देहरादून: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कांग्रेस और और शिवसेना के निशाने पर हैं. ऐसे में महाराष्ट्र कांग्रेस व्यक्तिगत टिप्पणियों के साथ ही उत्तराखंड की संस्कृति पर भी निशाना साधना शुरू कर दिया है. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत द्वारा की गई टिप्पणी पर उत्तराखंड भाजपा ने आपत्ति जताते हुए कांग्रेस से माफी मांगने को कहा है.
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महामहीम राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी यांनी टोपी काढून विचार केला तर निश्चितपणे त्यांना आपल्या जबाबदारीची आठवण होईल आणि ते मुख्यमंत्री @OfficeofUT यांची विधानपरिषदेचे सदस्य म्हणून नियुक्ती करतील. ही टोपीच घटनात्मक जबाबदारीच्या आड येत आहे. 🤔 pic.twitter.com/F4gpdrkPPh
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) April 30, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत द्वारा की गई टिप्पणी के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ-साथ उत्तराखंड बीजेपी ने भी निंदा की है. एक तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने ट्वीट कर कांग्रेस को उसकी गलती का एहसास कराया. वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड बीजेपी ने भी बयान जापरी कांग्रेस से प्रदेश की भावना आहत करने पर माफी मांगने को कहा है.
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महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल एवं हमारे आदरणीय श्री @BSKoshyari जी पर की गई अभद्र टिप्पणी देवभूमि की संस्कृति के अहम प्रतीक चिन्ह के अपमान के साथ देश की फौज का भी अपमान है; ज्ञात हो कि इस टोपी का संबंध गढ़वाल रेजिमेंट और कुमाऊँ रेजीमेंट से रहा है । pic.twitter.com/Jf7FmXAbLh
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उत्तराखंड भाजपा के उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता भगत सिंह कोश्यारी की टोपी उनकी ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड की शान है. कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा उनकी टोपी पर की गई टिप्पणी निश्चित तौर से उत्तराखंडवासियों की भावनाओं के साथ कुठाराघात है. इस तरह की टिप्पणी पर कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए.
उत्तराखंडी टोपी का इतिहास:
भगत सिंह कोश्यारी जो टोपी पहनते हैं. वह उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत और पारंपरिक परिधान का एक अहम हिस्सा है. साथ ही इस टोपी का संबंध गढ़वाल रेजिमेंट और कुमाऊं रेजीमेंट से भी है.