देहरादून: केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत तेज है. उपचुनाव को लेकर प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों के प्रत्याशी भी प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही उपचुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं. इसी बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक बयान से सियासत गरमा गई है. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि केदारनाथ उपचुनाव में बीजेपी की दो टीमें काम कर रही है. एक टीम उपचुनाव को जिताना चाहती है तो दूसरी टीम उप चुनाव को हराना चाहती है, ताकि प्रदेश में राजनीतिक भूचाल लाया जा सके.
दरअसल, केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव बीजेपी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. क्योंकि पूर्व में दो विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. लिहाजा, भाजपा किसी भी हाल में इस उपचुनाव को हारना नहीं चाहती है. यही वजह है कि केदारनाथ उपचुनाव के लिए भाजपा ने कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही तमाम नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है. इसके अलावा भाजपा नेता लगातार केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में जमकर प्रचार- प्रसार में जुटे हैं.
वहीं, दूसरी ओर ये उपचुनाव कांग्रेस के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रही है. क्योंकि हाल ही में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को जीत हासिल हुई है. ऐसे में अगर कांग्रेस इस उपचुनाव को भी जीत लेती है तो इससे कांग्रेस संगठन को और अधिक बल मिलेगा. लिहाजा कांग्रेस संगठन उपचुनाव को जीतने के लिए नेताओं की फौज खड़ी कर दी है, जो केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में ताबड़तोड़ प्रचार- प्रसार कर रहे हैं. कुल मिलाकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों केदारनाथ उपचुनाव को जीतने का दावा कर रही हैं.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उपचुनाव को लेकर एक बड़ा बयान देकर राजनीति सरगर्मियां बढ़ा दी है. दरअसल, हरीश रावत ने बीते दिन श्रीनगर में बयान देते हुए कहा कि "कुछ लोग मुख्यमंत्री के दौड़ में हैं, उनके साथ ही जिस तरह से केदारनाथ में काम कर रहे हैं, उससे साफ दिखाई दे रहा है कि अभी मौका है पलट दो. जबकि कुछ लोग जो मुख्यमंत्री के नजदीक हैं वो चीजों को संभाल रहे हैं.
हरीश रावत के बयान पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन ने तंज कसते हुए कहा कि हरदा काफी सीनियर नेता हैं, ऐसे में उन्हें इस पड़ाव में काफी सोच समझकर बयान देना चाहिए. हरीश रावत जो भाजपा में दो गुटों की बात कह रहे हैं वो अपने पार्टी की बात करते हैं. क्योंकि हरीश रावत ने कांग्रेस में काफी गुट तैयार कर दिए हैं. एक दूसरे के पाले में गेंद फेंकने का काम कर रहे हैं. चुनाव हो या ना हो लेकिन हरदा की राजनीति अलग ही चलती है. साथ ही कहा कि कांग्रेस में कई गुट काम कर रहे हैं. उनके प्रभारी अलग चलते हैं, उनके प्रदेश अध्यक्ष अलग चलते हैं और खुद हरदा अलग राह पर चलते हैं.
पूरे मामले पर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि भाजपा के भीतर बहुत ज्यादा अंतर्विरोध है. साथ ही सरकार में भी अंतर्विरोध है. क्योंकि मुख्यमंत्री की राय अलग है मंत्रियों की राय अलग है और पार्टी की राय अलग है. भाजपा विधायक अकेले में अपने दुखों को बयां कर रहे हैं. क्योंकि धामी मंत्रिमंडल में जितने भी मंत्री हैं, उसमें से 80 फीसदी मंत्री कांग्रेस से आए हुए नेता हैं. जिसके चलते भाजपा के विधायकों और नेताओं में असंतोष है. भाजपा के विधायकों और नेताओं के असंतोष की झलक बदरीनाथ में देखने को मिली थी और अब केदारनाथ में भी देखने को मिलेगी.
पढ़ें-केदारनाथ उपचुनाव में BJP की एक टीम पार्टी को हराने में लगी है, ताकि लाया जा सके 'राजनीतिक भूचाल', हरदा ने ये क्यों कहा?