देहरादून: पिछले कई महीनों से बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और देशराज कर्णवाल पार्टी की जमकर किरकिरी करा रहे हैं. दोनों के बीच सुलह करवाने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी रही. इसी मुद्दे को लेकर प्रदेश महामंत्री व विधायक खजानदास की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने बुधवार को बैठक बुलाई थी. विधायक कर्णवाल जांच कमेटी के सामने पेश हुए. इस दौरान उन्होंने अपना पक्ष रखा.
भाजपा के दो विधायकों के बीच चल रहे विवाद पर पार्टी संगठन ने जांच कमेटी गठित की है, जिसकी बुधवार को पहली बैठक थी. इस दौरान चैंपियन दिल्ली में होने के कारण कमेटी के सामने पेश नहीं हो पाए लेकिन विधायक देशराज कर्णवाल ने कमेटी के सामने जाकर अपना पक्ष रखा. अपने बयानों पर विधायक देशराज ने माफीनामा लिखकर जांच समिति को सौंपा है.
पढ़ें- चैंपियन ने खुद को बताया कर्णवाल का बड़ा भाई, कहा- दोनों में सिर्फ मूंछों की लड़ाई
हालांकि, बैठक के बाद बाहर आकर अपना पक्ष रखते हुये कर्णवाल ने कहा कि उन्होंने जांच कमेटी के सामने माफी मांग ली है. ऐसे में यदि उनके बड़े भाई विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन भी माफी मांग लेते हैं तो उनका निष्कासन नहीं होगा. हालांकि, इसके फौरन बाद कर्णवाल को अपना बयान बदलना पड़ा.
उधर, जांच कमेटी के अध्यक्ष खजानदास की मानें तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष द्वारा समझाने के बाद भी बयानबाजी नहीं रुक रही थी, जिस कारण दोनों से बातचीत से लिये कमेटी गठित करनी पड़ी. उन्होंने आगे कहा कि इस मामले पर कमेटी जांच कर रही है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी. समिति में दर्जाधारी राज्यमंत्री विश्वास डाबर और पूर्व विधायक कुलदीप कुमार सदस्य बनाये गए हैं.
पढ़ें- बीजेपी विधायकों के झगड़े में आया नया मोड़, चैंपियन ने देशराज के खिलाफ थाने में दी तहरीर
बता दें कि दोनों विधायकों में सुलह के बाद पार्टी ने अनुशासनहीनता का नोटिस वापस ले लिया था, लेकिन उनके बीच फिर से उपजे विवाद के कारण पार्टी को समिति का गठन करना पड़ा.
क्यों फिर उठा मामला?
गौर हो कि झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल इस विवाद को लेकर हाई कोर्ट पहुंच गये थे. कर्णवाल ने 2007 में रुड़की में दायर एक एफआईआर की जांच 12 साल बाद भी पूरी नहीं होने की शिकायत करते हुए याचिका दायर की थी. इसमें आरोप लगाया है कि पुलिस चैंपियन के दबाव में मामले को लंबित रखे हुए है. कर्णवाल के इसी कदम से भड़के चैंपियन ने कर्णवाल को बुरा-भला कहते हुये उनपर गुंडा एक्ट में कार्रवाई करवाने की बात कही थी.
वहीं, लोकसभा चुनाव में हरिद्वार सीट से अपनी पत्नियों को टिकट दिलवाने की जद्दोजहद में दोनों विधायकों के बीच जुबानी हमले शुरू हुए थे. यहां तक कि चैंपियन ने कर्णवाल को दो-दो हाथ करने की चुनौती भी दे डाली थी.