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छात्रवृत्ति घोटाला: विजिलेंस कोर्ट से तीन आरोपियों की जमानत खारिज, HC की लेंगे शरण

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Published : Nov 2, 2019, 10:33 PM IST

देहरादून के विजिलेंस कोर्ट में छात्रवृत्ति घोटाले मामले में दोनों पक्षों की ओर से जमानत को लेकर बहस की गई, लेकिन कोर्ट आरोपी पक्ष अधिवक्ता के तर्कों से संतुष्ट नहीं हो पाई.

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देहरादूनः उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में जेल में बंद तीन समाज कल्याण सहायक अधिकारियों की जमानत खारिज हो गई है. विजिलेंस कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से हुई बहस में कोर्ट ने जमानत नामंजूर कर दी है. वहीं, अब आरोपी जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

बता दें कि बीते 15 अक्टूबर 2019 को एसआईटी ने 500 करोड़ से ज्यादा के छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हरिद्वार जिले में तैनात रहे समाज कल्याण विभाग के 3 सहायक अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. जिन्हें एसआईटी ने जेल भेजा था. जिसके बाद से ही दो रिटायर सहायक अधिकारी और एक वर्तमान में लक्सर में तैनात सहायक अधिकारी जेल में बंद हैं.

ये भी पढ़ेंः NH-74 घोटाला: डीपी सिंह और तीरथ पाल की बढ़ी मुश्किलें, हाइकोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट

इसी कड़ी में शनिवार को देहरादून के अपर जिला कोर्ट द्वितीय के विशेष विजिलेंस न्यायधीश श्रीकांत पांडे की अदालत में दोनों पक्षों की ओर से जमानत को लेकर बहस की गई, लेकिन कोर्ट आरोपी पक्ष अधिवक्ता के तर्कों से संतुष्ट नहीं हो पाई. जिसके बाद कोर्ट ने जमानत की दरख्वास्त नामंजूर की.

ये अधिकारी हैं शामिल-

  1. विनोद कुमार नैथानी, समाज कल्याण सहायक अधिकारी (रिटायर्ड).
  2. मुनीष कुमार त्यागी, समाज कल्याण, जिला सहायक अधिकारी (रिटायर्ड).
  3. सोम प्रकाश, हरिद्वार जिला समाज कल्याण, सहायक अधिकारी, निलबिंत हैं.

ये भी पढ़ेंः REALITY CHECK: सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान से कितनी जागरुक है राजधानी की जनता?

शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया कि कोर्ट में बहस के दौरान यह तर्क दिया गया है कि जमानत मिलने के बाद तीनों आरोपी साक्ष्य-सबूतों से छेड़छाड़ कर जांच को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में जांच प्रचलित होने के चलते आरोपियों को जमानत देना उचित नहीं है.

अधिवक्ता की मानें तो छात्रवृत्ति घोटाले के समय तीनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेजों में झूठा सत्यापन किया था. साथ ही करोड़ों रुपये का सरकारी धन का गबन किया गया था.

देहरादूनः उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में जेल में बंद तीन समाज कल्याण सहायक अधिकारियों की जमानत खारिज हो गई है. विजिलेंस कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से हुई बहस में कोर्ट ने जमानत नामंजूर कर दी है. वहीं, अब आरोपी जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

बता दें कि बीते 15 अक्टूबर 2019 को एसआईटी ने 500 करोड़ से ज्यादा के छात्रवृत्ति घोटाला मामले में हरिद्वार जिले में तैनात रहे समाज कल्याण विभाग के 3 सहायक अधिकारियों को गिरफ्तार किया था. जिन्हें एसआईटी ने जेल भेजा था. जिसके बाद से ही दो रिटायर सहायक अधिकारी और एक वर्तमान में लक्सर में तैनात सहायक अधिकारी जेल में बंद हैं.

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इसी कड़ी में शनिवार को देहरादून के अपर जिला कोर्ट द्वितीय के विशेष विजिलेंस न्यायधीश श्रीकांत पांडे की अदालत में दोनों पक्षों की ओर से जमानत को लेकर बहस की गई, लेकिन कोर्ट आरोपी पक्ष अधिवक्ता के तर्कों से संतुष्ट नहीं हो पाई. जिसके बाद कोर्ट ने जमानत की दरख्वास्त नामंजूर की.

ये अधिकारी हैं शामिल-

  1. विनोद कुमार नैथानी, समाज कल्याण सहायक अधिकारी (रिटायर्ड).
  2. मुनीष कुमार त्यागी, समाज कल्याण, जिला सहायक अधिकारी (रिटायर्ड).
  3. सोम प्रकाश, हरिद्वार जिला समाज कल्याण, सहायक अधिकारी, निलबिंत हैं.

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शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया कि कोर्ट में बहस के दौरान यह तर्क दिया गया है कि जमानत मिलने के बाद तीनों आरोपी साक्ष्य-सबूतों से छेड़छाड़ कर जांच को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में जांच प्रचलित होने के चलते आरोपियों को जमानत देना उचित नहीं है.

