देहरादून: लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड में कामकाज बंद होने से रोजी-रोटी के संकट में फंसे बिहार मूल के हजारों प्रवासी अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. राज्य सरकार द्वारा इसकी व्यवस्था न किए जाने से ये लोग अब देहरादून से प्राइवेट बसों को बुक करा रहे हैं. लेकिन बस का किराया हवाई जहाज से भी महंगा पड़ रहा है. बिहारी प्रवासियों के मुताबिक सामान्य समय में उनको देहरादून से बिहार पहुंचने के लिए ₹700 तक का खर्चा आता है. अभी कोरोना काल में उनको प्रति व्यक्ति सीट के हिसाब से 4 हजार से ज्यादा चुकाने पड़ रहे हैं.
देहरादून शहर में कामकाज बंद होने के चलते अपने घर लौटने की जिद में अड़े बिहार प्रवासियों की मानें तो उन्होंने कई प्राइवेट बस बुक कराई हैं. इन बसों में 26 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के रूप में ले जाने की बात तय हुई है. बस कंपनी द्वारा ₹80 प्रति किलोमीटर के हिसाब से बिहार के संबंधित इलाके में पहुंचाने का रेट तय हुआ है. ऐसे में बिहार के हरैया, भागलपुर और दरभंगा जैसे इलाकों तक पहुंचने के लिए हवाई जहाज से भी महंगा किराया (4,300) चुकाना पड़ रहा है.
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श्रमिकों का कहना है कि उन्होंने जिला प्रशासन से पास बनाने की मांग की है. जैसे ही पास मिल जाएगा, उसी के मुताबिक घर वापसी का सफर शुरू हो जाएगा. सरकार से किसी तरह की मदद न मिलने से निराश बिहार के श्रमिकों का कहना है कि लॉकडाउन में रोजी-रोटी का संकट दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. उधर, बिहार में धान की खेती का समय आ गया है ऐसे में वह अपने घर लौट कर परिवार की मदद कर खेती किसानी कर अपना गुजारा करने जा रहे हैं.