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एक 'पत्थर' को 'तलाश' और 'तराश' कर 'सितारा' बनाने वाले खुद जी रहे मुफलिसी की जिंदगी

75 वर्षीय बिशन आजाद वर्तमान में देहरादून के मोती बाजार के पास एक छोटे से टीन शेड में रहते हैं. वो एक जागरण गायक हैं लेकिन कोरोना के कारण उनके सामने गुजर बसर करने तक का संकट खड़ा हो चुका है. बिशन आजाद को यूं तो उनके नाम से शायद ही कोई पहचाने लेकिन वो हिंदी संगीत इंडस्ट्री की एक बेहतरीन गायिका नेहा कक्कड़ के शुरुआती गुरू रहे हैं.

Neha kakkar first Guru Bishan Azad
Neha kakkar first Guru Bishan Azad
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Published : May 31, 2021, 5:00 PM IST

Updated : Jun 1, 2021, 12:07 AM IST

देहरादून: हर कामयाब इंसान को ऊंचाई तक पहुंचाने के पीछे कई लोगों का हाथ होता है, इसमें सबसे अहम होता है उस शख्स की प्रतिभा निखारने वाले वो हाथ जो तब उसे थामते हैं जब उसका हुनर पैदाइशी दौर में होता है. आज एक ऐसे ही शख्स के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसका तराशा गया पत्थर आज हीरा बन गया है. हम बात कर रहे हैं बिशन आजाद की. भले ही ये नाम मशहूर नहीं लेकिन इनका तराशा और तलाशा हुआ एक हुनर आज दुनिया की म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज कर रहा है.

संगीत इंडस्ट्री का वो जाना-माना नाम है सिंगर नेहा कक्कड़, जिनकी अनोखी आवाज ही आज उनकी पहचान है. नेहा कक्कड़ के ही शुरुआती गुरू हैं बिशन आजाद, जो आज 75 साल के हो चुके हैं और वर्तमान में देहरादून के मोती बाजार के पास एक छोटे से टीन शेड में किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं.

मुफलिसी में सिंगर नेहा कक्कड़ के पहले गुरु बिशन आजाद.

नेहा कक्कड़ ने बॉलीवुड में कदम रखने के बाद कई हिट गाने दिए हैं. लेकिन शायद आप ये नहीं जानते होंगे कि जिस शख्स ने नेहा के हाथ में पहली बार माइक थमाया था वो आज किस हाल में हैं. बिशन आजाद नेहा के पहले गुरू होने के साथ जागरण सिंगर हैं. ये सभी जानते हैं कि बॉलीवुड में अपना सिक्का जमाने से पहले नेहा खुद भी जागरण सिंगर रही हैं.

7 साल की नेहा से मिले थे आजाद

ईटीवी भारत की टीम जब बिशन आजाद से मिलने पहुंची तो ये देखकर हैरान रह गई कि आखिर वो अपनी जिंदगी कैसे गुजार रहे हैं. बिशन आजाद बताते हैं कि नेहा कक्कड़ से उनकी पहली मुलाकात तब हुई थी जब वो केवल 7 साल की थीं. उनकी मुलाकात एक जागरण के दौरान ही हुई थी. ईटीवी भारत की टीम जब बिशन आजाद से मिलने पहुंची तो ये देखकर हैरान रह गई कि आखिर वो अपनी जिंदगी कैसे गुजार रहे हैं. क्योंकि नेहा को बचपन से ही गायिकी का शौक था तो उस जागरण कार्यक्रम में नेहा की मां ने ही उन्हें कहा था कि उनकी बेटी माइक पर गाना चाहती है और तब उन्होंने नेहा को माइक थमाकर जागरण के मंच पर गाने का मौका दिया.

Neha kakkar first Guru Bishan Azad
नेहा कक्कड़ ने इंस्टाग्राम पर शेयर की तस्वीर.

पहली मुलाकात में ही परख लिया था 'हीरा'

बस यहीं से उन्होंने नेहा की प्रतिभा को समझ लिया था. पहली बार जब जागरण में नेहा कक्कड़ और सोनू कक्कड़ दोनों एक साथ अपने परिवार के साथ आए थे तो उनके गुरू को भी नहीं पता था कि आने वाले समय में नेहा उनका इस तरह से साथ देगी और हुआ भी यही. पहली बार जब नेहा ने बिशन आजाद के कहने पर माइक हाथ में पकड़ा उसके बाद फिर नेहा रुकी नहीं. नेहा की आवाज सुन बिशन आजाद ने उन्हें अपने जागरण टीम का हिस्सा बना लिया. उसके बाद से उनकी देखरेख में नेहा लगातार जागरण में गाती रहीं. उनके नटखटपन को देखकर लोग उनकी आवाज सुनने की ज्यादा डिमांड करने लगे और बस यहीं से शुरू हो गया नेहा के फर्श से अर्श तक का सफर.

