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उत्तराखंड में दिखा बैंक हड़ताल का असर, NEFT और RTGS सेवाएं भी बाधित

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बैंक कर्मियों 31 जनवरी व 1 फरवरी तक हड़ताल पर है. जिसके तहत सार्वजनिक बैंकों की सभी शाखाओं में काम नहीं होगा. यह हड़ताल दो दिवसीय है लेकिन दिन रविवार होने के कारण बैंक सेवाएं लगातार तीन दिन तक बाधित रहेंगी.

bank employees on two day strike
bank employees on two day strike
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Published : Jan 31, 2020, 7:58 PM IST

देहरादून/अल्मोड़ा/मसूरी/लक्सर: आम बजट से ठीक पहले सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. उनके हड़ताल पर जाने से सामान्य बैंकिंग कामकाज पर खासा असर पड़ा है. अकाउंट ओपनिंग, चेक क्लियरेंस बैंक शाखा से होने वाले एनईएफ्टी और आरटीजीएस सेवाएं भी बाधित रहीं. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. दरअसल, वेतन में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बैंक यूनियन पूरे देश में अपनी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं.

उत्तराखंड में बैंक हड़ताल का असर.

देहरादून
हड़ताल के पहले दिन बैंक कर्मियों ने देहरादून के परेड ग्राउंड में इकट्ठा होकर अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की. इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो आगामी 11, 12 और 13 मार्च को तीन दिवसीय हड़ताल करेंगे.

वहीं, उत्तरांचल बैंक एसोसिएशन देहरादून अध्यक्ष अमित कुमार जैन ने कहा कि एक नवंबर 2017 से 11वां द्विपक्षीय समझौता वृद्धि को लेकर लंबित चल रहा है. सरकार ने शुरू में दो प्रतिशत का ऑफर दिया था, जिससे बैंक कर्मचारियों में काफी अधिक रोष है. आज करीब 27 महीने बाद गुरुवार की वार्ता के बाद सरकार के द्वारा अधिकतम साढ़े तेरह प्रतिशत वेतन वृद्धि का ऑफर दिया गया है जो कम है. उन्होंने कहा कि हर पांच साल में व्रद्धि की जाती है लेकिन 1 नवंबर 2017 से वृद्धि नहीं हुई है.

लक्सर
लक्सर के एक व्यापारी का कहना है कि बैंक की हड़ताल होने की वजह से बिजनेस पूरी तरह से ठप है. सामान मंगाने के लिए कंपनी को पैसे भेजना है लेकिन वो कंपनी को पैसे नहीं भेज पा रहे हैं. सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द बैंक कर्मचारियों से वार्ता कर इसका हल निकाले.

अल्मोड़ा
बैंक कर्मियों की हड़ताल के कारण अल्मोड़ा की सभी सरकारी बैंकों की सभी शाखाएं बंद रहीं, जिस कारण व्यापारियों के साथ-साथ आम लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बैंक कर्मियों का कहना है कि सरकार की तमाम योजनाओं का बोझ सरकारी बैंकों पर ही है लेकिन सरकार द्वारा 2017 के बाद उनका वेतन नहीं बढ़ाया गया है.

मसूरी
बैंकों की हड़ताल का असर पहाड़ों की रानी मसूरी में भी देखने को मिला. मसूरी के ज्यादातर एटीएम में कैश न होने के कारण पर्यटकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, मसूरी बैंक के अधिकारियों ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल के बाद भी अगर आईबीए का यही रवैया रहा तो बैंककर्मी 11 से 13 मार्च तक तीन दिवसीय हड़ताल को बाध्य होंगे.

पढ़ें- मुख्य सचिव ने कहा- आम बजट से उत्तराखंड को है बड़ी उम्मीदें

बैंक कर्मियों की मुख्य मांग

  • बैंक कर्मियों की मांग में प्रमुख रूप से विशेष भत्ता को मूल वेतन में मर्ज कराना.
  • पेंशन का अपग्रेडेशन परिवारिक पेंशन में बढ़ोतरी.
  • न्यू पेंशन स्कीम को रद्द करना.
  • सभी शाखाओं में एक समान कारोबार विद तय करना.
  • बैंक अधिकारियों के लिए नियम कार्य अवधि तय करना.
  • पांच दिवसीय बैंकिंग काम के लिए समान वेतन.
  • सेवा निवृत्ति लाभ को आयकर को सीलिंग से मुक्त करना.

देहरादून/अल्मोड़ा/मसूरी/लक्सर: आम बजट से ठीक पहले सरकारी बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. उनके हड़ताल पर जाने से सामान्य बैंकिंग कामकाज पर खासा असर पड़ा है. अकाउंट ओपनिंग, चेक क्लियरेंस बैंक शाखा से होने वाले एनईएफ्टी और आरटीजीएस सेवाएं भी बाधित रहीं. इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. दरअसल, वेतन में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी सहित 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बैंक यूनियन पूरे देश में अपनी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं.

उत्तराखंड में बैंक हड़ताल का असर.

देहरादून
हड़ताल के पहले दिन बैंक कर्मियों ने देहरादून के परेड ग्राउंड में इकट्ठा होकर अपनी मांगों को लेकर जोरदार नारेबाजी की. इस दौरान बैंक कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो आगामी 11, 12 और 13 मार्च को तीन दिवसीय हड़ताल करेंगे.

