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मंत्री जोशी ने औद्योगिक विकास की धीमी रफ्तार के लिए नौकरशाही को ठहराया जिम्मेदार

औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी ने उद्योग स्थापित करने में पेश आ रही दिक्कतों का जिक्र भी किया और इसके लिए उन्होंने नौकरशाही को जिम्मेदार ठहराया है.

Cabinet Minister Ganesh Joshi
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी,.
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Published : Mar 22, 2021, 5:19 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 12:53 PM IST

ऋषिकेश: राज्य में औद्योगिक विकास न होने के जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि नौकरशाह हैं. अहम विभाग होने के बावजूद सूबे में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए मजबूत प्रयास नहीं किए गए. इसी लापरवाही से उद्योग सिर्फ राज्य के चार जिलों तक ही सिमट कर रह गए, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. रोजगार के लिए पहाड़ के युवाओं को वहीं उद्योग उपलब्ध होंगे. यह कहना है कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का.

औद्योगिक विकास की धीमी रफ्तार के लिए नौकरशाही जिम्मेदार.

सोमवार को ऋषिकेश पहुंचे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही से राज्य में औद्योगीकरण की रफ्तार धीमी है. जिसे बढ़ाने के अब भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. औद्योगिक इकाई स्थापित करने में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने में देरी और डेवलपमेंट चार्ज अधिक होने से दिक्कतें पेश आ रही थी. जिसपर उन्होंने मुख्य सचिव और संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर शीघ्र इसे दूर करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- शिफन कोर्ट के विस्थापितों को मिला सहारा, कैबिनेट मंत्री ने सौंपा चेक

उन्होंने कहा कि अभी तक देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में ही उद्योग सिमटे थे. जिन्हें अब पहाड़ तक पहुंचाने के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इससे लॉकडाउन में बाहरी राज्यों से वापस लौटे प्रदेश के युवाओं को पहाड़ में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा.

मंत्री जोशी ने एनडी तिवारी सरकार में राज्य में लगे उद्योगों में स्थानीय लोगों को 70 फीसदी रोजगार दिए जाने की बात का समर्थन करते हुए इसे लागू करने की बात कही. उन्होंने इसको लेकर वर्चुअली जिलाधिकारियों से बातचीत की और उन्हें निर्देश दिए कि हर महीने सिडकुल क्षेत्र की समीक्षा की जाएगी. ताकि जानकारी मिल सके ही प्रदेश के कितने प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से जुड़ी योजनाओं को प्रचारित प्रसारित किया जाए.

मंत्री की जुबानी, लापरवाही की कहानी

औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी ने उद्योग स्थापित करने में पेश आ रही दिक्कतों का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि काफी बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में उद्योगपतियों को नई इकाई स्थापित करने के लिए महज 15 दिन में एनओसी मिल जाती है. लेकिन उत्तराखंड में इस पर 4 से 6 महीने लग रहे हैं. इसका जिक्र उनसे एक उद्योगपति ने किया था. उद्योगपति ने मंत्री जोशी को यह भी बताया था कि उत्तराखंड में डेवलपमेंट चार्ज भी ज्यादा वसूला जा रहा है. जिससे कारोबारियों को उद्योग स्थापित करने में परेशानी पेश आ रही है. मंत्री जोशी के मुताबिक यूपी का औद्योगिक विकास में नंबर चौथा है, जबकि उत्तराखंड इसमें 11वें नंबर पर है. इन तमाम लापरवाहियों को दूर करने के लिए उन्होंने प्रतिबद्धता जाहिर की.

पढ़ें- कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने विकास कार्यों को लेकर की समीक्षा बैठक

सिडकुल को मिलेगी हिल्ट्रॉन की भूमि

मंत्री जोशी ने कहा कि राज्य की टिहरी और नैनीताल जनपद में हिल्ट्रॉन की काफी भूमि पड़ी है. इस जमीन को उन्होंने सिडकुल को ट्रांसफर किए जाने की कवायद तेज करने की बात कही है. मंत्री ने अभी तक ऐसा नहीं होने पर हैरानी भी जताई है. इस जमीन को सिडकुल को ट्रांसफर किए जाने के बाद नए उद्योग स्थापित कर स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

विकसित होगा नैनीताल-मसूरी पर्यटन सर्किट

मंत्री गणेश जोशी के मुताबिक नैनीताल और मसूरी क्षेत्र में सर्वाधिक पर्यटक पहुंचते हैं. इन दोनों ही टूरिस्ट प्लेस पर पर्यटकों को के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही दोनों का आपस में जोड़ने के लिए नैनीताल-मसूरी पर्यटन सर्किट विकसित किया जाएगा. इससे न सिर्फ राज्य में पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि उस पर निर्भर स्थानीय लोग रोजगार के रूप में लाभान्वित भी होंगे.

