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देहरादून: आरटीओ ऑफिस में दलाल काट रहे चांदी, अधिकारी बोले- जानकारी ही बचाव

देहरादून आरटीओ में सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के बाद जहां दलालों का बोलबाला कम हो गया था. वहीं, हाल के दिनों में देहरादून आरटीओ में लर्निंग लाइसेंस बनाने को लेकर दलालों के हवाले से ये हल्ला उठा था कि बिना कार्यालय जाए घर बैठे लर्निंग लाइसेंस बना देंगे. जबकि ऐसा संभव नहीं है.

आरटीओ ऑफिस में दलाल काट रहे चांदी, अधिकारी बोले- जानकारी ही बचाव.
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Published : Sep 1, 2019, 3:01 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में आरटीओ ऑफिस में सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होने के बाद भी दलाल चांदी काट रहे हैं. अफसोस की बात यह है कि इसके पीछे की बड़ी वजह विभागीय लापरवाही नहीं बल्कि आपकी खुद की जानकारी की कमी है. जिसको लेकर खुद देहरादून आरटीओ ने आम लोगों से जागरूक रहने की अपील की है.

आरटीओ ऑफिस में दलाल काट रहे चांदी, अधिकारी बोले- जानकारी ही बचाव.

गौर हो कि देहरादून आरटीओ में सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के बाद जहां दलालों का बोलबाला कम हो गया था. वहीं, हाल के दिनों में देहरादून आरटीओ में लर्निंग लाइसेंस बनाने को लेकर दलालों के हवाले से ये हल्ला उठा था कि बिना कार्यालय जाए घर बैठे लर्निंग लाइसेंस बना देंगे. जबकि ऐसा संभव नहीं है. आरटीओ दिनेश पठोई ने कहा कि ऐसा लोगों की जानकारी के अभाव में हो रहा है.

पढ़ें-कोटद्वार: चोरों ने खंगाला इंश्योरेंस कंपनी का ऑफिस, नकदी पर किया हाथ साफ

आरटीओ दिनेश चंद पठोई ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनाने की जरुरत हमें जीवन मे केवल एक बार ही पड़ती है और उसके बाद दोबारा हमें लर्निंग लाइसेंस बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है. लेकिन होता क्या है कि लोगों द्वारा अक्सर लर्निंग लाइसेंस बनाया जाता है, जिसकी अवधि केवल 6 माह की होती है. उसके बाद लोग स्थाई लाइंसेंस के लिए अप्लाई करना होता है. लेकिन लोग अक्सर लर्निंग लाइसेंस बनाने के बाद भूल जाते हैं और काफी समय बाद याद आने पर उन्हें लगता है कि फिर लर्निंग लाइसेंस बनाने के उन्हीं उसी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा. लेकिन ऐसा नहीं होता है और इसी का फायदा ब्रोकर उठाते हैं.

दरअसल, कभी भी आप जब एक बार लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देते हो तो उसके बाद आपको भले ही कुछ अवधि लर्निंग लाइसेंस मिलता है. लेकिन एक्सपायर होने के बाद भी विभागीय नियमों के अनुसार आप कभी भी उसे दोबारा छोटी सी फीस देकर रिन्यूअल करवा सकते है. उसके लिए आपको ड्राइविंग टेस्ट, हस्ताक्षर और फोटो की जरूरत नहीं होती है. जबकि इस प्रक्रिया में दलालों को कोई कार्य नहीं रह गया है. सारी चीजें ऑनलाइन हो गई हैं. साथ ही उन्होंने लोगों को दलालों के बहकावे में न आने की हिदायत दी है. और पुराने रिकॉर्ड से आपकी सारी डिटेल उठा ली जाती है.

