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कर्मचारियों के लिए नया फरमान, ड्यूटी पर फेसबुक-व्हाट्सएप चलाने पर रुक जाएगी सैलरी

कोरोनेशन अस्पताल ने कर्मचारियों की लापरवाही रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत अब कर्मचारी अस्पताल में सोशल मीडिया का उपयोग नहीं कर सकेंगे. साथ ही नियम का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Jun 26, 2019, 7:33 PM IST

देहरादून: अब कोरोनेशन अस्पताल के कर्मचारियों को काम के दौरान सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना भारी पड़ सकता है. अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए नए नियम बनाए हैं. सोशल मीडिया को लेकर बनाए गए नियमों का पालन नहीं करने पर कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सोशल मीडिया को लेकर कोरोनेशन अस्पताल प्रबंधन ने फरमान जारी करते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति काम के दौरान फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप चलाता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं कोरोनेशन अस्पताल में तैनात सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ. जे. पी. नौटियाल ने बताया कि आमतौर पर देखने में आया था कि अस्पताल के कर्मचारी अक्सर चैटिंग, व्हाट्सएप और फेसबुक चलाने में व्यस्त रहते हैं. जिससे मरीजों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा था, साथ ही अस्पताल का काम भी प्रभावित हो रहा था.

कर्मचारियों के लिए बना नया नियम

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उनके मुताबिक अगर इस नियम का कोई उल्लंघन करता है तो उसके वेतन को रोककर तबादले तक की संस्तुति की जाएगी. साथ ही उस कर्मचारी की वार्षिक रिपोर्ट में भी इसको दर्ज किया जाएगा.

अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक ये निर्देश बुधवार से जारी किए जा चुके हैं और अस्पताल प्रबंधन को उम्मीद है कि कर्मचारी इसका पूरी तरीके से पालन करेंगे. वहीं इस आदेश के बाद ये भी सवाल उठ रहा है कि डॉक्टरों पर ये नियम क्यों नहीं लागू किया गया है.

देहरादून: अब कोरोनेशन अस्पताल के कर्मचारियों को काम के दौरान सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना भारी पड़ सकता है. अस्पताल प्रशासन ने इसके लिए नए नियम बनाए हैं. सोशल मीडिया को लेकर बनाए गए नियमों का पालन नहीं करने पर कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

सोशल मीडिया को लेकर कोरोनेशन अस्पताल प्रबंधन ने फरमान जारी करते हुए कहा है कि अगर कोई व्यक्ति काम के दौरान फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप चलाता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं कोरोनेशन अस्पताल में तैनात सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ. जे. पी. नौटियाल ने बताया कि आमतौर पर देखने में आया था कि अस्पताल के कर्मचारी अक्सर चैटिंग, व्हाट्सएप और फेसबुक चलाने में व्यस्त रहते हैं. जिससे मरीजों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा था, साथ ही अस्पताल का काम भी प्रभावित हो रहा था.

कर्मचारियों के लिए बना नया नियम

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उनके मुताबिक अगर इस नियम का कोई उल्लंघन करता है तो उसके वेतन को रोककर तबादले तक की संस्तुति की जाएगी. साथ ही उस कर्मचारी की वार्षिक रिपोर्ट में भी इसको दर्ज किया जाएगा.

अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक ये निर्देश बुधवार से जारी किए जा चुके हैं और अस्पताल प्रबंधन को उम्मीद है कि कर्मचारी इसका पूरी तरीके से पालन करेंगे. वहीं इस आदेश के बाद ये भी सवाल उठ रहा है कि डॉक्टरों पर ये नियम क्यों नहीं लागू किया गया है.

Intro:अब कोरोनेशन अस्पताल के कर्मचारियों को मोबाइल में चैटिंग व्हाट्सएप और फेसबुक में व्यस्त रहना भारी पड़ सकता है। क्योंकि अस्पताल प्रबंधन व्हाट्सएप, फेसबुक चैटिंग मे व्यस्त रहने वाले ऐसे कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाने जा रहा है।
summary- स्मार्टफोन भले ही हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया हो। लेकिन कोरोनेशन अस्पताल प्रबंधन ने आज फरमान जारी करते हुए का है कि यदि कोई भी कर्मचारी भविष्य में मोबाइल चैटिंग करते हुए पाया गया तो उस कर्मचारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।


Body: इस संबंध में कोरोनेशन अस्पताल में तैनात सीनियर पैथोलॉजिस्ट डॉ जे पी नौटियाल ने बताया कि देखने में आया था कि अस्पताल के कर्मचारी अक्सर मोबाइल चैटिंग, व्हाट्सएप फेसबुक में व्यस्त रहते हैं। जिससे अस्पताल के कार्य प्रभावित हो रहे थे और मरीजों का पर्याप्त ध्यान नहीं रखा जा रहा था। अब अस्पताल प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि यदि भविष्य में कोई भी कर्मचारी व्हाट्सएप फेसबुक में चैटिंग करते हुए पाया गया तो उसके विरुद्ध वेतन रोकने से लेकर, वेतन वृद्धि रोकने, यहां तक कि तबादले तक की संस्तुति की जा सकती है इसके साथ ही उस कर्मचारी की वार्षिक को अपनी आख्या में प्रविष्टि की जा सकती है।

बाईट- डॉ जेपी नोटियाल, वरिष्ठ पैथॉलॉजिस्ट, कोरोनेशन अस्पताल


Conclusion: अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक यह निर्देश बुधवार से जारी किए जा चुके हैं और अस्पताल प्रबंधन को उम्मीद है कि अस्पताल के कर्मचारी आइंदा इस गलती की पुनरावृति नहीं करेंगे, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब कर्मचारियों पर अस्पताल प्रबंधन सख्त रुख अपना सकता है तो चिकित्सकों पर यह निर्देश लागू क्यों नहीं किए गए हैं।
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