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सरकार का बड़ा फैसला, 42 हजार छात्रों को मिलेगी रुकी हुई छात्रवृत्ति - Scholarship of scheduled caste students

राज्य के 42 हजार छात्र-छात्राओं को उनकी रुकी हुई छात्रवृत्ति मिलेगी. कैबिनेट ने इस बारे में फैसला ले लिया है.

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छात्रवृत्ति पर फैसला
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Published : Jan 23, 2021, 12:47 PM IST

देहरादून: शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में समाज कल्याण विभाग के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. कई सालों से लटकी हुई छात्रवृत्ति को लेकर राज्य सरकार द्वारा बजट को मंजूरी दी गई.

कैबिनेट बैठक के बाद मदन कौशिक ने मीडिया को फैसलों की जानकारी दी. मदन कौशिक ने बताया कि पिछले वर्ष 2017-18 और 2018-19 में केन्द्र से छात्रवृत्ति न मिलने के कारण 22 हजार 492 छात्र वंचित रह गए थे. कैबिनेट में फैसला लिया गया कि चल रहे इसी वित्त वर्ष के बजट से अनुसूचित जाति की नौवीं, दसवीं के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए उनकी मांग के अनुसार मिले कम पैसे का भुगतान राज्य सरकार करेगी जो कि 3 करोड़ 79 लाख है.

इसके अलावा ओबीसी की छात्रवृत्ति में वर्ष (2018-19) के 6007 छात्रों और वर्ष (2019-20) के 14142 छात्रों की छात्रवृत्ति जो कि तकरीबन 4 करोड़ 36 लाख रुपए है उसका वहन भी राज्य सरकार ने इसी वित्तीय वर्ष के बजट से राज्यांश के रूप में करने का फैसला लिया है.

ये भी पढ़ें: पराक्रम दिवस पर देश को सैन्य धाम का तोहफा, PM मोदी के सपने का CM त्रिवेंद्र ने किया शिलान्यास

छात्रवृत्ति आवेदन को लेकर भी कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है. ऑनलाइन फॉर्म भरते समय पहले अगर कोई गलती हो जाती थी तो वह फॉर्म निरस्त कर दिया जाता था. अब इसमें बदलाव करते हुए ऑनलाइन फॉर्म भरते समय हुई गलती को सुधारने का मौका दिया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के ऊपर होगी. यानी अब ऑनलाइन छात्रवृत्ति फॉर्म भरते समय यदि त्रुटि होती है तो उसे अस्थाई रूप से निरस्त किया जाएगा.

देहरादून: शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में समाज कल्याण विभाग के तहत दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. कई सालों से लटकी हुई छात्रवृत्ति को लेकर राज्य सरकार द्वारा बजट को मंजूरी दी गई.

कैबिनेट बैठक के बाद मदन कौशिक ने मीडिया को फैसलों की जानकारी दी. मदन कौशिक ने बताया कि पिछले वर्ष 2017-18 और 2018-19 में केन्द्र से छात्रवृत्ति न मिलने के कारण 22 हजार 492 छात्र वंचित रह गए थे. कैबिनेट में फैसला लिया गया कि चल रहे इसी वित्त वर्ष के बजट से अनुसूचित जाति की नौवीं, दसवीं के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए उनकी मांग के अनुसार मिले कम पैसे का भुगतान राज्य सरकार करेगी जो कि 3 करोड़ 79 लाख है.

इसके अलावा ओबीसी की छात्रवृत्ति में वर्ष (2018-19) के 6007 छात्रों और वर्ष (2019-20) के 14142 छात्रों की छात्रवृत्ति जो कि तकरीबन 4 करोड़ 36 लाख रुपए है उसका वहन भी राज्य सरकार ने इसी वित्तीय वर्ष के बजट से राज्यांश के रूप में करने का फैसला लिया है.

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छात्रवृत्ति आवेदन को लेकर भी कैबिनेट में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है. ऑनलाइन फॉर्म भरते समय पहले अगर कोई गलती हो जाती थी तो वह फॉर्म निरस्त कर दिया जाता था. अब इसमें बदलाव करते हुए ऑनलाइन फॉर्म भरते समय हुई गलती को सुधारने का मौका दिया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के ऊपर होगी. यानी अब ऑनलाइन छात्रवृत्ति फॉर्म भरते समय यदि त्रुटि होती है तो उसे अस्थाई रूप से निरस्त किया जाएगा.

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