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केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामला: कहां गायब हुआ 207 किलो सोना? गणेश गोदियाल ने छोड़े सवालों के 'तीर', मामले की SIT जांच की मांग

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने केदारनाथ मंदिर में सोने की परत मामले पर सरकार को घेरा है. साथ ही उन्होंने बीकेटीसी अध्यक्ष से कई सवाल किये हैं. गणेश गोदियाल ने केदारनाथ मंदिर की दीवारों पर लगाई गई सोने की प्लेट्स की जांच विशेषज्ञ एसआईटी से कराने की मांग की है.

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामला
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Published : Jun 21, 2023, 3:48 PM IST

Updated : Jun 21, 2023, 5:23 PM IST

केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामला

देहरादून: केदारनाथ गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में पूर्व पीसीसी चीफ और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मोर्चा खोल दिया है. गणेश गोदियाल ने मौजूदा बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजेय सहित धामी सरकार को इस मामले में कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने केदारनाथ गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत को लेकर फैल रही अफवाहों को लेकर बीकेटीसी अध्यक्ष पर निशाना साधा है.

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा जब गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया जा रहा था तब बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि दानी 230 किलो सोना दान करके केदारनाथ गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करना चाहते हैं, लेकिन जब सोशल मीडिया पर सोने की गुणवत्ता पर सवाल उठे तब बीकेटीसी अध्यक्ष ने केवल 23 किलो सोने की बात कही. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 207 किलो सोना कहां चला गया? गणेश गोदियाल ने कहा 2013-14 में जब वह बीकेटीसी के अध्यक्ष थे, तब इसी व्यापारी ने उनसे 500 किलो सोना केदारनाथ में चढ़ाने की बात कही थी, लेकिन उस दौरान हमने जब सवाल उठाए तो उन्होंने सोना दान करने से इंकार कर दिया था.

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामले पर गणेश गोदियाल के सवाल

पढ़ें- आखिर क्यों केदारनाथ धाम से लगातार सामने आ रहे बड़े विवाद? भक्तों की आस्था पर भी पहुंची ठेस!

इसके साथ ही गणेश गोदियाल ने कहा दरअसल, यह मामला सेक्शन 80 जी का है. उन्होंने कहा 2005 में भी इसी कारोबारी ने 50 किलो सोना बदरीनाथ के लिए दिया था. उस सोने का कलर उतरकर तांबा दिखाई दिया था. गोदियाल ने कहा योग दिवस के दिन कांग्रेस इस मामले को उठाकर यह संदेश देना चाहती है कि यह बात कहां तक सत्य है और असत्य है. उन्होंने बताया अज्ञात लोगों द्वारा जब सोना चांदी चढ़ाया जाता है तो ऐसे दान के वर्गीकरण के लिए सुनार बुलाया जाता है और सर्टिफिकेट दिया जाता है. केदारनाथ गर्भगृह में लगाए गए स्वर्ण को बीकेटीसी ने सोना मलवा में रजिस्टर्ड किया है. ऐसे में इसकी सही तरीके से जांच क्यों नहीं की गई?

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
सेक्शन 80 जी क्या है?

पढ़ें- केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगे सोने की पॉलिशिंग का वीडियो वायरल, पुरोहितों ने खोला मोर्चा

गणेश गोदियाल ने सवाल उठाए जिसको सोना बताकर एक्रेलिंग शीट लगाई जाती रही है ताकि उसका कलर न उतरे, ऐसे में क्या अन्य मंदिरों में भी इस तरह की एक्रेलिंग शीट लगाई जाती है? उन्होंने कहा यदि केदारनाथ से सोना गायब हुआ है तो यह हमारी जन्मजात पूंजी पर डाका है. उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सवाल बीकेटीसी पर उठाते हुए कहा बीकेटीसी 230 किलो स्वर्ण मंडित का जवाब दें. इसके अलावा 23 किलो सोने की माप मंदिर समिति को कहां से मिला? इसके साथ ही मंदिर समिति मामले की जांच करके यह बताए कि केदारनाथ गर्भगृह में लगाया गया सोना है या अन्य धातु है? इस बात को भी बीकेटीसी स्पष्ट करे. उन्होंने शंका जताई देश के अन्य मंदिरों में भी ऐसा जाल हो सकता है. उन्होंने सरकार से इस मामले की एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग की.

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामले पर गणेश गोदियाल के सवाल

पढ़ें- पीतल में बदला केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाया गया सोना? तीर्थ पुरोहितों के सवालों पर BKTC ने दिया ये जवाब

इसके साथ ही उन्होंने बीकेटीसी के अध्यक्ष के उस बयान को भी आड़े हाथों लिया है जिसमें उन्होंने कहा कि सोना लगाए जाने का काम आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की देखरेख में किया गया है. उन्होंने कहा सर्वे ऑफ इंडिया को सामने आकर बताना चाहिए कि उनकी इसमें क्या भूमिका रही है?

