देहरादून: अशोक चक्र से सम्मानित अमर शहीद हवलदार बहादुर सिंह बोहरा की आज 26 सितंबर को 15वीं पुण्यतिथि है. इस मौके पर उत्तराखंड सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी अमर शहीद हवलदार बहादुर सिंह बोहरा के घर पर गए और उनकी प्रतिमा पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
हवलदार बहादुर सिंह बोहरा भारतीय सेना की 10वीं बटालियन पैराशूट रेजिमेंट के एक एक बहादुर सैनिक थे. बहादुर सिंह बोहरा साल 2008 में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे. 25 सितंबर 2008 को शाम 6.15 बजे उन्होंने आतंकवादियों के ग्रुप को देखा था, जिसे रोकने के लिए वो तेजी से आगे बढ़े थे. हवलदार बहादुर सिंह बोहरा अपनी टीम को लीड कर रहे थे.
इस दौरान जब सेना ने आतंकवादियों को पकड़ने का प्रयास किया तो उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए सेना पर फायरिंग कर दी. सेना की तरफ से आतंकवादियों को जवाब दिया गया. सेना की तरफ से की गई फायरिंग में एक आतंकवादी मारा गया था. तभी एक गोली हवलदार बहादुर सिंह बोहरा को भी लगी, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए. इसके बाद भी हवलदार बहादुर सिंह बोहरा ने हिम्मत नहीं हारी और आतंकवादियों का डटकर सामना किया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. मरणोपरांत शहीद हवलदार बहादुर सिंह बोहरा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था.
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हवलदार बहादुर सिंह बोहरा का जन्म उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के दूरस्थ गांव रावलखेत में कुमाऊंनी राजपूत परिवार में हुआ था. हवलदार बहादुर सिंह बोहरा के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं. हवलदार बहादुर सिंह बोहरा की 15वीं पुण्यतिथि पर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने उन्हें याद करते हुए उनके बलिदान को नमन किया.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार शहीदों के कल्याण और उत्थान के लिए अनेकों योजनाएं चला रही है. देहरादून में भव्य सैन्य धाम का निर्माण तेजी से किया जा रहा है, जिसका काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. अमर शहीद के नाम पर देहरादून के न्यू कैंट रोड पर विजय कॉलोनी पुल पर एक भव्य शहीद द्वार बनाया गया है. गणेश जोशी ने कहा शहीदों के सम्मान और समर्पण के प्रति और उनके परिजनों के कल्याण के लिए उत्तराखंड सरकार लगातार प्रयासरत है.