देहरादून: 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीतने वाली बीजेपी बागियों के आगे इन दिनों बेबस नजर आ रही है. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) की तैयारियों में जुटी बीजेपी की मुश्किलें किसी और ने नहीं, बल्कि उन्हीं नेताओं ने बढ़ा रखी है, जो 2016 में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. यही कारण है कि बागियों को बीजेपी काफी अहमियत भी दे रही है. इसकी एक तस्वीर रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के देहरादून दौरे के दौरान दिखी.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 (uttarakhand assembly election 2022) को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय नेता लगातार उत्तराखंड का दौरा कर रहे हैं. रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) भी देहरादून में थे. लेकिन जेपी नड्डा की जो तस्वीरें जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर दिखाई दीं उसने एक बार फिर बागियों की भाजपा में धाक को जाहिर कर दिया है.
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एयरपोर्ट पर यूं तो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत पार्टी के तमाम पदाधिकारी जेपी नड्डा के स्वागत में मौजूद थे. लेकिन जेपी नड्डा ने खास तवज्जो मंत्री हरक सिंह रावत (BJP attention to Harak Singh Rawat), सतपाल महाराज और विधायक उमेश शर्मा काऊ को ही दी. तीनों ही कांग्रेस के बागी नेता हैं.
खुले तौर पर तो नहीं, लेकिन बीजेपी के पुराने कार्यकर्ता और नेताओं के मन में ये खटका जरूर रहा है कि हाईकमान हरक सिंह रावत को ज्यादा अहमियत दे रहा है. क्योंकि हरक सिंह रावत जब भी नाराज होते हैं बीजेपी हाईकमान उन्हें मनाने में जुट जाता है.
वैसे इसके कई कारण हैं, लेकिन इन दिनों हरक सिंह रावत को तवज्जो देने का प्रमुख कारण उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 है. क्योंकि चुनाव से पहले बीजेपी के लिए ये बागी नेता मजबूरी बन गए हैं.
दरअसल, बीजेपी चुनाव से पहले पार्टी में असंतोष नहीं देखना चाहती है. कुछ मामलों में सरकार विरोधी लहर भी बीजेपी को परेशान किए हुए है. ऐसे में कांग्रेस से बराबर की टक्कर का माहौल भी पैदा हो रहा है. लिहाजा भाजपा यह नहीं चाहती कि इस टक्कर को बागियों के खोने से चुनावी लड़ाई को पूरी तरह से हाथ से जाने दिया जाए. यही कारण है कि बागियों के नखरे और उनकी शिकायतों को बड़ी ही गंभीरता से सुना जा रहा है.
हालांकि मंत्री हरक सिंह रावत से जुड़ी नाराजगी को लेकर जेपी नड्डा ने कोई बातचीत नहीं की, लेकिन बागियों की शिकायतों को लेकर हाईकमान आश्वस्त कर चुका है और संभवत उनकी मांगों पर विचार भी किया जा रहा है. कोटद्वार मेडिकल कॉलेज में 25 करोड़ के बजट पर सहमति इसका एक बड़ा संकेत है. यही वजह है कि भाजपा में बागियों के ठाठ होने की बात कह कर पुराने पार्टी नेता परेशान भी दिख रहे हैं.