देहरादून: कोरोनेशन अस्पताल में पीपीपी मोड पर इस बार केरल की स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था को टेंडर दे दिया गया है. इस नई कंपनी को काम देने के साथ ही कई सवाल भी खड़े होने लगे हैं. खास बात यह है कि बीजेपी ही प्रदेश प्रवक्ता ने इस संस्था को कुछ राज्यों में ब्लैक लिस्ट होने की बात कहकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध भी किया है.
देहरादून के कोरोनेशन में पिछले 11 सालों से दिल के मरीजों को राहत देने वाले फोर्टिस अस्पताल का अनुबंध इसी साल मार्च में खत्म होने जा रहा है. इस अनुबंध के खत्म होने से पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने नए टेंडर आमंत्रित कर मेडिट्रीना नाम की संस्था का भी चयन कर लिया है लेकिन खास बात यह है कि इस चयन के साथ ही संबंधित संस्था पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं.
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र जुगरान ने केरल की बताई जा रही मेडिट्रीना नाम की संस्था के पुराने ट्रैक रिकॉर्ड को कटघरे में खड़ा किया है और कुछ राज्यों में इसके ब्लैक लिस्ट होने की भी बात कही है. बड़ी बात यह है कि बीजेपी के इस नेता ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी मुलाकात की है और उक्त कंपनी के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए इसे काम ना देने की भी गुजारिश की है.
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बता दें, राजधानी देहरादून में दिल के मरीजों के लिए कम खर्च पर इलाज देने के इरादे से सरकार ने पीपीपी मोड पर अस्पताल को चलाने का निर्णय लिया था, जिसके बाद पहली बार फोर्टिस अस्पताल के साथ अनुबंध किया गया था. 10 साल के अनुबंध के बाद 1 साल का विस्तार भी दिया गया था लेकिन अब इस नई संस्था को स्वास्थ्य विभाग की तरफ से टेंडर के जरिए चयनित किया गया है. राजधानी में मध्यम और गरीब परिवारों के लिए इस अस्पताल को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.