मसूरी: दून रोपवे परियोजना को लेकर शिफन कोर्ट से बेघर 84 परिवार और मसूरी सामाजिक संस्था के लोग 2 सितंबर को मसूरी गोलीकांड दिवस के मौके पर भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाएंगे. ये विरोध प्रदर्शन मसूरी के शहीद स्थल पर आयोजित किया जाएगा.
मसूरी माउंट रोड पर आयोजित प्रेस वार्ता में आंदोलन के संयोजक प्रदीप भंडारी ने कहा भाजपा सरकार द्वारा शिफन कोर्ट से बेघर हुए 84 परिवारों को 1 साल बीत जाने के बाद भी घर नहीं दिये गये हैं. इससे लोग काफी मायूस हैं. ऐसे में 2 सितंबर मसूरी गोलीकांड के दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम का भी बहिष्कार किया जाएगा. कोई भी कार्यक्रम शहीद स्थल पर आयोजित नहीं किया जा रहा है. मसूरी में शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचने वाले भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाकर विरोध किया जाएगा. उन्होंने कहा उनका पूरा प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से होगा.
पढ़ें- NIM में बना देश का पहला इंडोर स्पोर्ट्स क्लाइम्बिंग सेंटर
वहीं, कमल भंडारी ने कहा उन्हें पूरा अंदेशा है कि उनके आंदोलन को भाजपा कुचलने की कोशिश करेगी. ऐसे में कुछ असामाजिक तत्वों को भेजकर उनके आंदोलन को खराब कर सकती है. ऐसे में इस पूरे आंदोलन में अगर किसी प्रकार का उपद्रव होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी भाजपा की होगी.पढ़ें- श्रीराम मंदिर संघर्ष पर लिखी पुस्तक को लेकर भट्ट ने PM से की चर्चा, 21 देशों में किया जाएगा विमोचन
मसूरी शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव अग्रवाल ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में बहुत ज्यादा अंतर है. भाजपा के विधायक और कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी बड़ी-बड़ी बातें जरूर कर रहे हैं, परंतु धरातल पर कुछ नहीं है. शिफन कोर्ट के लोगों को विस्थापित करने के लिए अभी तक कोई योजना नहीं बनाई गई है. जिससे लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने कहा नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा में शिफन कोर्ट के प्रश्न को रखा, जिसमें शहरी विकास मंत्री ने शिफन कोर्ट के लोगों को विस्थापित करने का आश्वासन दिया. मगर विस्थापन कब होगा इस बारे में कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया.
पढ़ें- बदरीनाथ हाईवे मलबा गिरने से पागल नाले के समीप बाधित, NHIDCL ने खोला मार्ग
उन्होंने कहा कि कल वह शिफन कोर्ट के लोगों के प्रदर्शन का समर्थन करेंगे. वे उनकी लड़ाई तब तक लड़ते रहेंगे जब तक शिफन कोर्ट के लोगों का विस्थापन नहीं किया जाता.