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Ganesh Chaturthi 2023: उत्तराखंड में गणेश चतुर्थी की धूम, खिले मूर्तिकारों के चेहरे, राम मंदिर वाली मूर्तियों की बंपर डिमांड

महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों की तरह उत्तराखंड में गणेश उत्सव की धूम है. देवभूमि में भी लोग धूमधाम से बप्पा के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं. वहीं इस बार भगवान की गणेश की मूर्तियों की काफी डिमांड बढ़ गई है, जिससे मूर्तिकारों से चेहरे खिले हुए हैं.

Ganesh Chaturthi
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 18, 2023, 1:19 PM IST

Updated : Sep 18, 2023, 4:12 PM IST

उत्तराखंड में गणेश चतुर्थी की धूम

देहरादून: देशभर में आज 18 सितंबर को गणेश उत्सव की धूम है. उत्तराखंड में पिछले कई सालों से बड़े स्तर पर गणेश उत्सव पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इस साल भी गणेश उत्सव पर उत्तराखंड के बाजार सजे हुए हैं. आज गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश जी को विराजमान कर रहे हैं. इस साल भगवान गणेश की मूर्तियों में अयोध्या राम मंदिर की झलक भी देखने को मिल रही है.

गणेश चतुर्थी पर लोगों ने अपने घरों में गणपति बप्पा को विराजमान किया. इसके बाद पूरे 9 दिनों तक पूरे विधि विधान से गणेश उत्सव मनाया जायेगा. इसके बाद 28 सितंबर को गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा. उत्तराखंड में अयोध्या राम मंदिर के साथ वाली भगवान गणेश की मूर्तियों की काफी डिमांड है.

Ganesh Chaturthi
राम मंदिर वाली मूर्तियों की बंपर डिमांड
पढ़ें- Weekly Horoscope : कैसा रहेगा आपके लिए यह सप्ताह, जानने के लिए पढ़ें 17 से 23 सितंबर तक का साप्ताहिक राशिफल

भगवान गणेश जी की मूर्ति बनाने वाले नरेंद्र से ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की. नरेंद्र ने बताया कि वो बचपन से ही कुम्हार का काम करते आ रहे हैं. यही उनका पारंपरिक काम है. गणेश चतुर्थी के लिए उन्होंने कुछ विशेष मूर्तियां बनाई थी.

नरेंद्र ने बताया कि उन्होंने दो तरह की मूर्तियां बनाई हैं. एक पीओपी से और दूसरी मिट्टी से. नरेंद्र के मुताबिक पीओपी से बनाई गई मूर्तियों को गलने में समय लगता है, जबकि मिट्टी से बनाई गई मूर्ति आसानी से गल जाती हैं. इसके अलावा पीओपी से बनी मूर्तियों के दाम कम हैं, जबकि मिट्टी से बनी मूर्तियां थोड़ी महंगी हैं.
पढ़ें- Ganesh Chaturthi 2023: घर-घर इस दिन विराजेंगे बप्पा, जानें गणेश चतुर्थी तिथि व शुभ मुहूर्त

नरेंद्र ने बताया कि उन्होंने लोगों के बजट को देखते हुए कई तरह की मूर्तियां बनाई हैं. मिट्टी की उपलब्धता कम होने के चलते पीओपी का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. जो मिट्टी पहले 700 रुपए प्रति ट्रॉली मिलती थी, अब तीन हजार रुपए तक मिलती है. समस्या ये है कि वो भी जररूत के अनुसार उपलब्ध नहीं हो पाती है.

नरेंद्र ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि सरकार ने कुम्हारों को मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए प्लॉट देने की बात कही थी. लेकिन अभी तक प्लॉट नहीं मिल पाया है, जिसके चलते कुम्हारों को मिट्टी की उपलब्धता के लिए तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

उत्तराखंड में गणेश चतुर्थी की धूम

देहरादून: देशभर में आज 18 सितंबर को गणेश उत्सव की धूम है. उत्तराखंड में पिछले कई सालों से बड़े स्तर पर गणेश उत्सव पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इस साल भी गणेश उत्सव पर उत्तराखंड के बाजार सजे हुए हैं. आज गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश जी को विराजमान कर रहे हैं. इस साल भगवान गणेश की मूर्तियों में अयोध्या राम मंदिर की झलक भी देखने को मिल रही है.

गणेश चतुर्थी पर लोगों ने अपने घरों में गणपति बप्पा को विराजमान किया. इसके बाद पूरे 9 दिनों तक पूरे विधि विधान से गणेश उत्सव मनाया जायेगा. इसके बाद 28 सितंबर को गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा. उत्तराखंड में अयोध्या राम मंदिर के साथ वाली भगवान गणेश की मूर्तियों की काफी डिमांड है.

Ganesh Chaturthi
राम मंदिर वाली मूर्तियों की बंपर डिमांड
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भगवान गणेश जी की मूर्ति बनाने वाले नरेंद्र से ईटीवी भारत संवाददाता ने बात की. नरेंद्र ने बताया कि वो बचपन से ही कुम्हार का काम करते आ रहे हैं. यही उनका पारंपरिक काम है. गणेश चतुर्थी के लिए उन्होंने कुछ विशेष मूर्तियां बनाई थी.

नरेंद्र ने बताया कि उन्होंने दो तरह की मूर्तियां बनाई हैं. एक पीओपी से और दूसरी मिट्टी से. नरेंद्र के मुताबिक पीओपी से बनाई गई मूर्तियों को गलने में समय लगता है, जबकि मिट्टी से बनाई गई मूर्ति आसानी से गल जाती हैं. इसके अलावा पीओपी से बनी मूर्तियों के दाम कम हैं, जबकि मिट्टी से बनी मूर्तियां थोड़ी महंगी हैं.
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नरेंद्र ने बताया कि उन्होंने लोगों के बजट को देखते हुए कई तरह की मूर्तियां बनाई हैं. मिट्टी की उपलब्धता कम होने के चलते पीओपी का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. जो मिट्टी पहले 700 रुपए प्रति ट्रॉली मिलती थी, अब तीन हजार रुपए तक मिलती है. समस्या ये है कि वो भी जररूत के अनुसार उपलब्ध नहीं हो पाती है.

नरेंद्र ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि सरकार ने कुम्हारों को मिट्टी उपलब्ध कराने के लिए प्लॉट देने की बात कही थी. लेकिन अभी तक प्लॉट नहीं मिल पाया है, जिसके चलते कुम्हारों को मिट्टी की उपलब्धता के लिए तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

Last Updated : Sep 18, 2023, 4:12 PM IST
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