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महाराष्ट्र के राज्यपाल नियुक्त हुए भगत सिंह कोश्यारी, राष्ट्रपति ने दी बधाई - महाराष्ट्र के राज्यपाल

भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का राज्यपाल मनोनीत किया गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भगत दा को बधाई दी है.

भगत सिंह कोश्यारी बने महाराष्ट्र के राज्यपाल
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Published : Sep 1, 2019, 12:14 PM IST

Updated : Sep 1, 2019, 12:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है. कोश्यारी को सी विद्याराव का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्यपाल मनोनीत किया गया है. सी विद्याराव को 30 अगस्त 2014 को महाराष्ट्रा का राज्यपाल बनाया गया था. भगतदा के राज्यपाल बनने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बधाई दी है. भगत सिंह कोश्यारी को जल्द ही पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी.

पढ़ें- झटकाः ऑनलाइन टिकट बुक कराना हुआ महंगा, अब देना होगा इतना सर्विस चार्ज

भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के उन नेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य गठन में अपनी अहम भूमिका निभाई. भगत दा ने अपना पूरा जीवन संघ और भाजपा के लिए समर्पित किया है. मोदी सरकार द्वारा 75 पार कर चुके वरिष्ठ नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर रखने फार्मूले के तहत जब 2019 में भगत सिंह कोश्यारी को उनकी नैनीताल ऊधमसिंहनगर सीट से लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया, तब से ही यह चर्चा थी कि उनको भविष्य में राज्यपाल बनाया जाएगा.

17 जून 1942 को बागेश्वर जिले के कपकोट में जन्मे भगत सिंह कोश्यारी ने आरएसएस में जुड़कर ही राजनीति का ककहरा सीखा. आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवकों में शुमार कोश्यारी को 1977 में आपातकाल के दौरान जेल भी जाना पड़ा. उसके बाद वह बीजेपी के कई सांगठनिक पदों में रहे. उत्तराखंड में भाजपा के सदस्य से लेकर कोश्यारी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक रहे.

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2001-2002 तक प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने. साल 2002 से 2007 तक वह नेता प्रतिपक्ष रहे.

साल 2007 में जब उत्तराखंड में बीजेपी ने जीत हासिल कर सरकार बनाई तो कोश्यारी मुख्यंत्री की कुर्सी पर पहुंचते पहुंचते रह गए. तब सत्ता की कमान अचानक बी.सी. खण्डूड़ी को सौंप दी थी.

साल 2014 में उनको बीजेपी से नैनीताल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

साल 2008 से 2014 तक वह राज्यसभा के सदस्य के तौर पर उत्तराखंड से चुने गए.

भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के सबसे कम समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री के रूप में भी जाने जाते हैं.

अलग राज्य बनने के बाद जब उत्तराखंड में बीजेपी ने सरकार बनाई तब हरियाणा मूल के नित्यानंद को 9 नवम्बर 2000 को उत्तराखंड का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया. जिसके बाद उत्तराखंड बाहरी को मुख्यमंत्री बनाए जाने मुद्दा उठने के बाद 2001 में भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंपी गई.
जिसके बाद कोश्यारी 30 अक्टूबर 2001 से 1 मार्च 2002 के बीच मात्र 4 महीने के लिए ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे. जिसके बाद चुनाव हुए और कांग्रेस ने जीत दर्ज की. उत्तराखंड के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी बने.

राजनीति के साथ पत्रकारिता का शौक रखने वाले कोश्यारी अविवाहित हैं. राजनीति से पहले शिक्षण कार्य में सक्रिय रहने वाले कोश्यारी एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने विधानसभा, विधान परिषद और संसद के उच्च सदन राज्यसभा और निम्न सदन लोकसभा में भी रहे.

देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया है. कोश्यारी को सी विद्याराव का कार्यकाल समाप्त होने के बाद राज्यपाल मनोनीत किया गया है. सी विद्याराव को 30 अगस्त 2014 को महाराष्ट्रा का राज्यपाल बनाया गया था. भगतदा के राज्यपाल बनने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बधाई दी है. भगत सिंह कोश्यारी को जल्द ही पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी.

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भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के उन नेताओं में शुमार हैं, जिन्होंने उत्तराखंड राज्य गठन में अपनी अहम भूमिका निभाई. भगत दा ने अपना पूरा जीवन संघ और भाजपा के लिए समर्पित किया है. मोदी सरकार द्वारा 75 पार कर चुके वरिष्ठ नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर रखने फार्मूले के तहत जब 2019 में भगत सिंह कोश्यारी को उनकी नैनीताल ऊधमसिंहनगर सीट से लोकसभा का टिकट नहीं दिया गया, तब से ही यह चर्चा थी कि उनको भविष्य में राज्यपाल बनाया जाएगा.

17 जून 1942 को बागेश्वर जिले के कपकोट में जन्मे भगत सिंह कोश्यारी ने आरएसएस में जुड़कर ही राजनीति का ककहरा सीखा. आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवकों में शुमार कोश्यारी को 1977 में आपातकाल के दौरान जेल भी जाना पड़ा. उसके बाद वह बीजेपी के कई सांगठनिक पदों में रहे. उत्तराखंड में भाजपा के सदस्य से लेकर कोश्यारी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक रहे.

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद 2001-2002 तक प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने. साल 2002 से 2007 तक वह नेता प्रतिपक्ष रहे.

साल 2007 में जब उत्तराखंड में बीजेपी ने जीत हासिल कर सरकार बनाई तो कोश्यारी मुख्यंत्री की कुर्सी पर पहुंचते पहुंचते रह गए. तब सत्ता की कमान अचानक बी.सी. खण्डूड़ी को सौंप दी थी.

साल 2014 में उनको बीजेपी से नैनीताल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

साल 2008 से 2014 तक वह राज्यसभा के सदस्य के तौर पर उत्तराखंड से चुने गए.

भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड के सबसे कम समय तक रहने वाले मुख्यमंत्री के रूप में भी जाने जाते हैं.

अलग राज्य बनने के बाद जब उत्तराखंड में बीजेपी ने सरकार बनाई तब हरियाणा मूल के नित्यानंद को 9 नवम्बर 2000 को उत्तराखंड का पहला मुख्यमंत्री बनाया गया. जिसके बाद उत्तराखंड बाहरी को मुख्यमंत्री बनाए जाने मुद्दा उठने के बाद 2001 में भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री की गद्दी सौंपी गई.
जिसके बाद कोश्यारी 30 अक्टूबर 2001 से 1 मार्च 2002 के बीच मात्र 4 महीने के लिए ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे. जिसके बाद चुनाव हुए और कांग्रेस ने जीत दर्ज की. उत्तराखंड के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी बने.

राजनीति के साथ पत्रकारिता का शौक रखने वाले कोश्यारी अविवाहित हैं. राजनीति से पहले शिक्षण कार्य में सक्रिय रहने वाले कोश्यारी एक ऐसे नेता हैं जिन्होंने विधानसभा, विधान परिषद और संसद के उच्च सदन राज्यसभा और निम्न सदन लोकसभा में भी रहे.

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भगत सिंह कोश्यारी


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Last Updated : Sep 1, 2019, 12:36 PM IST
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