देहरादून: उत्तराखंड में निजी स्कूलों की तर्ज पर अब बाल वाटिका (Bal Vatika on lines of private play school) का स्वरूप बदलने की तैयारी की जा रही है. इसकी शुरुआत नैनीताल के रामगढ़ स्थित बाल वाटिका(Bal Vatika of Ramgarh of Nainital ) से हो चुकी है, अब प्रदेश की दूसरी बाल वाटिकाओं में भी इसी तरह बच्चों की शैक्षणिक कार्य से जुड़ी सुविधाओं को शुरू किया जाएगा.
नैनीताल जनपद के रामगढ़ की एक बाल वाटिका की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल(Photos Ramgarh Bal Vatika viral on social media) हो रही हैं. शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में बतौर इन्हें प्ले स्कूल तैयार किया है. उत्तराखंड के शिक्षा विभाग ने प्रदेश में आंगनबाड़ियों को बाल वाटिका के तौर पर बदलकर बच्चों को हाईटेक और स्मार्ट तरीके से शिक्षा देने के तौर पर तैयार किया है.
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उत्तराखंड शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी (Uttarakhand DG Education Banshidhar Tiwari) ने जानकारी दी है कि प्रदेश के ऐसे आंगनबाड़ी जो स्कूल के साथ चलते हैं उन्हें सबसे पहले बाल वाटिका के तौर पर तैयार किया जा रहा है. बच्चों को स्मार्ट क्लास और हाईटेक तरीके से शिक्षा देने की तैयारी की जा रही है. आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका कक्षाओं में बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व शिक्षकों के लिए हस्त पुस्तिका और बच्चों के लिए तीन अभ्यास पुस्तिकाएं (स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन) तैयार की हैं.
प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4,447 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. इन केंद्रों में प्री प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिए तैयार किया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से प्री प्राइमरी को बाल वाटिका नाम दिया गया है. विभाग की ओर से इसके लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है.
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20 हजार से अधिक हैं आंगनबाड़ी केंद्र: उत्तराखंड में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केंद्र मंजूर हैं. इसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. इन केंद्रों में 14,555 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैनात हैं. इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में 14,249 सहायिकाएं एवं 4,941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां नियुक्त हैं.
नई शिक्षा नीति 2020: भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 शुरू की है. इसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं. नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है. अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है. नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100 फीसदी जीईआर यानी (Gross Enrollment Ratio) के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा.पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 2014 साल के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल किया था.
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