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मानदेय बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर भोजन माताओं ने सचिवालय के बाहर किया प्रदर्शन

उत्तराखंड में भोजन माता ₹5000 मानदेय बढ़ोत्तरी की मांग पर अड़ी हैं. आज भी भोजन माताओं ने सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि सरकार अपनी घोषणा को अमलीजामा नहीं पहना रही है. जब तक शासनादेश जारी नहीं होता, वो आंदोलन पर डटीं रहेंगी.

bhojan mata
भोजन माता
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Published : Oct 27, 2021, 6:01 PM IST

Updated : Oct 27, 2021, 6:07 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन ने आज 5 हजार रुपए मानदेय बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर सचिवालय कूच किया, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को सचिवालय से पहले सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. रोके जाने से नाराज भोजन माताएं सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं. उन्होंने एक सभा का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार पर माताओं के अपमान करने का आरोप भी लगाया.

भोजन माता कामगार यूनियन से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि सरकार ने उन्हें भोजन माता का नाम दिया है, लेकिन राज्य सरकार लगातार माताओं का अपमान कर रही है. प्रदर्शन में शामिल ऋषिकेश से आई भोजन माता अनीता वर्मा का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने उनके मानदेय में वृद्धि कर उसे 5 हजार रुपए के जाने की घोषणा की थी, लेकिन उनकी यह घोषणा मात्र कोरी घोषणा बनकर रह गई. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मानदेय बढ़ोत्तरी का शासनादेश नहीं हो जाता है, तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

भोजन माताओं का प्रदर्शन.

ये भी पढ़ेंः 8 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, CM के नाम सौंपा ज्ञापन

वहीं, भोजन माता कामगार यूनियन से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि इसी क्रम में बीती 26 अक्टूबर को देहरादून स्थित ननूर खेड़ा स्थित परियोजना निदेशालय में भी धरना दिया गया था, लेकिन उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हो पाया. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती तो वो हड़ताल से भी पीछे नहीं हटेंगी. इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और निदेशालय की होगी.

देहरादूनः उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन ने आज 5 हजार रुपए मानदेय बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर सचिवालय कूच किया, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं को सचिवालय से पहले सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. रोके जाने से नाराज भोजन माताएं सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं. उन्होंने एक सभा का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार पर माताओं के अपमान करने का आरोप भी लगाया.

भोजन माता कामगार यूनियन से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि सरकार ने उन्हें भोजन माता का नाम दिया है, लेकिन राज्य सरकार लगातार माताओं का अपमान कर रही है. प्रदर्शन में शामिल ऋषिकेश से आई भोजन माता अनीता वर्मा का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने उनके मानदेय में वृद्धि कर उसे 5 हजार रुपए के जाने की घोषणा की थी, लेकिन उनकी यह घोषणा मात्र कोरी घोषणा बनकर रह गई. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मानदेय बढ़ोत्तरी का शासनादेश नहीं हो जाता है, तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा.

भोजन माताओं का प्रदर्शन.

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वहीं, भोजन माता कामगार यूनियन से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि इसी क्रम में बीती 26 अक्टूबर को देहरादून स्थित ननूर खेड़ा स्थित परियोजना निदेशालय में भी धरना दिया गया था, लेकिन उनकी मांगों का निस्तारण नहीं हो पाया. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती तो वो हड़ताल से भी पीछे नहीं हटेंगी. इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और निदेशालय की होगी.

Last Updated : Oct 27, 2021, 6:07 PM IST
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