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सतह पर आई कर्मचारी संगठनों की वर्चस्व की लड़ाई, फ्रंटफुट पर आया सचिवालय संघ - Employees organization fresh controversy in Uttarakhand

उत्तराखंड में कर्मचारी संगठनों में तलवारें खिंच गई हैं. मामला रिटायर हो चुके कर्मचारियों के संगठनों के पदों पर जमे रहने से जुड़ा है.

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उत्तराखंड में अब कर्मचारी संगठनों में खिंची तलवारें
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Published : Aug 4, 2021, 6:26 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 9:32 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में कर्मचारी संगठनों के बीच इन दिनों तलवारें खिंच गई हैं. इसका शोर मुख्यमंत्री दरबार तक भी पहुंच रहा है. मामला रिटायर हो चुके कर्मचारियों के संगठनों के पदों पर जमे रहने से जुड़ा है. जिस पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष ने सीधी जंग लड़ने का ऐलान कर दिया है. हालांकि, इस विवाद की वजह अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति बनी है. जिस पर सचिवालय संघ और बाकी संगठन अपना अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहते हैं.

उत्तराखंड में कर्मचारी संगठन सरकार से दो-दो हाथ करते दिखाई देते हैं, लेकिन इस बार लड़ाई अंदरूनी और आपसी है. स्थिति यह है कि सचिवालय संघ ने बाकी संगठनों को चेतावनी तक दे डाली है. जबकि संयुक्त कर्मचारी मंच और मिनिस्ट्रियल समेत तमाम संगठन भी इस जंग में दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.

उत्तराखंड में अब कर्मचारी संगठनों में खिंची तलवारें

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मामला अधिकारी-कर्मचारी समन्वय समिति में वर्चस्व को लेकर शुरू हुआ. दरअसल, सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर बनाई गई समन्वय समिति समेत तमाम संगठन और महासंघ में सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को पदों में नहीं रहने का अधिकार होने से जुड़ी बात कही. इस पर समन्वय समिति में कुछ पदाधिकारियों ने उत्तराखंड सचिवालय संघ को ही इस समिति से बाहर करने की अनौपचारिक बात कह दी. बस फिर क्या था उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने ऐसे संगठनों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कार्मिक विभाग के उस नियम की याद दिला दी जिसमें सेवानिवृत्त कर्मचारी किसी भी मान्यता प्राप्त संगठन में पदाधिकारी नहीं रह सकता. हालांकि, इस नियम के बावजूद भी प्रदेश में कई संगठन सेवानिवृत्त पदाधिकारी ही चला रहे हैं.

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दीपक जोशी के मुताबिक संयुक्त परिषद से रिटायर हो चुके ठाकुर प्रह्लाद सिंह अभी इसके अध्यक्ष बने हुए हैं. रिटायर्य कर्मी सुनील कोठारी मिनिस्ट्रियल फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर जमे हुए हैं. रिटायर्ड कर्मी पंचम वेस्ट पर्वतीय शिक्षक संगठन में अब भी पदाधिकारी हैं. रिटायर्ड कर्मी रमेश रमोला भी सिंचाई महासंघ के अध्यक्ष पद पर जमे हुए हैं. ऐसे ही बिजली विभाग से लेकर तमाम दूसरे विभागों में बनाए गए मान्यता प्राप्त संगठनों में रिटायर कर्मचारी संगठन पर दबदबा बनाए हुए हैं, जो कि कार्मिक विभाग के नियमों का खुला उल्लंघन है.

पढ़ें- त्रिवेंद्र बोले शुरू होनी चाहिए चारधाम यात्रा, फ्री बिजली को बताया केजरीवाल का 'पासा'

उत्तराखंड सचिवालय संघ की खुली चेतावनी पर बाकी संगठनों ने भी दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है. इस कड़ी में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण कुमार पांडे ने दो टूक सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी पर हमला करते हुए उनके द्वारा इस मामले को बेवजह तूल देने का आरोप लगाया है. उन्होंने माना कि रिटायर हो चुके कर्मचारियों को लेकर कार्मिक विभाग से आदेश हैं और इसको लेकर उनके संगठन में फिलहाल प्रक्रिया चल रही है. लेकिन उन्होंने कहा कि सचिवालय संघ इस तरह मनमानी नहीं कर सकता. समन्वय समिति में बाकी संगठनों ने ज्यादा प्रयास के साथ राज्य कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कोशिशें की हैं. लिहाजा दीपक जोशी इस मामले को बेवजह तूल न दें.