Neha kakkar first Guru Bishan Azad
टिनशेड में जीवन गुजार रहे नेहा के गुरू बिशन आजाद.

बिशन को नेहा पर गर्व

बिशन बताते हैं कि उन्हें गर्व है कि वह बच्ची जिसके नन्हे हाथों में उन्होंने पहली बार माइक थमाया था, वो बच्ची आज बड़ी होकर अपनी गायिकी से देश का नाम रोशन कर रही है. इससे भी बड़ी खुशी की बात ये है कि नेहा कक्कड़ एक मुकाम हासिल करने के बावजूद भी उन्हें भूली नहीं है. इसी साल होली पर वो नेहा के ऋषिकेश स्थित घर पहुंचे थे, तब नेहा और उनके पति ने उन्हें वही इज्जत दी जो एक शिष्य अपने गुरू को देता है.

Neha kakkar first Guru Bishan Azad
सिंगर नेहा कक्कड़ और बिशन आजाद.

बिशन आजाद के बारे में जानने के बाद पड़ोसी भी 'हैरान'

उधर, मोती बाजार निवासी आशीष सक्सेना बताते हैं कि बिशन बीते कई सालों से उनके पड़ोस में निवास करते आ रहे हैं लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं चल सका था कि वो नेहा के पहले गुरु हैं. इस बात का पता उन्हें तब चला जब गायिका नेहा कक्कड़ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में उनके साथ की एक तस्वीर साझा की थी. फिलहाल बिशन आजाद मुफलिसी की जिंदगी बिता रहे हैं ऐसे में उनके पड़ोसी उनको समय-समय पर राशन मुहैया कराते रहते हैं.

पढे़ं- उत्तराखंड में 8 जून तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, जानें- क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद

मोती बाजार में अकेले रहते हैं बिशन

बता दें, बिशन आजाद देहरादून के मोती बाजार के पास अकेले ही रहते हैं. बिशन बताते हैं कि माता पिता और भाई बहनों की जिम्मेदारी के चलते उन्होंने कभी शादी नहीं की. किसी तरह वह टीन शेड में रहकर ही अपना जीवन गुजार रहे हैं. ईटीवी भारत के माध्यम से बिशन आजाद कहते हैं कि कोरोना काल में जागरण गायकों के सामने परिवार के भरण-पोषण तक का संकट खड़ा हो गया है. इस स्थिति में सरकार को जागरण गायकों के विषय में भी कुछ सोचना चाहिए. वर्तमान में 75 साल के बिशन आजाद के सामने भी गुजर बसर करने तक का संकट खड़ा हो चुका है.

देहरादून: हर कामयाब इंसान को ऊंचाई तक पहुंचाने के पीछे कई लोगों का हाथ होता है, इसमें सबसे अहम होता है उस शख्स की प्रतिभा निखारने वाले वो हाथ जो तब उसे थामते हैं जब उसका हुनर पैदाइशी दौर में होता है. आज एक ऐसे ही शख्स के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसका तराशा गया पत्थर आज हीरा बन गया है. हम बात कर रहे हैं बिशन आजाद की. भले ही ये नाम मशहूर नहीं लेकिन इनका तराशा और तलाशा हुआ एक हुनर आज दुनिया की म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज कर रहा है.

संगीत इंडस्ट्री का वो जाना-माना नाम है सिंगर नेहा कक्कड़, जिनकी अनोखी आवाज ही आज उनकी पहचान है. नेहा कक्कड़ के ही शुरुआती गुरू हैं बिशन आजाद, जो आज 75 साल के हो चुके हैं और वर्तमान में देहरादून के मोती बाजार के पास एक छोटे से टीन शेड में किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं.

मुफलिसी में सिंगर नेहा कक्कड़ के पहले गुरु बिशन आजाद.

नेहा कक्कड़ ने बॉलीवुड में कदम रखने के बाद कई हिट गाने दिए हैं. लेकिन शायद आप ये नहीं जानते होंगे कि जिस शख्स ने नेहा के हाथ में पहली बार माइक थमाया था वो आज किस हाल में हैं. बिशन आजाद नेहा के पहले गुरू होने के साथ जागरण सिंगर हैं. ये सभी जानते हैं कि बॉलीवुड में अपना सिक्का जमाने से पहले नेहा खुद भी जागरण सिंगर रही हैं.

