देहरादून: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अब फिर से सक्रिय होने जा रही है. इसके लिए कांग्रेस 15 जुलाई से भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दों पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. वहीं बीजेपी का मानना है कि हरीश रावत की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए कांग्रेस ऐसा कदम उठाने जा रही है. वहीं अब बीजेपी-कांग्रेस नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है.
बीजेपी प्रदेश सह मीडिया प्रभारी शादाब शम्स ने कहा कि कांग्रेस में ड्रामेबाजी चल रही है. एक तरफ जहां राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद देशभर में इस्तीफे की पॉलिटिक्स शुरू हो गई है. वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद पूरी कार्यकारिणी भंग हो जाती है. जब हरीश रावत ने अपने पद से इस्तीफा दिया तो कुंजवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम के इस्तीफे पर सवाल उठा दिए. ऐसे में अगर प्रीतम सिंह इस्तीफा देंगे तो प्रदेश कांग्रेस के सभी पदाधिकारियों का जाना तय है. लिहाजा इसी वजह से कांग्रेस में खलबली मची हुई है.
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'हरीश रावत के सक्रिय होने से कांग्रेस में हलचल'
शादाब शम्स ने कहा कि हरीश रावत की जैसे ही गतिविधियां बढ़ती हैं, वैसे ही कांग्रेस में हलचल पैदा हो जाती है. प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों को लगता है कि हरीश रावत जिस तरह अपनी बड़ी दावेदारी राष्ट्रीय कांग्रेस में दिखा रहे हैं, ऐसे में वो प्रदेश अध्यक्ष के भी दावेदार होंगे. इसी वजह से जब से हरदा ने इस्तीफा दिया तब से प्रीतम सिंह गुट में खलबली मची हुई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आपस की लड़ाई से जूझ रही है.
कांग्रेस का भाजपा पर पलटवार
वहीं कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने इस मामले में कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी से भाजपा को नींद क्यों नहीं आ रही है. अगर कांग्रेस में गुटबाजी और खेमेबाजी है तो भाजपा को तो भांग पीकर आराम से सोना चाहिए, भाजपा क्यों परेशान हो रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है, बस एक खेमा है कांग्रेस और इस कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं प्रीतम सिंह. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का समय संघर्ष करने का है और जनता के हक के लिए लड़ने का.
हरदा पर कांग्रेस की सफाई
उन्होंने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के नेता हैं, अगर वो सक्रिय हो रहे हैं तो समझिए कांग्रेस सक्रिय हो रही है. हरीश रावत कांग्रेस के हैं और कांग्रेस हरीश रावत की. इसमें भाजपा को परेशान होने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि जब हरीश रावत सक्रिय हों तो बीजेपी को तकलीफ, जब प्रीतम सिंह सक्रिय हों तब बीजेपी को तकलीफ. अब पूरी कांग्रेस सक्रिय होगी और भाजपा के जन विरोधी फैसले का विरोध करेगी.