लेकिन इन्हीं सब जानकारियों के अभाव ने दलाल द्वारा आवेदक को गुमराह किया जाता है. साथ ही घर बैठे लाइसेंस देने का दावा करते हैं.आरटीओ दिनेश चंद पठोई ने लोगों से अपील की है कि संभागीय परिवहन कार्याल पूरी तरह से पारदर्शी और आपकी सुविधाओं के लिए तत्पर है. अगर आरटीओ में कोई भी व्यक्ति उनसे अधिकृत से पैसे की पेशकश करें तो आप उनके मोबाइल नम्बर ( 9411112160) पर संदेश या कॉल करके इसकी जनकरी दे सकते हैं. जिस पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

देहरादून: राजधानी देहरादून में आरटीओ ऑफिस में सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होने के बाद भी दलाल चांदी काट रहे हैं. अफसोस की बात यह है कि इसके पीछे की बड़ी वजह विभागीय लापरवाही नहीं बल्कि आपकी खुद की जानकारी की कमी है. जिसको लेकर खुद देहरादून आरटीओ ने आम लोगों से जागरूक रहने की अपील की है.

आरटीओ ऑफिस में दलाल काट रहे चांदी, अधिकारी बोले- जानकारी ही बचाव.

गौर हो कि देहरादून आरटीओ में सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के बाद जहां दलालों का बोलबाला कम हो गया था. वहीं, हाल के दिनों में देहरादून आरटीओ में लर्निंग लाइसेंस बनाने को लेकर दलालों के हवाले से ये हल्ला उठा था कि बिना कार्यालय जाए घर बैठे लर्निंग लाइसेंस बना देंगे. जबकि ऐसा संभव नहीं है. आरटीओ दिनेश पठोई ने कहा कि ऐसा लोगों की जानकारी के अभाव में हो रहा है.

पढ़ें-कोटद्वार: चोरों ने खंगाला इंश्योरेंस कंपनी का ऑफिस, नकदी पर किया हाथ साफ

आरटीओ दिनेश चंद पठोई ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनाने की जरुरत हमें जीवन मे केवल एक बार ही पड़ती है और उसके बाद दोबारा हमें लर्निंग लाइसेंस बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है. लेकिन होता क्या है कि लोगों द्वारा अक्सर लर्निंग लाइसेंस बनाया जाता है, जिसकी अवधि केवल 6 माह की होती है. उसके बाद लोग स्थाई लाइंसेंस के लिए अप्लाई करना होता है. लेकिन लोग अक्सर लर्निंग लाइसेंस बनाने के बाद भूल जाते हैं और काफी समय बाद याद आने पर उन्हें लगता है कि फिर लर्निंग लाइसेंस बनाने के उन्हीं उसी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा. लेकिन ऐसा नहीं होता है और इसी का फायदा ब्रोकर उठाते हैं.

दरअसल, कभी भी आप जब एक बार लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देते हो तो उसके बाद आपको भले ही कुछ अवधि लर्निंग लाइसेंस मिलता है. लेकिन एक्सपायर होने के बाद भी विभागीय नियमों के अनुसार आप कभी भी उसे दोबारा छोटी सी फीस देकर रिन्यूअल करवा सकते है. उसके लिए आपको ड्राइविंग टेस्ट, हस्ताक्षर और फोटो की जरूरत नहीं होती है. जबकि इस प्रक्रिया में दलालों को कोई कार्य नहीं रह गया है. सारी चीजें ऑनलाइन हो गई हैं. साथ ही उन्होंने लोगों को दलालों के बहकावे में न आने की हिदायत दी है. और पुराने रिकॉर्ड से आपकी सारी डिटेल उठा ली जाती है.

लेकिन इन्हीं सब जानकारियों के अभाव ने दलाल द्वारा आवेदक को गुमराह किया जाता है. साथ ही घर बैठे लाइसेंस देने का दावा करते हैं.आरटीओ दिनेश चंद पठोई ने लोगों से अपील की है कि संभागीय परिवहन कार्याल पूरी तरह से पारदर्शी और आपकी सुविधाओं के लिए तत्पर है. अगर आरटीओ में कोई भी व्यक्ति उनसे अधिकृत से पैसे की पेशकश करें तो आप उनके मोबाइल नम्बर ( 9411112160) पर संदेश या कॉल करके इसकी जनकरी दे सकते हैं. जिस पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

Intro:summary-- लर्निंग लाइसेन्स बनवाने के लिए ना पड़े दलालों के चक्कर में, ब्रोकर को पैसे देने से पहले जान ले अपने फायदे की ये बात।