7 साल की नेहा से मिले थे आजाद

ईटीवी भारत की टीम जब बिशन आजाद से मिलने पहुंची तो ये देखकर हैरान रह गई कि आखिर वो अपनी जिंदगी कैसे गुजार रहे हैं. बिशन आजाद बताते हैं कि नेहा कक्कड़ से उनकी पहली मुलाकात तब हुई थी जब वो केवल 7 साल की थीं. उनकी मुलाकात एक जागरण के दौरान ही हुई थी. ईटीवी भारत की टीम जब बिशन आजाद से मिलने पहुंची तो ये देखकर हैरान रह गई कि आखिर वो अपनी जिंदगी कैसे गुजार रहे हैं. क्योंकि नेहा को बचपन से ही गायिकी का शौक था तो उस जागरण कार्यक्रम में नेहा की मां ने ही उन्हें कहा था कि उनकी बेटी माइक पर गाना चाहती है और तब उन्होंने नेहा को माइक थमाकर जागरण के मंच पर गाने का मौका दिया.

Neha kakkar first Guru Bishan Azad
नेहा कक्कड़ ने इंस्टाग्राम पर शेयर की तस्वीर.

पहली मुलाकात में ही परख लिया था 'हीरा'

बस यहीं से उन्होंने नेहा की प्रतिभा को समझ लिया था. पहली बार जब जागरण में नेहा कक्कड़ और सोनू कक्कड़ दोनों एक साथ अपने परिवार के साथ आए थे तो उनके गुरू को भी नहीं पता था कि आने वाले समय में नेहा उनका इस तरह से साथ देगी और हुआ भी यही. पहली बार जब नेहा ने बिशन आजाद के कहने पर माइक हाथ में पकड़ा उसके बाद फिर नेहा रुकी नहीं. नेहा की आवाज सुन बिशन आजाद ने उन्हें अपने जागरण टीम का हिस्सा बना लिया. उसके बाद से उनकी देखरेख में नेहा लगातार जागरण में गाती रहीं. उनके नटखटपन को देखकर लोग उनकी आवाज सुनने की ज्यादा डिमांड करने लगे और बस यहीं से शुरू हो गया नेहा के फर्श से अर्श तक का सफर.

Neha kakkar first Guru Bishan Azad
टिनशेड में जीवन गुजार रहे नेहा के गुरू बिशन आजाद.

बिशन को नेहा पर गर्व

बिशन बताते हैं कि उन्हें गर्व है कि वह बच्ची जिसके नन्हे हाथों में उन्होंने पहली बार माइक थमाया था, वो बच्ची आज बड़ी होकर अपनी गायिकी से देश का नाम रोशन कर रही है. इससे भी बड़ी खुशी की बात ये है कि नेहा कक्कड़ एक मुकाम हासिल करने के बावजूद भी उन्हें भूली नहीं है. इसी साल होली पर वो नेहा के ऋषिकेश स्थित घर पहुंचे थे, तब नेहा और उनके पति ने उन्हें वही इज्जत दी जो एक शिष्य अपने गुरू को देता है.

Neha kakkar first Guru Bishan Azad
सिंगर नेहा कक्कड़ और बिशन आजाद.

बिशन आजाद के बारे में जानने के बाद पड़ोसी भी 'हैरान'

उधर, मोती बाजार निवासी आशीष सक्सेना बताते हैं कि बिशन बीते कई सालों से उनके पड़ोस में निवास करते आ रहे हैं लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं चल सका था कि वो नेहा के पहले गुरु हैं. इस बात का पता उन्हें तब चला जब गायिका नेहा कक्कड़ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में उनके साथ की एक तस्वीर साझा की थी. फिलहाल बिशन आजाद मुफलिसी की जिंदगी बिता रहे हैं ऐसे में उनके पड़ोसी उनको समय-समय पर राशन मुहैया कराते रहते हैं.

पढे़ं- उत्तराखंड में 8 जून तक बढ़ा कोरोना कर्फ्यू, जानें- क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद

मोती बाजार में अकेले रहते हैं बिशन

बता दें, बिशन आजाद देहरादून के मोती बाजार के पास अकेले ही रहते हैं. बिशन बताते हैं कि माता पिता और भाई बहनों की जिम्मेदारी के चलते उन्होंने कभी शादी नहीं की. किसी तरह वह टीन शेड में रहकर ही अपना जीवन गुजार रहे हैं. ईटीवी भारत के माध्यम से बिशन आजाद कहते हैं कि कोरोना काल में जागरण गायकों के सामने परिवार के भरण-पोषण तक का संकट खड़ा हो गया है. इस स्थिति में सरकार को जागरण गायकों के विषय में भी कुछ सोचना चाहिए. वर्तमान में 75 साल के बिशन आजाद के सामने भी गुजर बसर करने तक का संकट खड़ा हो चुका है.

Last Updated : Jun 1, 2021, 12:07 AM IST
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