ETV Bharat / state

डोईवाला लाया गया शहीद जगेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर, त्रिवेंद्र ने कहा- व्यर्थ नहीं जाएगा बलिदान

डोईवाला में कान्हर वाला के रहने वाले 35 वर्षीय जगेंद्र सिंह सियाचिन में ग्लेशियर की चपेट में आने से शहीद हो गए थे. शहीद जगेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कान्हर वाला लाया गया है. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया.

martyr jagender singh
martyr jagender singh
author img

By

Published : Feb 25, 2022, 10:19 AM IST

Updated : Feb 25, 2022, 11:57 AM IST

डोईवाला: सियाचिन में ग्लेशियर की चपेट में आने से हवलदार जगेंद्र सिंह शहीद हो गए थे. शहीद जगेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव डोईवाला के कान्हर वाला गांव लाया गया है. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया. इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. शहीद का अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया जाएगा.

ग्लेशियर की चपेट में आ गए थे जगेंद्र: बता दें कि, सियाचिन में तैनात जगेंद्र सिंह 20 फरवरी को गश्त के दौरान ग्लेशियर की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे. सियाचिन के बेस अस्पताल में 21 फरवरी की रात उनका निधन हो गया था. डोईवाला के कान्हर वाला निवासी हवलदार गजेंद्र सिंह (35) चौहान पुत्र राजेंद्र सिंह चौहान के निधन की सूचना से पूरे भानियावाला में शोक की लहर दौड़ गई. जगेंद्र सिंह चौहान 325 लाइट एडी बटालियन में हवलदार थे. 2007 में वे सेना में भर्ती हुए थे. वर्तमान में उनकी बटालियन सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थी.
पढ़ें: सियाचिन में ग्लेशियर की चपेट में आने से डोईवाला का जवान शहीद, शोक की लहर

पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि जगेंद्र सिंह के शहीद होने की खबर से पूरा डोईवाला शोकाकुल है. आज शहीद का पार्थिव शरीर घर लाया गया है. सभी ने शहीद को अंतिम विदाई दी. हरिद्वार में शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा. बता दें कि, जगेंद्र सिंह के पिता राजेंद्र सिंह चौहान भी सेना में सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. घर में माता विमला देवी चौहान, पत्नी किरण चौहान, भाई अजेंद्र मनमोहन हैं. वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि डोईवाला के इस सपूत का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और अपने बलिदान के लिए हमेशा-हमेशा जवान को याद किया जाएगा.

परिजनों का कहना है कि जगेंद्र सिंह अंतिम बार अगस्त 2021 में अपने घर आए थे. उसके बाद वह सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे और उन्होंने परिजनों से बातचीत में 25 फरवरी को छुट्टी आने के लिए बोला था. लेकिन इससे पहले ही उनके शहीद होने की सूचना घर पर पहुंच गई.

डोईवाला: सियाचिन में ग्लेशियर की चपेट में आने से हवलदार जगेंद्र सिंह शहीद हो गए थे. शहीद जगेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव डोईवाला के कान्हर वाला गांव लाया गया है. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन हो गया. इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. शहीद का अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया जाएगा.

ग्लेशियर की चपेट में आ गए थे जगेंद्र: बता दें कि, सियाचिन में तैनात जगेंद्र सिंह 20 फरवरी को गश्त के दौरान ग्लेशियर की चपेट में आने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे. सियाचिन के बेस अस्पताल में 21 फरवरी की रात उनका निधन हो गया था. डोईवाला के कान्हर वाला निवासी हवलदार गजेंद्र सिंह (35) चौहान पुत्र राजेंद्र सिंह चौहान के निधन की सूचना से पूरे भानियावाला में शोक की लहर दौड़ गई. जगेंद्र सिंह चौहान 325 लाइट एडी बटालियन में हवलदार थे. 2007 में वे सेना में भर्ती हुए थे. वर्तमान में उनकी बटालियन सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थी.
पढ़ें: सियाचिन में ग्लेशियर की चपेट में आने से डोईवाला का जवान शहीद, शोक की लहर

पूर्व ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि जगेंद्र सिंह के शहीद होने की खबर से पूरा डोईवाला शोकाकुल है. आज शहीद का पार्थिव शरीर घर लाया गया है. सभी ने शहीद को अंतिम विदाई दी. हरिद्वार में शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा. बता दें कि, जगेंद्र सिंह के पिता राजेंद्र सिंह चौहान भी सेना में सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. घर में माता विमला देवी चौहान, पत्नी किरण चौहान, भाई अजेंद्र मनमोहन हैं. वहीं पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि डोईवाला के इस सपूत का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और अपने बलिदान के लिए हमेशा-हमेशा जवान को याद किया जाएगा.

परिजनों का कहना है कि जगेंद्र सिंह अंतिम बार अगस्त 2021 में अपने घर आए थे. उसके बाद वह सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे और उन्होंने परिजनों से बातचीत में 25 फरवरी को छुट्टी आने के लिए बोला था. लेकिन इससे पहले ही उनके शहीद होने की सूचना घर पर पहुंच गई.

Last Updated : Feb 25, 2022, 11:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.