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इस बार बदरी केदार मंदिर समिति के सामने कई चुनौतियां, केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि कल होगी तय - देवस्थानम बोर्ड भंग

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को लेकर बदरी केदार मंदिर समिति ने कमर कस ली है. उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग होने के बाद बदरी केदार मंदिर समिति पर चारधाम संचालन की जिम्मेदारी है, लिहाजा बीकेटीसी के सामने कई चुनौतियां भी हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत से बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने खास बातचीत की.

Chardham Yatra in Uttarakhand
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा
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Published : Feb 28, 2022, 4:29 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 5:24 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2022 को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते बीते 2 सालों से चारधाम यात्रा तमाम बंदिशों के बीच संचालित की गई, लेकिन इस बार चारधाम यात्रा के पूरी तरह से संचालित होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिसे लेकर बदरी केदार मंदिर समिति ने कमर कस ली है.

बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की जिम्मेदारी एक बार फिर से बदरी केदार मंदिर समिति के कंधों पर है. इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बदरी केदार मंदिर समिति यानी बीकेटीसी को हटाकर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड बनाया था. जिसके भारी विरोध को देखते हुए सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी द्वारा देवस्थानम बोर्ड को हटाकर बीकेटीसी को वापस लाया गया. इतना ही नहीं बीजेपी नेता अजेंद्र अजय को बीकेटीसी का अध्यक्ष बनाया गया है.
ये भी पढ़ेंः महाशिवरात्रि के दिन केदारनाथ कपाट खुलने की तिथि होगी घोषित, तैयारियां शुरू

ईटीवी भारत की टीम ने उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से खास बातचीत की. इस दौरान अजेंद्र अजय ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड को हटाकर एक बार फिर से बीकेटीसी को चारधाम यात्रा की जिम्मेदारी दी गई है. जिस पर राजभवन ने भी मुहर लगा दी है. ऐसे में बीकेटीसी एक बार फिर से अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है. यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठकें की जा रही हैं. इस बात का विशेष ख्याल रखा जा रहा है कि उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो, उसको लेकर भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं.

8 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाटः बसंत पंचमी के पावन पर्व पर नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार से बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि तय की जाती है. टिहरी के महाराजा मनुजेंद्र शाह की जन्मकुंडली के आधार पर नक्षत्रों की गणना करके बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने और भगवान बदरी विशाल के महाभिषेक के लिए तिलों का तेल पिरोने की तिथियों की घोषणा महाराजा मनुजेंद्र शाह की ओर से की जाती है. इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार यानी 8 मई को सुबह 6 बजकर 15 मिनट में खुलेंगे.
ये भी पढ़ेंः देवस्थानम बोर्ड भंग: हरीश रावत का बड़ा बयान, चुनाव में हार से भयभीत सरकार का है ये फैसला

केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि कल होगी तयः कल महाशिवरात्रि का पर्व है. इसी दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होगी. शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से ये तिथि तय की जाएगी. परंपरानुसार केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख के साथ ही समय का निर्धारण भी किया जाएगा. केदारनाथ मंदिर के रावल भीमा शंकर लिंग की ओर से बदरी-केदार मंदिर समिति के वेदपाठी, आचार्य, हक-हकूकधारी और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में इस शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी. वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर खोले जाते हैं.

चुनौती भरी हो सकती है चारधाम यात्रा की शुरुआतः तकरीबन 2 सालों तक देवस्थानम बोर्ड ने ही उत्तराखंड में यात्रा की व्यवस्थाएं देखी थी. हालांकि, इस दौरान 2 साल कोविड महामारी की दुश्वारियां के बीच ही निकल गए. अब एक बार फिर से बदरी केदार मंदिर समिति को जिम्मेदारी दी गई है. जिसके बाद समिति के लिए कोविड और देवस्थानम बोर्ड के भंग होने बाद शुरू हो रही यात्रा चुनौती बन सकती है.