देहरादून: उत्तराखंड में कर्मचारी संगठनों के बीच इन दिनों तलवारें खिंच गई हैं. इसका शोर मुख्यमंत्री दरबार तक भी पहुंच रहा है. मामला रिटायर हो चुके कर्मचारियों के संगठनों के पदों पर जमे रहने से जुड़ा है. जिस पर सचिवालय संघ के अध्यक्ष ने सीधी जंग लड़ने का ऐलान कर दिया है. हालांकि, इस विवाद की वजह अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति बनी है. जिस पर सचिवालय संघ और बाकी संगठन अपना अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहते हैं.

उत्तराखंड में कर्मचारी संगठन सरकार से दो-दो हाथ करते दिखाई देते हैं, लेकिन इस बार लड़ाई अंदरूनी और आपसी है. स्थिति यह है कि सचिवालय संघ ने बाकी संगठनों को चेतावनी तक दे डाली है. जबकि संयुक्त कर्मचारी मंच और मिनिस्ट्रियल समेत तमाम संगठन भी इस जंग में दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.

उत्तराखंड में अब कर्मचारी संगठनों में खिंची तलवारें

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मामला अधिकारी-कर्मचारी समन्वय समिति में वर्चस्व को लेकर शुरू हुआ. दरअसल, सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कर्मचारियों की मांगों को लेकर बनाई गई समन्वय समिति समेत तमाम संगठन और महासंघ में सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को पदों में नहीं रहने का अधिकार होने से जुड़ी बात कही. इस पर समन्वय समिति में कुछ पदाधिकारियों ने उत्तराखंड सचिवालय संघ को ही इस समिति से बाहर करने की अनौपचारिक बात कह दी. बस फिर क्या था उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने ऐसे संगठनों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कार्मिक विभाग के उस नियम की याद दिला दी जिसमें सेवानिवृत्त कर्मचारी किसी भी मान्यता प्राप्त संगठन में पदाधिकारी नहीं रह सकता. हालांकि, इस नियम के बावजूद भी प्रदेश में कई संगठन सेवानिवृत्त पदाधिकारी ही चला रहे हैं.

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दीपक जोशी के मुताबिक संयुक्त परिषद से रिटायर हो चुके ठाकुर प्रह्लाद सिंह अभी इसके अध्यक्ष बने हुए हैं. रिटायर्य कर्मी सुनील कोठारी मिनिस्ट्रियल फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर जमे हुए हैं. रिटायर्ड कर्मी पंचम वेस्ट पर्वतीय शिक्षक संगठन में अब भी पदाधिकारी हैं. रिटायर्ड कर्मी रमेश रमोला भी सिंचाई महासंघ के अध्यक्ष पद पर जमे हुए हैं. ऐसे ही बिजली विभाग से लेकर तमाम दूसरे विभागों में बनाए गए मान्यता प्राप्त संगठनों में रिटायर कर्मचारी संगठन पर दबदबा बनाए हुए हैं, जो कि कार्मिक विभाग के नियमों का खुला उल्लंघन है.

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उत्तराखंड सचिवालय संघ की खुली चेतावनी पर बाकी संगठनों ने भी दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है. इस कड़ी में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण कुमार पांडे ने दो टूक सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी पर हमला करते हुए उनके द्वारा इस मामले को बेवजह तूल देने का आरोप लगाया है. उन्होंने माना कि रिटायर हो चुके कर्मचारियों को लेकर कार्मिक विभाग से आदेश हैं और इसको लेकर उनके संगठन में फिलहाल प्रक्रिया चल रही है. लेकिन उन्होंने कहा कि सचिवालय संघ इस तरह मनमानी नहीं कर सकता. समन्वय समिति में बाकी संगठनों ने ज्यादा प्रयास के साथ राज्य कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कोशिशें की हैं. लिहाजा दीपक जोशी इस मामले को बेवजह तूल न दें.

Last Updated : Aug 4, 2021, 9:32 PM IST
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