का लागू है. यह तब से ऐसे ही चला आ रहा है. उत्तराखंड ने अब तक अपना कोई पीआरडी एक्ट नहीं बनाया है, लेकिन अब इसकी कवायद तेज हो गई है. पीआरडी एक्ट को कैबिनेट प्रस्ताव में मंजूरी मिली है. जिसके चलते अब उत्तराखंड का अपना पीआरडी एक्ट बनने जा रहा है.

प्रांतीय रक्षक दल का दायरा बढ़ाया गयाः कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि अब तक यह एक्ट पीआरडी जवानों के लिए केवल सुरक्षा कर्मी के दायरे तक सीमित रहता था, लेकिन अब पीआरडी के दायरे को बढ़ाते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में जैसे कि टेक्निकल, फोर्थ क्लास या फिर अन्य किसी विभागों में जहां उसकी जरूरत हो, उसे वहां समायोजित किया जाने का प्रावधान रखा है.

पीआरडी गर्भवती महिलाओं को समय में मिलेगा मातृत्व अवकाशः इसके अलावा पहले प्रांतीय रक्षक दल में रजिस्ट्रेशन के लिए आयु सीमा 18 से 45 वर्ष तक और स्वयंसेवक की उम्र 50 वर्ष तक निर्धारित थी, जिसे अब बदलकर में 18 से 42 वर्ष और जवानों को 60 वर्ष तक कार्य करने के अवसर देने का प्रावधान रखा गया है. अब एक्ट में संशोधन के बाद गर्भवती महिलाओं को समय में मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा.

Uttarakhand PRD Act में संशोधन के बाद सुरक्षा गार्ड तक ही सीमित नहीं रहेंगे जवान

देहरादूनः उत्तराखंड की खेल और युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने आज विभागीय अधिकारियों की बैठक ली. साथ ही प्रांतीय रक्षक दल पदाधिकारियों के साथ मिलकर पीआरडी एक्ट, नियमावली और पीआरडी जवानों से जुड़े विषयों पर सीएम की घोषणा व पूर्व में हुई बैठक के निर्णयों पर कितना काम हुआ? इसको लेकर समीक्षा की. रेखा आर्य ने जल्द ही पीआरडी विभाग की नियमावली में जरूरी संशोधन कर इसी महीने के आखिर तक जिओ जारी करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि पीआरडी एक्ट में संशोधन के बाद पीआरडी में तैनात गर्भवती महिलाओं को मैटरनिटी अवकाश, जवानों को मानवीय, फाइनेंशियल और राजकीय रूप से प्रोविजन सेवाओं का प्रावधान, 60 साल की उम्र तक पीआरडी सेवकों को नौकरी के अलावा पीआरडी एक्ट 1948 में संशोधन के बाद सेवा में कई बदलाव किए जाने हैं.

विभागीय मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि इन सभी बदलाव का पीआरडी जवानों को दी जाने वाली सुविधाओं पर असर पड़ेगा. साथ ही नए जिओ के लागू होने के बाद राज्य में स्वयंसेवकों के रूप में सेवा देने वाले लोगों को भविष्य में इसका लाभ मिलेगा. कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि उत्तराखंड की धामी सरकार और युवा कल्याण विभाग पीआरडी जवानों के साथ हर तरह की परिस्थितियों में खड़ा है.
ये भी पढ़ेंः धामी कैबिनेट में संसोधित पीआरडी एक्ट को मंजूरी, PRD में तैनात महिलाओं को मिलेगा मातृत्व अवकाश

उत्तराखंड का पीआरडी एक्ट जल्द होगा लागूः गौर हो कि उत्तराखंड में अभी भी पीआरडी एक्ट 1948 उत्तर प्रदेश का लागू है. यह तब से ऐसे ही चला आ रहा है. उत्तराखंड ने अब तक अपना कोई पीआरडी एक्ट नहीं बनाया है, लेकिन अब इसकी कवायद तेज हो गई है. पीआरडी एक्ट को कैबिनेट प्रस्ताव में मंजूरी मिली है. जिसके चलते अब उत्तराखंड का अपना पीआरडी एक्ट बनने जा रहा है.

प्रांतीय रक्षक दल का दायरा बढ़ाया गयाः कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि अब तक यह एक्ट पीआरडी जवानों के लिए केवल सुरक्षा कर्मी के दायरे तक सीमित रहता था, लेकिन अब पीआरडी के दायरे को बढ़ाते हुए अलग-अलग क्षेत्रों में जैसे कि टेक्निकल, फोर्थ क्लास या फिर अन्य किसी विभागों में जहां उसकी जरूरत हो, उसे वहां समायोजित किया जाने का प्रावधान रखा है.

पीआरडी गर्भवती महिलाओं को समय में मिलेगा मातृत्व अवकाशः इसके अलावा पहले प्रांतीय रक्षक दल में रजिस्ट्रेशन के लिए आयु सीमा 18 से 45 वर्ष तक और स्वयंसेवक की उम्र 50 वर्ष तक निर्धारित थी, जिसे अब बदलकर में 18 से 42 वर्ष और जवानों को 60 वर्ष तक कार्य करने के अवसर देने का प्रावधान रखा गया है. अब एक्ट में संशोधन के बाद गर्भवती महिलाओं को समय में मातृत्व अवकाश का लाभ मिलेगा.

Last Updated : Jun 7, 2023, 10:13 PM IST
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