देहरादूनः कृषि मंत्री गणेश जोशी (Agriculture Minister Ganesh Joshi) ने मंगलवार को विधानसभा में कृषि विभाग के अंतर्गत सगंध पौधा केंद्र, जड़ी बूटी शोध संस्थान, भेषज विकास इकाई, उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद, रेशम विकास, औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार, बीज प्रमाणीकरण, जैविक उत्पाद परिषद एवं उत्तराखंड तराई एवं बीज विकास निगम से संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा (Cabinet Minister Ganesh Joshi held review meeting) बैठक की.
विधानसभा में हुई कृषि से संबंधित विभागों की बैठक लेते हुए कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कृषि विभाग के अंतर्गत सगंध प्रभाग केंद्र के अधिकारियों को लैमन ग्रास, तेजपत्ता मिंट कैमोमाईल का उत्पादन बढ़ाने और अधिक से अधिक किसानों को एरोमेटिक एग्रीकल्चर से जोड़ने संबंधी कार्ययोजना के निर्देश दिए.
जड़ी बूटी शोध विकास संस्थान, उत्तराखंड जैव प्रोद्योगिकी परिषद, उत्तराखंड तराई बीज विकास निगम, रेशम विभाग, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली कृषि महाविद्यालय भारसार आदि विभागों के साथ उनके द्वारा की जा रही कार्य योजनाओं के संबंध में विस्तृत से चर्चा की. इस समान कार्य कर रहे विभागों को एक साथ लाने अथवा संविलयित करने की संभावनाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए.
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय भरसार के अधिकारियों तथा वैज्ञानिकों को वर्तमान में प्रचलित ग्रीन पल्पी कीवी के साथ ही येलो पल्पी और रेड पल्पी कीवि की प्रजातियों को विकसित करने तथा वर्तमान में उत्पादित होने वाले माल्टा (जो कि खट्टा भी होता है और रसीला भी कम है) के स्थान पर अधिक मीटे तथा रसीले माल्टा की नई प्रजाति को विकसित करने के भी निर्देश दिए. ताकि कीवी तथा माल्टा उत्पादों को बाजार में ज्यादा बेहतर दाम मिल सकें तथा ज्यादा किसान इस ओर आकर्षित हो सकें.
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कृषि मंत्री ने कहा कि कृषकों की आय दोगुनी करने हेतु योजना बनाएं. उन्होंने कहा कि हमारे एरोमेटिक उत्पादों और जड़ी बूटी उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय मांग के अनुरूप की रूपरेखा तैयार करें. इसके कारण उत्पादनों की अच्छी कीमत प्राप्त हो सकती है. भांग की खेती को कृषि विभाग के नेतृत्व में तथा पुलिस/राजस्व पुलिस की देखरेख में किए जाने की संभावनाओं पर भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए.
मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि इन विभागों में आपसी समन्वय की कमी दिखाई देती है. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में आपसी समन्वय व तालमेल बढ़ाया जाए. कृषि विभाग को 100 दिन के विकास का खाका खीचने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट किया कि बैठकों में ही लेखे प्रस्तुत ना किए जाएं, बल्कि धरातल पर किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे. साथ ही यह भी हिदायत दी कि हर बैठक में कम से कम 5 नई सक्सेस स्टोरी मुझे बताई जाएं.