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामले पर गणेश गोदियाल के सवाल

BKTC कर चुकी है खंडन: दरअसल, इससे पहले विवाद बढ़ने के बाद बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से एक खंडन पत्र जारी करते हुए बताया गया था कि बिना तथ्यों के भ्रामक जानकारी प्रसारित की जा रही है. बीकेटीसी ने बताया था कि एक वीडियो में सोने की लागत एक अरब पंद्रह करोड़ रुपये बताई गई है, जो गलत है. केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है, जिसकी वर्तमान कीमत 14.38 करोड़ रुपये है. वहीं, स्वर्ण जड़ित कार्य के लिए इस्तेमाल कॉपर की प्लेटों का कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है और उनकी कीमत 29 लाख रुपये है. मंदिर समिति ने भ्रामक जानकारी फैलाने पर नियमानुसार विधिक कार्रवाई करने की बात भी कही थी.

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामला

केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामला

देहरादून: केदारनाथ गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में पूर्व पीसीसी चीफ और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने मोर्चा खोल दिया है. गणेश गोदियाल ने मौजूदा बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजेय सहित धामी सरकार को इस मामले में कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने केदारनाथ गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत को लेकर फैल रही अफवाहों को लेकर बीकेटीसी अध्यक्ष पर निशाना साधा है.

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा जब गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया जा रहा था तब बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि दानी 230 किलो सोना दान करके केदारनाथ गर्भगृह को स्वर्ण मंडित करना चाहते हैं, लेकिन जब सोशल मीडिया पर सोने की गुणवत्ता पर सवाल उठे तब बीकेटीसी अध्यक्ष ने केवल 23 किलो सोने की बात कही. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर 207 किलो सोना कहां चला गया? गणेश गोदियाल ने कहा 2013-14 में जब वह बीकेटीसी के अध्यक्ष थे, तब इसी व्यापारी ने उनसे 500 किलो सोना केदारनाथ में चढ़ाने की बात कही थी, लेकिन उस दौरान हमने जब सवाल उठाए तो उन्होंने सोना दान करने से इंकार कर दिया था.

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामले पर गणेश गोदियाल के सवाल

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इसके साथ ही गणेश गोदियाल ने कहा दरअसल, यह मामला सेक्शन 80 जी का है. उन्होंने कहा 2005 में भी इसी कारोबारी ने 50 किलो सोना बदरीनाथ के लिए दिया था. उस सोने का कलर उतरकर तांबा दिखाई दिया था. गोदियाल ने कहा योग दिवस के दिन कांग्रेस इस मामले को उठाकर यह संदेश देना चाहती है कि यह बात कहां तक सत्य है और असत्य है. उन्होंने बताया अज्ञात लोगों द्वारा जब सोना चांदी चढ़ाया जाता है तो ऐसे दान के वर्गीकरण के लिए सुनार बुलाया जाता है और सर्टिफिकेट दिया जाता है. केदारनाथ गर्भगृह में लगाए गए स्वर्ण को बीकेटीसी ने सोना मलवा में रजिस्टर्ड किया है. ऐसे में इसकी सही तरीके से जांच क्यों नहीं की गई?

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
सेक्शन 80 जी क्या है?

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गणेश गोदियाल ने सवाल उठाए जिसको सोना बताकर एक्रेलिंग शीट लगाई जाती रही है ताकि उसका कलर न उतरे, ऐसे में क्या अन्य मंदिरों में भी इस तरह की एक्रेलिंग शीट लगाई जाती है? उन्होंने कहा यदि केदारनाथ से सोना गायब हुआ है तो यह हमारी जन्मजात पूंजी पर डाका है. उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण सवाल बीकेटीसी पर उठाते हुए कहा बीकेटीसी 230 किलो स्वर्ण मंडित का जवाब दें. इसके अलावा 23 किलो सोने की माप मंदिर समिति को कहां से मिला? इसके साथ ही मंदिर समिति मामले की जांच करके यह बताए कि केदारनाथ गर्भगृह में लगाया गया सोना है या अन्य धातु है? इस बात को भी बीकेटीसी स्पष्ट करे. उन्होंने शंका जताई देश के अन्य मंदिरों में भी ऐसा जाल हो सकता है. उन्होंने सरकार से इस मामले की एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग की.

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामले पर गणेश गोदियाल के सवाल

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इसके साथ ही उन्होंने बीकेटीसी के अध्यक्ष के उस बयान को भी आड़े हाथों लिया है जिसमें उन्होंने कहा कि सोना लगाए जाने का काम आर्कलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की देखरेख में किया गया है. उन्होंने कहा सर्वे ऑफ इंडिया को सामने आकर बताना चाहिए कि उनकी इसमें क्या भूमिका रही है?

Kedarnath sanctum sanctorum Controversy
केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामले पर गणेश गोदियाल के सवाल

BKTC कर चुकी है खंडन: दरअसल, इससे पहले विवाद बढ़ने के बाद बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से एक खंडन पत्र जारी करते हुए बताया गया था कि बिना तथ्यों के भ्रामक जानकारी प्रसारित की जा रही है. बीकेटीसी ने बताया था कि एक वीडियो में सोने की लागत एक अरब पंद्रह करोड़ रुपये बताई गई है, जो गलत है. केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है, जिसकी वर्तमान कीमत 14.38 करोड़ रुपये है. वहीं, स्वर्ण जड़ित कार्य के लिए इस्तेमाल कॉपर की प्लेटों का कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है और उनकी कीमत 29 लाख रुपये है. मंदिर समिति ने भ्रामक जानकारी फैलाने पर नियमानुसार विधिक कार्रवाई करने की बात भी कही थी.

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केदारनाथ गर्भगृह विवाद मामला
Last Updated : Jun 21, 2023, 5:23 PM IST
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