देहरादून: प्रशासन द्वारा 200 लोगों की अनुमति न मिलने से नाराज बन्नू बिरादरी ने पहली बार दशहरा आयोजन करने से मना कर दिया है. बन्नू बिरादरी के अध्यक्ष ने बताया कि इस साल कोरोना संक्रमण के कारण आयोजनों में केवल 50 ही लोगों को अनुमति दी गई है. ऐसे में इतने कम लोगों के साथ इस कार्यक्रम को करना संभव नहीं हो पाएगा. जिलाधिकारी ने शुक्रवार को ही दशहरा पर्व को लेकर गाइडलाइन जारी करते हुए रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ के पुतलों की ऊंचाई 10 फीट तक सीमित करने के साथ ही 50 से अधिक लोगों के पुतला दहन में शामिल होने की बात कही थी.
साल 1948 से हर साल बन्नू बिरादरी दशहरे के अवसर पर राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में रावण दहन का कार्यक्रम और भव्य समारोह आयोजित करती आ रही है. मगर इस साल कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को ध्यान में रखते हुए बिरादरी ने दशहरा पर्व पर होने वाले समारोह को परेड ग्राउंड के स्थान पर रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में सूक्ष्म रूप से मनाने के लिए जिला प्रशासन से कम से कम 200 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति मांगी थी. जिसके बाद दशहरा पर्व के लिए जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने शुक्रवार को गाइडलाइन के अनुसार रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ के पुतलों की ऊंचाई 10 फीट तक सीमित रहेगी और 50 से अधिक लोग पुतला दहन के स्थान पर एकजुट नहीं होने के निर्देश जारी किये थे.
पढ़ें- उत्तराखंड के सेब को मिलने लगी अपनी पहचान, उद्यान विभाग मुहैया करा रहा कार्टन
इसके साथ ही दशहरा पर्व पर लगने वाले मेलों पर भी प्रतिबंधित लगाया था. साथ ही कहा गया कि पुतला दहन के अवसर पर भी सिर्फ आयोजक संस्था से संबंधित लोग ही उपस्थित रहेंगे.
पढ़ें- शारदीय नवरात्रि का आज आठवां दिवस, जाने कैसे करें मां गौरी की पूजा
जिसके बाद बन्नू बिरादरी के अध्यक्ष हरीश विरमानी ने बताया कि हर साल आयोजित होने वाला दशहरा कार्यक्रम देहरादून शहर का मुख्य कार्यक्रम होता है, जिसमें पिछले कई सालों से लगभग एक लाख से ज्यादा लोग शामिल होते हैं. मगर इस साल बिरादरी ने भी कोविड-19 संक्रमण से उत्पन्न वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन से केवल 200 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति मांगी थी. जिसे प्रशासन ने ठुकरा दिया. जिसके बाद सर्वसम्मति से इस साल रावण दहन के सार्वजनिक कार्यक्रम को नहीं करने का निर्णय लिया गया है.