देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) ने चुनाव से ठीक पहले फ्री बिजली (free electricity) का वादा कर एक बार फिर उत्तराखंड (Uttarakhand) की राजनीति में गर्माहट ला दी है. खास बात यह है कि हाल ही में भाजपा सरकार में उर्जा मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) ने भी प्रदेश में 100 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा की थी. ऐसे में इसके ठीक बाद और अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) का 300 यूनिट फ्री देने का वादा भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को रास नहीं आ रहा है.
प्रदेश में मौजूदा समय में राजनीतिक रूप से फ्री बिजली का मुद्दा छाया हुआ है. स्थिति यह है कि सत्ताधारी भाजपा 100 यूनिट फ्री बिजली देने की घोषणा कर चुकी है तो आम आदमी पार्टी ने 300 यूनिट फ्री बिजली देने की गारंटी दी है. अरविंद केजरीवाल के देहरादून दौरे के दौरान किसानों को फ्री बिजली और आम लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कहने के बाद भाजपा और कांग्रेस केजरीवाल के खिलाफ लामबंद दिखाई दे रहे हैं.
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सत्ताधारी भाजपा के नेता कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का बेड़ा गर्क कर दिया है. अब वह उत्तराखंड का भी यही हाल करने की कोशिश करना चाहते हैं. उन्होंने कहा दिल्ली में टिकट देने के समय उत्तराखंड के लोगों को अरविंद केजरीवाल ने मौका नहीं दिया. अब उत्तराखंड प्रेम जता रहे हैं. भाजपा कहती है कि सरकार की 100 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा से आम आदमी पार्टी बौखला गई है. अब खुद को उत्तराखंड में स्थापित करने के लिए झूठ का षड्यंत्र रचा जा रहा है. उन्होंने कहा पहले दिल्ली में 300 यूनिट बिजली दें.
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कांग्रेस में भी आम आदमी पार्टी की घोषणा पर अपना रिएक्शन देते हुए कहा जनता जानती है कि अरविंद केजरीवाल केवल चुनाव के लिए उत्तराखंड आए हैं. उनका उत्तराखंड की स्थापना और निर्माण के लिए आंदोलन में कोई योगदान नहीं है. अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड की जनता का बेवकूफ नहीं बना सकते. कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि अरविंद केजरीवाल को उत्तराखंड पर इतना भरोसा है तो वे दिल्ली मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर उत्तराखंड में सीधा चुनाव लड़ने की हिम्मत दिखाएं. उत्तराखंड की जनता उन्हें बताएगी कि उनकी प्रदेश में क्या स्थिति है.