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2022 चुनाव के लिए BJP तैयार, कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का इंतजार

कांग्रेस नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भले ही बीजेपी पर हमलावर हो, लेकिन यह भी सत्य है कि कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी और नेताओं के बीच सिर फुटव्वल किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में पार्टी नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कैसी करती है, ये देखने वाली बात होगी.

सियासी संकट में फंसी बीजेपी और कांग्रेस
सियासी संकट में फंसी बीजेपी और कांग्रेस
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Published : Jul 8, 2021, 4:52 PM IST

Updated : Jul 8, 2021, 5:19 PM IST

देहरादून: पिछले कुछ दिनों से प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी (ruling party BJP) और विपक्षी पार्टी कांग्रेस (opposition party congress) में घमासान देखने को मिल रहा था. बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन (leadership change) को लेकर उठे घमासान को पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dahmi) को सीएम बनाकर शांत कर दिया. वहीं, कांग्रेस अब भी नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पशोपेश में है. ऐसे में चुनावी तैयारी में बीजेपी कांग्रेस से आगे निकलती दिख रही है.

पिछले 4 साल में 2 मुख्यमंत्री बदलने और तीसरे सीएम बनाने को लेकर सत्ता पक्ष विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस, आप और अन्य दल बीजेपी द्वारा नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लगातार हमलावर हैं. वहीं, पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनाए जाने पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में भी नाराजगी की खबरें आ रही थी, जिसे बीजेपी के हाईकमान ने शांत कर दिया.

2022 चुनाव की तैयारी

वहीं, कांग्रेस नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भले ही बीजेपी पर हमलावर हो, लेकिन यह भी सत्य है कि कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी (factionalism in Congress party) और नेताओं के बीच सिर फुटव्वल किसी से छिपी नहीं है. इसी का नतीजा है कि कांग्रेस अभी तक प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का चयन नहीं कर पाई है. ऐसे में कांग्रेस प्रदेश संगठन (Congress State Organization) के भीतर स्थितियां कब तक सामान्य होंगी, ये एक बड़ा सवाल है.

इंदिरा हृदयेश के निधन (Indira Hridayesh passes away) के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर घमासान जारी है. इसी बीच अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह (Congress state president Pritam Singh) को अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: धामी-भट्ट का चुनाव: चुनावी वर्ष में कुमाऊं को साधने की एक कोशिश

जानकारी के अनुसार फिलहाल आलाकमान ने जो फाइनल किये हैं, उसके तहत वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष, विधायक गणेश गोदियाल (MLA Ganesh Godiyal) को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) को चुनाव संचालन समिति (election steering committee) का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

वहीं, भाजपा को विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला करने का एक और मुद्दा मिल गया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स (BJP State Spokesperson Shadab Shams) ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में दम है. इसलिए उन्होंने तत्काल निर्णय ले लिया, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में दम नहीं है, जिसके चलते वह कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. यही वजह है कि कांग्रेस लगातार ना सिर्फ सिमटती जा रही है, बल्कि उनकी पार्टी में गुटबाजी (factionalism in party) भी बढ़ती जा रही है.

बीजेपी के हमलों का जवाब कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress State Spokesperson Garima Dasoni) ने दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा में जो अस्थिरता थी वह मैनमेड थी, लेकिन कांग्रेस में जो अस्थिरता है वह ईश्वर की देन है. क्योंकि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद नेता प्रतिपक्ष के चयन (selection of leader of opposition) की नौबत आयी है. जल्द ही नेता प्रतिपक्ष का चयन कर लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि 2022 में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in 2022) होना है. लिहाजा, सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर चर्चा नहीं हो रही है, बल्कि चुनाव की रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है.

देहरादून: पिछले कुछ दिनों से प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी (ruling party BJP) और विपक्षी पार्टी कांग्रेस (opposition party congress) में घमासान देखने को मिल रहा था. बीजेपी में नेतृत्व परिवर्तन (leadership change) को लेकर उठे घमासान को पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dahmi) को सीएम बनाकर शांत कर दिया. वहीं, कांग्रेस अब भी नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पशोपेश में है. ऐसे में चुनावी तैयारी में बीजेपी कांग्रेस से आगे निकलती दिख रही है.

पिछले 4 साल में 2 मुख्यमंत्री बदलने और तीसरे सीएम बनाने को लेकर सत्ता पक्ष विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस, आप और अन्य दल बीजेपी द्वारा नेतृत्व परिवर्तन को लेकर लगातार हमलावर हैं. वहीं, पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनाए जाने पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में भी नाराजगी की खबरें आ रही थी, जिसे बीजेपी के हाईकमान ने शांत कर दिया.

2022 चुनाव की तैयारी

वहीं, कांग्रेस नेतृत्व परिवर्तन को लेकर भले ही बीजेपी पर हमलावर हो, लेकिन यह भी सत्य है कि कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी (factionalism in Congress party) और नेताओं के बीच सिर फुटव्वल किसी से छिपी नहीं है. इसी का नतीजा है कि कांग्रेस अभी तक प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष का चयन नहीं कर पाई है. ऐसे में कांग्रेस प्रदेश संगठन (Congress State Organization) के भीतर स्थितियां कब तक सामान्य होंगी, ये एक बड़ा सवाल है.

इंदिरा हृदयेश के निधन (Indira Hridayesh passes away) के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर घमासान जारी है. इसी बीच अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह (Congress state president Pritam Singh) को अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: धामी-भट्ट का चुनाव: चुनावी वर्ष में कुमाऊं को साधने की एक कोशिश

जानकारी के अनुसार फिलहाल आलाकमान ने जो फाइनल किये हैं, उसके तहत वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष, विधायक गणेश गोदियाल (MLA Ganesh Godiyal) को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) को चुनाव संचालन समिति (election steering committee) का अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

वहीं, भाजपा को विपक्षी दल कांग्रेस पर हमला करने का एक और मुद्दा मिल गया है. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स (BJP State Spokesperson Shadab Shams) ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में दम है. इसलिए उन्होंने तत्काल निर्णय ले लिया, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व में दम नहीं है, जिसके चलते वह कोई निर्णय नहीं ले पा रही है. यही वजह है कि कांग्रेस लगातार ना सिर्फ सिमटती जा रही है, बल्कि उनकी पार्टी में गुटबाजी (factionalism in party) भी बढ़ती जा रही है.

बीजेपी के हमलों का जवाब कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress State Spokesperson Garima Dasoni) ने दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा में जो अस्थिरता थी वह मैनमेड थी, लेकिन कांग्रेस में जो अस्थिरता है वह ईश्वर की देन है. क्योंकि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद नेता प्रतिपक्ष के चयन (selection of leader of opposition) की नौबत आयी है. जल्द ही नेता प्रतिपक्ष का चयन कर लिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि 2022 में विधानसभा चुनाव (Assembly elections in 2022) होना है. लिहाजा, सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर चर्चा नहीं हो रही है, बल्कि चुनाव की रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है.

Last Updated : Jul 8, 2021, 5:19 PM IST
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