देहरादून: भारत सरकार के बजट के बाद अब उत्तराखंड सरकार भी राज्य के बजट को लेकर कार्य योजना बनाने में जुट गई है. इस दिशा में त्रिवेंद्र सरकार पहले ही बजट में आम लोगों से राय शुमारी करने की बात कह चुकी है. इसके तहत बुद्धिजीवी वर्ग से भी सरकार बजट को लेकर सुझाव लेने जा रही है. हालांकि विपक्ष इसे केवल दिखावी कसरत के रूप में देख रहा है.
उत्तराखंड का बजट सत्र इस बार गैरसैंण में होने जा रहा है. बजट सत्र को लोक लुभावन और जनता से जुड़ा दिखाने के लिए त्रिवेंद्र सरकार लगातार कोशिशें कर रही है. राज्य सरकार का प्रयास है कि आम लोगों से भी इसके लिए सुझाव लिए जाएं, ताकि जनता की राय भी बजट में शामिल हो सके. इसी कसरत को पूरा करने के लिए बुद्धिजीवियों से सरकार बजट पर चर्चा करने वाली है. इससे पहले केंद्रीय बजट के माध्यम से भी भाजपा सरकार लोगों को लुभाने का प्रयास कर चुकी है.
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उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, लिहाजा सरकार की कोशिशें इस दिशा में पहले से ज्यादा दिखाई दे रही हैं. शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक कहते हैं कि पहले बजट सरकार के फायदे के लिहाज से बनाया जाता था. अब बजट जनता के फायदे के रूप में बनाने की कोशिश की जाती है. केंद्र सरकार ने भी जिस तरह देश भर के राज्यों में बजट के फायदों को बताने की कोशिश की है उसी तरह से उत्तराखंड के बजट को लेकर भी राज्य सरकार बेहतर बजट पेश करने की कोशिश करेगी. उसके फायदे को भी आम जनता तक पहुंचाएगी.
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सरकार का बजट को लेकर आम जनता से संवाद कांग्रेस को नापसंद आना लाजमी है. जाहिर है कि कांग्रेस त्रिवेंद्र सरकार की इस कसरत को फिजूल मान रही है. कांग्रेस का मानना है कि केंद्र की तरह ही उत्तराखंड सरकार भी आम लोगों से बजट में छलावा कर रही है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना कहते हैं कि जिस त्रिवेंद्र सरकार ने पिछले 4 सालों में अब तक कोई काम नहीं किया है ऐसी सरकार से बजट में इस अंतिम वर्ष के दौरान आम जनता को कुछ मिलना मुमकिन नहीं है. सरकार केवल छलावा कर रही है. बजट की रायशुमारी के नाम पर भाजपा जनता को भी भ्रमित कर रही है.