देहरादून: देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के जहन में बार-बार यह सवाल उठ रहा है कि क्या स्तनपान कराने से शिशु में कोरोना संक्रमण पहुंच सकता है ? महिलाओं के जेहन में उठ रहे कुछ ऐसे ही सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने जानी-मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमिता प्रभाकर से खास बातचीत की.
राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई है. कोरोना मरीजों में 85.49 % पुरुष हैं और 15% महिलाएं. ईटीवी भारत के साथ स्तनपान के संबंध में जानकारी साझा करते हुए डॉ. सुमिता प्रभाकर बताती हैं कि अब तक जो भी रिपोर्ट सामने आई हैं, उसके मुताबिक अगर एक कोरोना संक्रमित महिला अपने बच्चे को स्तनपान कराती है तो इससे उसके दूध से उसके बच्चे तक कोरोना संक्रमण नहीं पहुंचेगा. बल्कि मां के दूध में शिशु को कोरोना संक्रमण से बचाने की जबरदस्त क्षमता है. ब्रेस्ट मिल्क में पाई जाने वाली एंटीबॉडी कोरोना से लड़ने में मददगार साबित हो सकती है.
डॉ. सुमिता प्रभाकर बताती हैं कि कोरोना वायरस से जुड़ी अब तक जो भी रिसर्च सामने आई है, उसमें यही बात उभर कर सामने आई है कि कोरोना वायरस ज्यादातर हमारे फेफड़े और सांस की नलियों को प्रभावित करता है. ऐसे में अगर इन रिसर्च पर भरोसा किया जाए तो मां के दूध में कोरोना का संक्रमण नहीं पहुंच सकता. यही कारण है कि चिकित्सक लगातार स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपने बच्चों को स्तनपान कराने की सलाह दे रहे हैं.
स्तनपान कराने वाली महिलाएं इन बातों का रखें विशेष ध्यान
डॉ. सुमिता के अनुसार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कुछ बातों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है. इसमें सबसे पहले महिला को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि जब कभी भी वह अपने बच्चे को स्तनपान कराने जा रही हो तो इससे पहले वह अपने हाथों को जरूर सैनिटाइज कर ले. इसके साथ ही बच्चे को स्तनपान कराते समय जहां तक हो सके अपने मुंह, आंख, नाक पर हाथ न लगाए. यदि स्तनपान कराने वाली महिलाएं इन कुछ बातों का ख्याल रखें तो वह अपने साथ ही अपने शिशु को कोरोना संक्रमण से बचा सकती हैं.