देहरादूनः खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीजेपी पार्टी से निष्कासन को आज एक साल पूरा हो गया है. इस एक साल में उनके तेवर काफी बदले हुए हैं. जिसे देखते हुए अब पार्टी की ओर से नरम रुख अपनाया जा रहा है. बीजेपी का कहना है कि चैंपियन सुधर गए हो तो उनकी जल्द वापसी हो सकती है.
हमेशा अपनी हरकतों से सुर्खियों में बने रहने वाले कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन जब से बीजेपी से निष्कासित हुए हैं, तब से उनमें गजब का परिवर्तन देखने को मिल रहा है. जो कुंवर प्रणव चैंपियन नियमित तौर से किसी ना किसी विवाद के चलते चर्चाओं में रहते थे. वो बीते एक साल से बिल्कुल शांत बैठे हैं. एक साल में उन्होंने कोई भी ऐसी हरकत नहीं की है, जिससे उनकी आलोचना हो.
ये भी पढ़ेंः मदन कौशिक ने राज्य में संचालित योजनाओं की दी जानकारी, यहां जानें कितनी मिलेगी सब्सिडी
ऐसे में प्रदेश बीजेपी संगठन भी उन्हें लगातार मॉनिटर कर रहा है. उनके इस बदलाव को देखते हुए संगठन ने उनके लिए नरम रुख भी इख्तियार कर लिया है. विधायक चैंपियन के बीजेपी से निष्कासन का एक साल पूरा होने पर शासकीय प्रवक्ता मदन मदन कौशिक ने कहा कि कुंवर प्रणव चैंपियन में हैरत अंगेज बदलाव देखने को मिला है. वो एक अनुशासित और विकासशील विधायक के रूप में काम कर रहे हैं. जिससे साफ पता चलता है कि वो अनुशासित बीजेपी संगठन की प्रति आकर्षित हैं.
उन्होंने कहा कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के इस बदले हुए अनुशासित व्यवहार के चलते उन्हें जल्द ही पार्टी में वापस लिया जा सकता है. उसी तरह से अन्य बीजेपी नेताओं ने भी कुंवर प्रणव चैंपियन के इस बदले हुए तेवर का स्वागत करते हुए कहा कि बीजेपी में अनुशासन बेहद जरूरी है. प्रणव चैंपियन अनुशासन में रहते हैं तो उन्हें पार्टी में दोबारा वापस लिया जा सकता है.
इस वजह से चैंपियन को बीजेपी ने पार्टी से किया था निष्कासित
चैंपियन हमेशा विवादित बयानों और अलग-अलग कारनामों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. चैंपियन के बयानों और कारनामों की वजह से कई बार पार्टी को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. हालांकि, बीजेपी ने कई बार चैंपियन को हिदायत भी दी, लेकिन जब वो नहीं मानें तो बाद में उन्हें पार्टी से अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित कर दिया गया.
चैंपियन साल 2016 में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार के खिलाफ बागवत कर नौ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे. साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर हरिद्वार जिले की खानपुर विधानसभा से चुनाव लड़े थे और जीत कर आए थे. चैंपियन फिलहाल बीजेपी से निष्कासित चल रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः हरीश रावत रावत ने मारा ताना- भाजपा सरकार दूसरों की सलाह नहीं सुनती
इससे पहले चैंपियन का तमंचों और शराब के साथ फिल्मी गाने पर ठुमकों का वीडियो वायरल हुआ था. इतना ही नहीं मामला तब पेचीदा हो गया, जब एक निजी चैनल के पत्रकार के साथ बदसलूकी कर दी. जिस पर सूबे की त्रिवेंद्र सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी. जिसके बाद संगठन ने कार्रवाई अमल में लाते हुए उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया.
जबकि, बीते साल 9 जुलाई 2019 को उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. इस वीडियो में वो राज्य के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी भी कर रहे थे. जिसके बाद बीजेपी ने 22 जून को अनुशासनहीनता के आरोप में चैंपियन की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता तीन माह के लिए निलंबित कर दी थी. इन्हीं सब घटनाओं के बाद पार्टी पर चैंपियन को निष्कासित करने का प्रेशर था. इसके बाद पार्टी ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था.