एंकर- देहरादून RTO में लाख सख्ताई के बाद भी आरटीओ के बाहर मोजूद दलाल कोई ना कोई तरकीब आपकी जेब काटने को लेकर निकाल देते हैं और अफसोस कि बात यह है कि इसके पीछे की बड़ी वजह विभागीय लापरवाही निहि बल्कि आपकी खुद की जानकारी की कमी है जिसको लेकर आज खुद देहरादून आरटीओ ने आम लोगों से जागरूक रहने की अपील की है। क्या है पूरा मामला और कैसे दलाल आपकी जेब पर डाका डाल रहें हैं जानिए हमारी इस श्पेशल रिपोर्ट में।


Body:वीओ- देहरादून आरटीओ में सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के बाद जहां दलालों का बोल बाला कम हो गया था तो वहीं हाल के दिनों में देहरादून आरटीओ में लर्निंग लाइसेंस बनाने को लेकर दलालों के हवाले से ये हल्ला उठा था कि बिना कार्यालय जाए दलाल आमुख पैसे ले कर आपका घर बैठे लर्निंग लाइसेंस बना देगा जबकि ऐसा सम्भव नही है लेकिन आज etv भारत से बात करते हुए खुद आरटीओ दिनेश पाथोई ने कहा कि ऐसा हो रहा है जिसके पीछे केवल ओर केवल लोगों की जानकारी का अभाव है।

आरटीओ दिनेश चंद पठोई ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस बनाने की जरुरत हमे जीवन मे केवल एक बार ही पड़ती है और उसके बाद दुबारा हमे लर्निंग लाइसेंस बनाने की जरूरत नही पड़ती है लेकिन होता क्या है कि लोगों द्वारा अक्सर लर्निंग लाइसेंस बनाया जाता है जिसकी अवधि केवल 6 माह की होती है और उसके बाद लोग स्थाई लाइंसेंस के लिए अप्लाई करना होता है लेकिन लोग अक्सर लर्निंग लाइसेंस बनाने के बाद भूल जाते हैं और काफी समय बाद याद आने पर उन्हें लगता है कि अब वापिस लर्निंग लाइसेंस बनाने के लौट फीस से उन्ही प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा लेकिन ऐसा नही होता है और इसी का फायदा ब्रोकर उठाते हैं।

दरसल कभी भी आप जब एक बार लर्निंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देते हो तो उसके बाद आपको भले ही कुछ अवधि का अस्थाई या फिर कह सकते हैं कि लर्निंग लाइसेंस मिलता है लेकिन एक्सपायर होने के बाद भी विभागीय नियमों के अनुसार आप कभी भी उसे दुबारा छोटी सी फीस देकर रिन्यूवल करवा सकते हो उसके लिए आपको ड्राइविंग टेस्ट, हस्ताक्षर और फ़ोटो की जरूरत नही होती है और पुराने रिकॉर्ड से आपकी सारी डिटेल उठा ली जाती है। लेकिन इन्ही सब जानकारियों के अभाव ने दलाल द्वारा आवेदक को गुमराह किया जाता है कि आप मुझे 3 से 4 हजार दीजिए और आपका लर्निंग लाइसेंस आपको आपके घर मे ही मिल जाएगा जबकि उसमे दलाल की कोई भूमिका नही है आप 300₹ अधिकृत विभागीय फीस जमा कर अपना कितने भी साल पुराना लर्निंग लाइसेन्स रिन्यूवल करवा सकते हैं इसजे लिए आपको दलाल के बहकावे में आने की जरूरत नही है।

आरटीओ दिनेश चंद पठोई ने लोगों से अपील की है कि संभागीय परिवहन कार्याल पूरी तरह से पारदर्शी और आपकी सुविधाओं के लिए तत्तपर है और अगर आरटीओ में कोई भी व्यक्ति उनसे अधिकृत से पैसे की पेशकश करें तो आप उनके मोबाइल नम्बर ( 9411112160) पर संदेश या कॉल करके इसकी जनकरी दे सकते हैं। उस आमुख व्यक्ति पर तुरन्त करवाही होगी।

बाइट- दिनेश चंद पठोई, संभागीय परिवहन अधिकारी देहरादून


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