देहरादून: अल्मोड़ा जिले की सल्ट विधानसभा सीट खूबसूरती के लिहाज से जितनी आकर्षक है, राजनीतिक रूप से उतनी ही जटिल. इस पहाड़ी क्षेत्र में सरल स्वभाव के लोगों को प्रतिनिधित्व के रूप में तेजतर्रार नेता ही पसंद हैं. पिछले चुनाव के परिणाम यह कहने के लिए काफी हैं कि सल्ट विधानसभा सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए चुनौतीपूर्ण रही है. दोनों ही दलों को यहां के मतदाताओं ने बराबर का मौका भी दिया है.
मनमोहक पहाड़ियों से घिरी सल्ट विधानसभा सीट इन दिनों राजनीतिक तपिश झेल रही है. सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद इस सीट पर बीती 17 अप्रैल को उपचुनाव हुए, जिसका नतीजा आज आने वाला है. मतगणना जारी है, जिसमें फिलहाल जीना लीड बनाए हुए हैं. हालांकि, गंगा पंचोली भी उनसे ज्यादा पीछे नहीं हैं.
इस चुनाव में दोनों मुख्य पार्टियों- कांग्रेस और भाजपा ने राजनीतिक पैंतरेबाजी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. सल्ट विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण, क्षत्रीय और अल्पसंख्यक मतदाताओं की मौजूदगी है. इसी जातीय समीकरण के लिहाज से चुनाव के समीकरण भी यहां बनते और बिगड़ते हैं. इस सीट पर अबतक हुए 4 विधानसभा चुनाव के परिणाम यह जाहिर करते हैं कि मतदाताओं को यहां अपना नेतृत्व युवा और तेजतर्रार नेता के हाथों में ही देना पसंद है. पिछले कुछ आंकड़े इसी तस्दीक करते हैं.
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सल्ट विधानसभा सीट का इतिहास
- साल 2002 के पहले विधानसभा चुनाव में रणजीत रावत जैसे तेजतर्रार नेता को यहां के मतदाताओं ने विजयी बनाया.
- यही सिलसिला 2007 में भी जारी रहा, लेकिन 2012 में यहां की जनता ने भाजपा के सुरेंद्र सिंह जीना पर भरोसा किया.
- 2017 में सल्ट की जनता ने दोबारा से सुरेंद्र सिंह जीना को विधानसभा भेजा.
2002 कांग्रेस के हाथों में गयी सीट
- साल 2002 के चुनाव में कांग्रेस के रणजीत रावत को 11982 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के मोहन सिंह को 8436 वोट मिले.
- इस तरह करीब 3500 वोटों से कांग्रेस यहां पर जीत हासिल कर पाई थी.
- पहले चुनाव में ही कुल 12 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. जिनके भाग्य का फैसला 28850 मतदाताओं ने किया था.
2007 में दोबारा कांग्रेस को मिली जीत
- इस विधानसभा सीट के लिए साल 2007 में कुल 34816 मत पड़े. कुल 9 प्रत्याशी मैदान में उतरे.
- इस बार भी कांग्रेस के रणजीत रावत 15190 वोट पाकर विजयी हुए.
- भाजपा के दिनेश सिंह 8075 वोट लेकर करीब 7000 वोट से बुरी तरह परास्त हुए.
2012 में बीजेपी ने जीत दर्ज की
- 2012 के विधानसभा चुनाव में सल्ट की जनता ने युवा नेता सुरेंद्र सिंह जीना को 23956 वोट से जिताया था.
- इस बार कांग्रेस के रणजीत सिंह रावत 18512 वोटों के साथ करीब 5000 वोटों से बुरी तरह हार गए थे.
- इस साल इस विधानसभा क्षेत्र में 90303 वोटर थे. जिनमें से 46942 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया.
2017 में भी बीजेपी ने लहराया परचम
- साल 2017 में 95737 मतदाताओं वाली इस विधानसभा सीट में 44044 मतदाताओं ने वोट डाले यानी कुल 46% वोट पड़े.
- इस बार भी सुरेंद्र सिंह जीना 21581 वोट ले जाने में सफल हुए जो कि कुल मतदान का 49.17% था.
- कांग्रेस से गंगा पंचोली 18677 वोट यानी 42.55% वोट हासिल कर सकीं और वह करीब 3000 वोटों से हार गई.
इस बार कांग्रेस ने जहां गंगा पंचोली पर किस्मत आजमाई है तो भाजपा ने स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना पर ही दांव खेला है. राज्य में भाजपा की सरकार है और ऐसे में उपचुनाव के दौरान सत्ताधारी दल को फायदा होने की उम्मीद लगाई जा रही है, लेकिन कांग्रेस ने भी भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है, और इस सीट को जीतकर कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक बड़ा संदेश देना चाहती है.