मसूरी: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (uttarakhand assembly elections) से पहले राजनीतिक दल (uttarakhand political parties) अपने-अपने बूथ टीम की मजबूती में जुट गए हैं. भाजपा जहां पन्ना प्रमुखों के जरिए सत्ता प्राप्ति का दावा कर रही है तो प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी राज्य में बूथों के जरिए ही सत्ता हासिल करने का दम भर रही है. जुबानी बयानबाजी के बाद अब राजनीतिक दल जमीन पर चुनावी संग्राम को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं.
गौर हो कि कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में बूथ को लेकर विशेष अभियान शुरू किया है. वहीं सत्ताधारी भाजपा द्वारा पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को बूथों को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है. मसूरी में बीजेपी ने 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' अभियान की शुरूआत की है. अभियान के तहत बीजेपी कार्यकर्ता घर-घर, गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं.
बीजेपी के 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' (Mera Booth Sabse Mazboot) अभियान के तहत बूथों में जाकर लोगों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है. मसूरी के पास टिहरी जनपद के थत्यूड़ क्षेत्र में भाजपा नेता वीरेंद्र राणा के नेतृत्व में बूथों में जाकर लोगों को भाजपा की नीतियों के बारे में अवगत कराया गया. भाजपा नेता वीरेंद्र राणा ने कहा कि भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता 2022 के चुनाव के लिए कमर कस चुका है. भाजपा का 2022 के चुनाव में 60 पार के लक्ष्य को लेकर लगातार काम किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार के निर्देश पर पूरे प्रदेश की बूथ स्तर को मजबूत करने के लिए कार्य किया जा रहा है. जिसके तहत उनके द्वारा रोतू की बेली और अलमस में बूथों का निरीक्षण किया गया. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है.
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'मेरा बूथ सबसे मजबूत' कार्यक्रम में भाजपा बहुत सारी संभावनाएं देख रही है. पूरे प्रदेश में करीब 11 हजार बूथ हैं. एक बूथ पर तीन कार्यकर्ता तैनात रहेंगे. कार्यकर्ताओं के ही लिहाज से देखें तो बूथ के बहाने 33 हजार कार्यकर्ता संगठित हो जाएंगे.