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बीआरओ के अधिकारियों ने सीएम धामी से की मुलाकात, उत्तराखंड में पांच जगह बनाए जाएंगे एयरफील्ड - उत्तराखंड एयरफील्ड

border roads organisation उत्तराखंड में पांच जंगहों पर एयरफील्ड तैयार करेगा. इसको लेकर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से देहरादून में मुलाकात की. इस दौरान बीआरओ के अधिकारियों ने कई अन्य मुद्दों पर भी सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ चर्चा की.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 10, 2024, 4:45 PM IST

देहरादून: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों ने बुधवार 10 जनवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की. बीआरओ के अधिकारियों ने जोशीमठ औली मार्ग की देखभाल का जिम्मा लोक निर्माण विभाग से वापस लेकर दोबारा बीआरओ को देने का आग्रह किया. इस मुलाकात से बाद उम्मीद की जा रही है कि सामरिक दृष्टि के महत्वपूर्ण गुंजी, कालसी, टनकपुर, घनसाली और नवीडांग में कुछ बड़े प्रोजेक्टों पर काम किया जाएगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करने के बाद बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवास ने बताया कि पिथौरागढ़ में बनाई जा रही सड़क का निर्माण तेजी से चल रहा है. बलुआकोट से तवांग घाटी और लिपुलेख से जोलिकोंग तक सड़क निर्माण काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही आदि कैलाश तक सड़क मार्ग को पूरा कर लिया जाएगा, जिसका फायदा कुमाऊं के पर्यटकों को मिलेगा.
पढ़ें- उत्तराखंड में करारी हार के बाद 'आप' का सरेंडर, महीनों से भंग संगठनात्मक कमेटियां, अस्ताचल में पार्टी

वहीं, महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवास ने बताया कि बीआरओ की राज्य में पांच एयरफील्ड बनाने की योजना है, जिसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है. घनसाली, नाविढांग, गुंजी, टनकपुर और कालसी को एयरफील्ड के रूप में विकसित किया जाएगा.

इसके अलावा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवास ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया है कि कि जोशीमठ से लेकर औली तक 13.40 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग में से 2.25 किलोमीटर की सड़क की रखरखाव का जिम्मा भारतीय सेना को दिया जाए. क्योंकि यह सड़क सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इसलिए इसके चौड़ीकरण का काम बेहद जरूरी है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन चाहती है कि इसके चौड़ीकरण का काम भी उन्हें हस्तांतरण कर दिया जाए.
पढ़ें- राम मंदिर आंदोलन की कहानी संत की जुबानी, सालों किया संघर्ष, कई बार गये जेल, फिर भी नहीं डिगी आस्था

इसके अलावा जोशीमठ के अन्य मार्ग जो चीन सीमा तक जाते हैं, उनका कार्य भी बीआरओ को दिया जाए, ताकि काम तेजी से आगे बढ़ सके. महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवास ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर जल्द से जल्द विचार किया जाएगा.

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन जिस तरह से सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क पहुंचने का काम कर रही है, वह बेहद शानदार है. उनके इस कार्य की वजह से राज्य में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. इसके साथ ही आने वाले समय में जिस तरह से कुमाऊं में पिथौरागढ़ और आदि कैलाश के लिए सड़क बनाई जा रही है वह सड़क आने वाले 50 साल की व्यवस्थाओं को देखते हुए बनाई जा रही है. सड़कों से पहाड़ की अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी होगी. राज्य सरकार बीआरओ की हर संभव मदद करेगी.

देहरादून: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों ने बुधवार 10 जनवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की. बीआरओ के अधिकारियों ने जोशीमठ औली मार्ग की देखभाल का जिम्मा लोक निर्माण विभाग से वापस लेकर दोबारा बीआरओ को देने का आग्रह किया. इस मुलाकात से बाद उम्मीद की जा रही है कि सामरिक दृष्टि के महत्वपूर्ण गुंजी, कालसी, टनकपुर, घनसाली और नवीडांग में कुछ बड़े प्रोजेक्टों पर काम किया जाएगा.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करने के बाद बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवास ने बताया कि पिथौरागढ़ में बनाई जा रही सड़क का निर्माण तेजी से चल रहा है. बलुआकोट से तवांग घाटी और लिपुलेख से जोलिकोंग तक सड़क निर्माण काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही आदि कैलाश तक सड़क मार्ग को पूरा कर लिया जाएगा, जिसका फायदा कुमाऊं के पर्यटकों को मिलेगा.
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वहीं, महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवास ने बताया कि बीआरओ की राज्य में पांच एयरफील्ड बनाने की योजना है, जिसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है. घनसाली, नाविढांग, गुंजी, टनकपुर और कालसी को एयरफील्ड के रूप में विकसित किया जाएगा.

इसके अलावा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवास ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया है कि कि जोशीमठ से लेकर औली तक 13.40 किलोमीटर लंबे सड़क मार्ग में से 2.25 किलोमीटर की सड़क की रखरखाव का जिम्मा भारतीय सेना को दिया जाए. क्योंकि यह सड़क सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इसलिए इसके चौड़ीकरण का काम बेहद जरूरी है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन चाहती है कि इसके चौड़ीकरण का काम भी उन्हें हस्तांतरण कर दिया जाए.
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इसके अलावा जोशीमठ के अन्य मार्ग जो चीन सीमा तक जाते हैं, उनका कार्य भी बीआरओ को दिया जाए, ताकि काम तेजी से आगे बढ़ सके. महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवास ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर जल्द से जल्द विचार किया जाएगा.

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन जिस तरह से सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क पहुंचने का काम कर रही है, वह बेहद शानदार है. उनके इस कार्य की वजह से राज्य में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. इसके साथ ही आने वाले समय में जिस तरह से कुमाऊं में पिथौरागढ़ और आदि कैलाश के लिए सड़क बनाई जा रही है वह सड़क आने वाले 50 साल की व्यवस्थाओं को देखते हुए बनाई जा रही है. सड़कों से पहाड़ की अर्थव्यवस्था में बढ़ोत्तरी होगी. राज्य सरकार बीआरओ की हर संभव मदद करेगी.

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