अधिवक्ता की मानें तो छात्रवृत्ति घोटाले के समय तीनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेजों में झूठा सत्यापन किया था. साथ ही करोड़ों रुपये का सरकारी धन का गबन किया गया था.

Intro:pls नोट- महोदय इस खबर से संबंधित सरकारी वकील की बाइक ई-मेल से भेजी गई है कृपया उठाने का कष्ट करें।

summary- छात्रवृत्ति घोटाले मामले में जेल में बंद 3 समाज कल्याण सहायक अधिकारियों की जमानत हुई खारिज, देहरादून विजिलेंस कोर्ट ने की जमानत नामंजूर, तय तिथि के अनुसार आज दोनों पक्षों की ओर से हुई थी कोर्ट में बहस, आरोपियों द्वारा अब हाईकोर्ट में की जाएगी जमानत की अपील।


देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले मामले में जेल में बंद आरोपित तीन समाज कल्याण सहायक अधिकारियों की जमानत देहरादून की विशेष विजिलेंस कोर्ट ने खारिज कर दी। तिथि के अनुसार शनिवार देहरादून के अपर जिला कोर्ट द्वितीय के विशेष विजिलेंस न्यायधीश श्रीकांत पांडे के अदालत में दोनों पक्षों की ओर से जमानत को लेकर बहस की गई, लेकिन अंततः कोर्ट ने आरोपी पक्ष अधिवक्ता के तर्कों से संतुष्ट ना सुनवाई पूरी होने के पश्चात जमानत की दरख्वास्त नामंजूर की हैं। हालांकि कोर्ट के निर्णय के बाद आरोपी पक्ष के वकील अब जमानत याचिका के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा आने वाले दिनों में खटखटा सकते हैं। जमानत खारिज होने वाले तीनों समाज कल्याण सहायक अधिकारी बीते 15 अक्टूबर 2019 से जेल में बंद है।

इन तीन अधिकारियों की जमानत हुई क्षेत्र के घोटाले में खारिज

1-विनोद कुमार नैथानी, रिटायर्ड, समाज कल्याण सहायक अधिकारी
2-मुनीष कुमार त्यागी ,रिटायर्ड, समाज कल्याण ,जिला सहायक अधिकारी।

3- सोम प्रकाश,हरिद्वार जिला समाज कल्याण, सहायक अधिकारी, निलबिंत हैं।


Body:अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए झूठे सत्यापन और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर घोटाला किया गया: शासकीय अधिवक्ता

वह छात्रवृत्ति घोटाले मामले में आरोपित तीनों सहायक अधिकारियों की जमानत कोर्ट द्वारा याचिका खारिज होने के बाद शासकीय अधिवक्ता राजीव गुप्ता ने बताया कि, कोर्ट में बहस के दौरान उनके द्वारा इस बात का तर्क दिया गया कि,जमानत मिलने के बाद तीनों आरोपी अधिकारी साक्ष्य- सबूतों से छेड़छाड़ कर जांच को प्रभावित कर सकते हैं. ऐसे में जांच प्रचलित होने के चलते आरोपियों को जमानत देना उचित नहीं है। सरकारी वकील के मुताबिक छात्रवृत्ति घोटाले के समय तीनों अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कॉलेजों में झूठा सत्यापन किया, इसके चलते करोड़ों रुपए का सरकारी धन गबन किया गया। सरकारी वकील के मुताबिक आरोपियों ने ऐसे कॉलेजों को भी छात्रवृत्ति का धन उपलब्ध कराया जिन कालेजों की कोई मान्यता नहीं थी और ना ही वहां
किसी छात्र का एडमिशन हुआ था।


बाईट- राजीव गुप्ता,शासकीय अधिवक्ता


Conclusion:बता दे कि 500 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले मामले में जांच एसआईटी पुलिस द्वारा 15 अक्टूबर 2019 को हरिद्वार जिले के अलग-अलग कार्यालय में तैनात रहे समाज कल्याण विभाग के सहायक जिलाधिकारियों को घोटाले के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। तभी से दो रिटायर सहायक अधिकारी और एक वर्तमान में हरिद्वार के लक्सर में तैनात सहायक अधिकारी जेल में बंद है।
घोटाले के आरोप में जेल में बंद जिला सहायक अधिकारी विनोद कुमार नैथानी और मनीष कुमार त्यागी हालांकि रिटायर्ड हो चुके हैं। जबकि सोम प्रकाश वर्तमान में हरिद्वार जिला के लक्सर में समाज कल्याण सहायक अधिकारी के तौर पर तैनात थे। तीनों सहायक अधिकारियों द्वारा मुख्य तौर पर वर्ष 2009 से 2017 तक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा मिलीभगत कर करोड रुपए का सरकारी धन का गबन कर बंदरबांट करने का आरोप है।
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