इसके अलावा इस बार उत्तराखंड में भरपूर बर्फबारी हुई है. जिसकी वजह से हाई एल्टीट्यूड में मौजूद बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर बर्फ से ढके हुए हैं. ऐसे में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि शुरुआत में नई व्यवस्थाएं सुचारू करने में चुनौतियां होती हैं, लेकिन उन्हें खुद पर और अपने सहयोगियों पर पूरा भरोसा है. वो पहली दफा मिली, इन जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाएंगे.

देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2022 को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते बीते 2 सालों से चारधाम यात्रा तमाम बंदिशों के बीच संचालित की गई, लेकिन इस बार चारधाम यात्रा के पूरी तरह से संचालित होने की उम्मीद जताई जा रही है. जिसे लेकर बदरी केदार मंदिर समिति ने कमर कस ली है.

बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की जिम्मेदारी एक बार फिर से बदरी केदार मंदिर समिति के कंधों पर है. इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बदरी केदार मंदिर समिति यानी बीकेटीसी को हटाकर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड बनाया था. जिसके भारी विरोध को देखते हुए सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी द्वारा देवस्थानम बोर्ड को हटाकर बीकेटीसी को वापस लाया गया. इतना ही नहीं बीजेपी नेता अजेंद्र अजय को बीकेटीसी का अध्यक्ष बनाया गया है.
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ईटीवी भारत की टीम ने उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से खास बातचीत की. इस दौरान अजेंद्र अजय ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड को हटाकर एक बार फिर से बीकेटीसी को चारधाम यात्रा की जिम्मेदारी दी गई है. जिस पर राजभवन ने भी मुहर लगा दी है. ऐसे में बीकेटीसी एक बार फिर से अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार है. यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठकें की जा रही हैं. इस बात का विशेष ख्याल रखा जा रहा है कि उत्तराखंड आने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की कोई समस्या ना हो, उसको लेकर भी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं.

8 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाटः बसंत पंचमी के पावन पर्व पर नरेंद्रनगर स्थित राज दरबार से बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि तय की जाती है. टिहरी के महाराजा मनुजेंद्र शाह की जन्मकुंडली के आधार पर नक्षत्रों की गणना करके बदरीनाथ धाम के कपाट खोलने और भगवान बदरी विशाल के महाभिषेक के लिए तिलों का तेल पिरोने की तिथियों की घोषणा महाराजा मनुजेंद्र शाह की ओर से की जाती है. इस बार बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार यानी 8 मई को सुबह 6 बजकर 15 मिनट में खुलेंगे.
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केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि कल होगी तयः कल महाशिवरात्रि का पर्व है. इसी दिन केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होगी. शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से ये तिथि तय की जाएगी. परंपरानुसार केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख के साथ ही समय का निर्धारण भी किया जाएगा. केदारनाथ मंदिर के रावल भीमा शंकर लिंग की ओर से बदरी-केदार मंदिर समिति के वेदपाठी, आचार्य, हक-हकूकधारी और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में इस शुभ मुहूर्त की घोषणा की जाएगी. वहीं, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर खोले जाते हैं.

चुनौती भरी हो सकती है चारधाम यात्रा की शुरुआतः तकरीबन 2 सालों तक देवस्थानम बोर्ड ने ही उत्तराखंड में यात्रा की व्यवस्थाएं देखी थी. हालांकि, इस दौरान 2 साल कोविड महामारी की दुश्वारियां के बीच ही निकल गए. अब एक बार फिर से बदरी केदार मंदिर समिति को जिम्मेदारी दी गई है. जिसके बाद समिति के लिए कोविड और देवस्थानम बोर्ड के भंग होने बाद शुरू हो रही यात्रा चुनौती बन सकती है.

इसके अलावा इस बार उत्तराखंड में भरपूर बर्फबारी हुई है. जिसकी वजह से हाई एल्टीट्यूड में मौजूद बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर बर्फ से ढके हुए हैं. ऐसे में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि शुरुआत में नई व्यवस्थाएं सुचारू करने में चुनौतियां होती हैं, लेकिन उन्हें खुद पर और अपने सहयोगियों पर पूरा भरोसा है. वो पहली दफा मिली, इन जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाएंगे.

Last Updated : Feb 28, 2022, 5:24 PM IST
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