देहरादून: भारतीय मानक ब्यूरो उत्तराखंड कार्यालय द्वारा उत्तराखंड के सभी स्कूलों में मानक क्लब तैयार किए जा रहे हैं. इसको लेकर के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर चलाया जा रहा है. प्रदेश में कर वस्तु मानकों के प्रति जागरूकता लाने और रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाले व्यवसायिक उपभोग, उनके प्रति गुणवत्ता और मानकों के प्रति आमजन को सजग करने के लिए उत्तराखंड भारतीय मानक ब्यूरो के उत्तराखंड कार्यालय द्वारा लगातार काम किया जा रहा है.
छात्रों और शिक्षकों को कर रहे जागरूक: इसी को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो अब उत्तराखंड के सभी स्कूलों में बनाए गए मानक क्लबों में छात्रों को मानकों के प्रति सजग और जागरूक करने के लिए स्कूलों के साइंस टीचर को प्रशिक्षण दे रहा है. ताकि वह स्कूल से ही छात्रों को दैनिक जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाले सभी प्रकार के खाद्य पदार्थों और अन्य तरह के उपकरणों और उपयोग की जाने वाली वस्तुओं की गुणवत्ता को लेकर निर्धारित किए गए मानकों के प्रति जागरूक रहें. एक स्वस्थ और जागरूक समाज का निर्माण हो सके. इसी अभियान के तहत भारतीय मानक ब्यूरो के उत्तराखंड कार्यालय द्वारा देहरादून में दो दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम जिसमें तमाम सरकारी स्कूलों के साइंस के अध्यापक शामिल हैं को मानकों के प्रति ट्रेनिंग दी जा रही है. ताकि वह अपने अपने स्कूल में जाकर छात्रों को मानकों के प्रति शिक्षा दे सकें.
मानक ब्यूरो की सराहनीय पहल: भारतीय मानक ब्यूरो देहरादून के वरिष्ठ निदेशक सुधीर बिश्नोई ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा समाज में लोगों को व्यवसायिक रूप से उपयोग किए जाने वाले वस्तुओं की क्वालिटी और स्टैंडर्ड के प्रति जागरूक करने के लिए आज के हर तबके को जागरूक किया जा रहा है. इसी के तहत उत्तराखंड के स्कूलों में भी मानक क्लबों स्थापना की गई है.
ये भी पढ़ें: Job Recruitment: अब अप्रैल महीने में जारी होगा कनिष्ठ अभियंता पद का परीक्षा कार्यक्रम, इंटरव्यू से मिलेगी निजात
डेढ़ सौ स्कूलों में मानक क्लब: निदेशक सुधीर विश्नोई ने बताया कि अब तक उत्तराखंड के डेढ़ सौ सरकारी स्कूलों में मानक क्लबों की स्थापना की गई है. इन स्कूलों में साइंस के अध्यापकों को ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वह स्कूलों में जाकर छात्रों को वस्तुओं के मानकों की जानकारी दे सकें. उन्होंने बताया कि इसमें साइंटिफिक प्रक्रिया में शामिल होती है. इसके लिए विज्ञान के अध्यापकों को इसमें सम्मिलित किया जा रहा है.