देहरादून: कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग लोगों को इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाने की सलाह दे रहा है. बाजारों में औषधीय पौधों से बने प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ने लगी है. इनमें तुलसी, अश्वगंधा, अदरक, हल्दी सहित तमाम पौधे शामिल हैं. सीमैप पंतनगर के वैज्ञानिक इनके बीज उत्पादन में जुट गए है. वैज्ञानिकों की टीम तुलसी के बीज की खेप तैयार कर रही है. इसके साथ ही किसानों को तुलसी के बीज भी उपलब्ध करा रहे हैं.
औषधीय गुणों से भरपूर तुलसी की इन दिनों बाजारों में डिमांड बढ़ने से किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. दरअसल, कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने की सलाह दी जा रही है. आयुर्वेद में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी बड़ी ही कारगर है. ऐसे में केंद्रीय औषधीय और सगंध संस्थान (सीमैप) द्वारा तुलसी की डिमांड को देखते हुए बीज तैयार किये जा रहे हैं. सीमैप के वैज्ञानिकों के अनुसार 20 हेक्टेयर जमीन के लिए किसानों को 10 से 12 किलो तुलसी के बीज वितरित किये जा चुके हैं.
कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाजारों में तुलसी से बने प्रोडक्ट का इस्तेमाल बढ़ने के कारण किसानों में भी इसकी डिमांड बढ़ने लगी है. सीमैप द्वारा एक एकड़ जमीन पर तुलसी के बीज तैयार किये जा रहे हैं, जो एक माह में तैयार हो जाएंगे. इससे लगभग दो हजार हेक्टेयर जमीन में तुलसी का उत्पादन किया जा सकेगा. इसके अलावा संस्थान द्वारा अश्वगंधा बीज के उत्पादन की तैयारी की जा रही है.
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सीमैप के वैज्ञानिक राकेश उपाध्याय ने बताया कि भारत सरकार की योजना के तहत किसानों की डिमांड के अनुसार तुलसी के बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं. कोरोना के कारण बढ़ती मांग को देखते हुए 1 एकड़ जमीन में तुलसी के बीज उत्पादन का काम शुरू हो चुका है. जल्द ही किसानों को लगभग 2 हजार एकड़ जमीन के लिए तुलसी के बीज उपलब्ध कराये जाएंगे. इसके साथ ही वैज्ञानिकों की टीम अश्वगंधा के बीज का उत्पादन भी कर रही है. हालांकि सीमैप सेंटर बेंगलुरु में अश्वगंधा के बीज किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं.