ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश में विभिन्न मंदिर मठों का विशेष महत्व है. तीर्थनगरी के पौराणिक मंदिर हृषिकेश नारायण श्री भरत भगवान का महात्मय भी तीर्थ का फल देने वाला है. अक्षय तृतीया पर हृषिकेश नारायण श्री भरत भगवान की 108 परिक्रमा करने से बदरीनारायण के दर्शनों के समान फल प्राप्त होता है. यही कारण है कि 1 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने आज मंदिर की परिक्रमा कर पुण्य के भागी बने.
बता दें कि अक्षय तृतीया पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाने के साथ ही चारधाम यात्रा का भी शुभारंभ हो गया है. ऋषिकेश के पौराणिक मंदिर हृषिकेश नारायण श्री भरत भगवान की परिक्रमा के लिए लोगों की भारी भीड़ लगी है. मंदिर का पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख है कि हृषिकेश नारायण श्री भरत भगवान का मंदिर सतयुग में स्थापित मंदिर है.
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मान्यता है कि स्वर्गारोहण के लिए हिमालय जाते समय पांडवों ने बदरिकाश्रम जाते समय श्री भरत मंदिर में पूजा अर्चना की थी. स्कंद पुराण, केदारखंड, वामनपुराण, नरसिंग पुराण, महाभारत और श्रीमदभागवत गीता में इसका विस्तार से उल्लेख है.
माना जाता है कि अक्षय तृतीया पर जो भी श्रद्धालु अपनी सामर्थ अनुसार मंदिर की परिक्रमा करता है, उसे बदरीनारायण के दर्शनों के समान फल प्राप्त होता है. यही कारण है कि सुबह से ही परिक्रमा के लिए मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी. इस पावन मौके पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी अपनी पत्नी शशिप्रभा के साथ मंदिर पहुंचे और माथा टेककर चारधाम यात्रा को निर्विघ्न रूप से चलाने की प्रार्थना की.
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कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस बार श्रद्धालुओं में चारधाम यात्रा को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. जो श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर नहीं जा सकते हैं, वो आज भगवान भरत की 108 परिक्रमा कर भगवान बदरीनारायण के दर्शनों का लाभ यहीं से प्राप्त कर रहे हैं. साथ ही कहा कि भगवान भरत से निर्विघ्न रूप से चारधाम यात्रा को संपन्न कराने की प्रार्थना की है.