ऋषिकेश: राज्य में औद्योगिक विकास न होने के जिम्मेदार कोई और नहीं, बल्कि नौकरशाह हैं. अहम विभाग होने के बावजूद सूबे में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए मजबूत प्रयास नहीं किए गए. इसी लापरवाही से उद्योग सिर्फ राज्य के चार जिलों तक ही सिमट कर रह गए, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. रोजगार के लिए पहाड़ के युवाओं को वहीं उद्योग उपलब्ध होंगे. यह कहना है कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का.

औद्योगिक विकास की धीमी रफ्तार के लिए नौकरशाही जिम्मेदार.

सोमवार को ऋषिकेश पहुंचे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही से राज्य में औद्योगीकरण की रफ्तार धीमी है. जिसे बढ़ाने के अब भरसक प्रयास किए जा रहे हैं. औद्योगिक इकाई स्थापित करने में अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिलने में देरी और डेवलपमेंट चार्ज अधिक होने से दिक्कतें पेश आ रही थी. जिसपर उन्होंने मुख्य सचिव और संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर शीघ्र इसे दूर करने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- शिफन कोर्ट के विस्थापितों को मिला सहारा, कैबिनेट मंत्री ने सौंपा चेक

उन्होंने कहा कि अभी तक देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में ही उद्योग सिमटे थे. जिन्हें अब पहाड़ तक पहुंचाने के लिए सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इससे लॉकडाउन में बाहरी राज्यों से वापस लौटे प्रदेश के युवाओं को पहाड़ में ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा.

मंत्री जोशी ने एनडी तिवारी सरकार में राज्य में लगे उद्योगों में स्थानीय लोगों को 70 फीसदी रोजगार दिए जाने की बात का समर्थन करते हुए इसे लागू करने की बात कही. उन्होंने इसको लेकर वर्चुअली जिलाधिकारियों से बातचीत की और उन्हें निर्देश दिए कि हर महीने सिडकुल क्षेत्र की समीक्षा की जाएगी. ताकि जानकारी मिल सके ही प्रदेश के कितने प्रतिशत लोगों को रोजगार मिला है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार से जुड़ी योजनाओं को प्रचारित प्रसारित किया जाए.

मंत्री की जुबानी, लापरवाही की कहानी

औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी ने उद्योग स्थापित करने में पेश आ रही दिक्कतों का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा कि काफी बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में उद्योगपतियों को नई इकाई स्थापित करने के लिए महज 15 दिन में एनओसी मिल जाती है. लेकिन उत्तराखंड में इस पर 4 से 6 महीने लग रहे हैं. इसका जिक्र उनसे एक उद्योगपति ने किया था. उद्योगपति ने मंत्री जोशी को यह भी बताया था कि उत्तराखंड में डेवलपमेंट चार्ज भी ज्यादा वसूला जा रहा है. जिससे कारोबारियों को उद्योग स्थापित करने में परेशानी पेश आ रही है. मंत्री जोशी के मुताबिक यूपी का औद्योगिक विकास में नंबर चौथा है, जबकि उत्तराखंड इसमें 11वें नंबर पर है. इन तमाम लापरवाहियों को दूर करने के लिए उन्होंने प्रतिबद्धता जाहिर की.

पढ़ें- कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने विकास कार्यों को लेकर की समीक्षा बैठक

सिडकुल को मिलेगी हिल्ट्रॉन की भूमि

मंत्री जोशी ने कहा कि राज्य की टिहरी और नैनीताल जनपद में हिल्ट्रॉन की काफी भूमि पड़ी है. इस जमीन को उन्होंने सिडकुल को ट्रांसफर किए जाने की कवायद तेज करने की बात कही है. मंत्री ने अभी तक ऐसा नहीं होने पर हैरानी भी जताई है. इस जमीन को सिडकुल को ट्रांसफर किए जाने के बाद नए उद्योग स्थापित कर स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.

विकसित होगा नैनीताल-मसूरी पर्यटन सर्किट

मंत्री गणेश जोशी के मुताबिक नैनीताल और मसूरी क्षेत्र में सर्वाधिक पर्यटक पहुंचते हैं. इन दोनों ही टूरिस्ट प्लेस पर पर्यटकों को के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही दोनों का आपस में जोड़ने के लिए नैनीताल-मसूरी पर्यटन सर्किट विकसित किया जाएगा. इससे न सिर्फ राज्य में पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि उस पर निर्भर स्थानीय लोग रोजगार के रूप में लाभान्वित भी होंगे.

Last Updated : Mar 23, 2021, 12:53 PM IST
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