वहीं, उत्तरांचल बैंक एसोसिएशन देहरादून अध्यक्ष अमित कुमार जैन ने कहा कि एक नवंबर 2017 से 11वां द्विपक्षीय समझौता वृद्धि को लेकर लंबित चल रहा है. सरकार ने शुरू में दो प्रतिशत का ऑफर दिया था, जिससे बैंक कर्मचारियों में काफी अधिक रोष है. आज करीब 27 महीने बाद गुरुवार की वार्ता के बाद सरकार के द्वारा अधिकतम साढ़े तेरह प्रतिशत वेतन वृद्धि का ऑफर दिया गया है जो कम है. उन्होंने कहा कि हर पांच साल में व्रद्धि की जाती है लेकिन 1 नवंबर 2017 से वृद्धि नहीं हुई है.

लक्सर
लक्सर के एक व्यापारी का कहना है कि बैंक की हड़ताल होने की वजह से बिजनेस पूरी तरह से ठप है. सामान मंगाने के लिए कंपनी को पैसे भेजना है लेकिन वो कंपनी को पैसे नहीं भेज पा रहे हैं. सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द बैंक कर्मचारियों से वार्ता कर इसका हल निकाले.

अल्मोड़ा
बैंक कर्मियों की हड़ताल के कारण अल्मोड़ा की सभी सरकारी बैंकों की सभी शाखाएं बंद रहीं, जिस कारण व्यापारियों के साथ-साथ आम लोगों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बैंक कर्मियों का कहना है कि सरकार की तमाम योजनाओं का बोझ सरकारी बैंकों पर ही है लेकिन सरकार द्वारा 2017 के बाद उनका वेतन नहीं बढ़ाया गया है.

मसूरी
बैंकों की हड़ताल का असर पहाड़ों की रानी मसूरी में भी देखने को मिला. मसूरी के ज्यादातर एटीएम में कैश न होने के कारण पर्यटकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं, मसूरी बैंक के अधिकारियों ने कहा कि दो दिवसीय हड़ताल के बाद भी अगर आईबीए का यही रवैया रहा तो बैंककर्मी 11 से 13 मार्च तक तीन दिवसीय हड़ताल को बाध्य होंगे.

पढ़ें- मुख्य सचिव ने कहा- आम बजट से उत्तराखंड को है बड़ी उम्मीदें

बैंक कर्मियों की मुख्य मांग

  • बैंक कर्मियों की मांग में प्रमुख रूप से विशेष भत्ता को मूल वेतन में मर्ज कराना.
  • पेंशन का अपग्रेडेशन परिवारिक पेंशन में बढ़ोतरी.
  • न्यू पेंशन स्कीम को रद्द करना.
  • सभी शाखाओं में एक समान कारोबार विद तय करना.
  • बैंक अधिकारियों के लिए नियम कार्य अवधि तय करना.
  • पांच दिवसीय बैंकिंग काम के लिए समान वेतन.
  • सेवा निवृत्ति लाभ को आयकर को सीलिंग से मुक्त करना.
Intro:लोकेशन लक्सर उत्तराखंड
संवाददाता कृष्ण कांत शर्मा लक्सर
सलग -लक्सर में बैंक हड़ताल का असर
एंकर -लक्सर में बैंको की हड़ताल होने से आम जन को उठानी पड़ी भारी परेशानी,वही बैंको द्वारा लगे एटीएम भी बने शोपीस।

Body:

आपको बता दें कि अपने वेतन में 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी, काम की समय सीमा तय करने सहित अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बैंक यूनियन पूरे देश मे अपनी दो दिवसीय हड़ताल पर है। जहां बैंको की इस हड़ताल से आमजन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वीओ-इस हड़ताल का असर जहां एक तरफ पूरे देश में देखने को मिल रहा है।वही लक्सर में भी इसका अच्छा खासा असर देखने को मिला। लक्सर क्षेत्र के सभी बैंक आज बंद है। वही बैंक द्वारा लगाए गए एटीएम भी खाली पड़े हैं बैंक कर्मचारियों की हड़ताल से जहां आमजन परेशान है वही किसान और व्यापारी वर्ग भी इससे अछूता नही रहा है। किसी को राशन लेना है किसी के यहां शादी है,किसी को दवा लेनी है तो किसी को अपने व्यापार के चलते पैसे का लेनदेन करना है वही एक व्यापारी का कहना है कि भाई का इलाज चल रहा है अस्पताल में मुझे डॉक्टर को पैसे देने हैं मगर बैंक बंद होने की वजह से मैं डॉक्टर को पैसे नहीं दे पा रहा हूं। मेरे सामने काफी परेशानी खड़ी हो गई है। Conclusion: सभी वर्ग के लोगों को आये दिन इन हड़तालो के होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वही एक और व्यापारी का कहना है कि मेरा बिजनेस पूरी तरह से ठप हो चुका मुझे माल मंगाना है और कंपनी को पैसे भेजना है मगर मैं कंपनी को पैसे नहीं भेज पा रहा हूं सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द बैंक कर्मचारियों से वार्ता कर इसका हल निकाले
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