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श्राइन बोर्ड पर आमने-सामने बदरीनाथ और केदारनाथ विधायक

सोमवार को शीतकालीन सत्र का चौथा दिन श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस मुद्दे पर बदरीनाथ और केदारनाथ विधायक दोनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे.

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बदरीनाथ-केदारनाथ विधायक
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Published : Dec 9, 2019, 7:29 PM IST

Updated : Dec 9, 2019, 10:16 PM IST

देहरादून: इसे राजनीतिक महत्वाकांक्षा कहें या फिर मुद्दों की समझ जो एक ही विषय पर दो विधायक अलग-अलग राय रखते हैं. चारधाम श्राइन बोर्ड में जहां बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट को इसमें तमाम खूबियां नजर आ रही हैं तो वहीं दूसरे तरफ केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत को श्राइन बोर्ड की खामियां गिना रहे हैं.

इन दिनों सड़क से लेकर सदन तक चारधाम श्राइन बोर्ड का मुद्दा गरमाया हुआ है. सड़क पर चारों धाम के तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं सदन में कांग्रेस चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक का पुरजोर विरोध कर रही है. वहीं बदरीनाथ और केदारनाथ से आने वाले कांग्रेस-बीजेपी के विधायक भी श्राइन बोर्ड पर एक-दूसरे के सामने खड़े हुए नजर आ रहे हैं.

पढ़ें- शीतकालीन सत्रः हंगामे की भेंट चढ़ा सत्र का चौथा दिन, सरकार ने हरीश रावत को ठहराया जिम्मेदार

सोमवार को शीतकालीन सत्र का चौथा दिन श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस मुद्दे पर बदरीनाथ और केदारनाथ विधायक एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे. केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने श्राइन बोर्ड को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए तो वहीं बीजेपी विधायक महेंद्र भट्ट ने मनोज रावत को इस मामले पर राजनीति नहीं बल्कि विचार विमर्श करने की सलाह दी.

देहरादून: इसे राजनीतिक महत्वाकांक्षा कहें या फिर मुद्दों की समझ जो एक ही विषय पर दो विधायक अलग-अलग राय रखते हैं. चारधाम श्राइन बोर्ड में जहां बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट को इसमें तमाम खूबियां नजर आ रही हैं तो वहीं दूसरे तरफ केदारनाथ से कांग्रेस विधायक मनोज रावत को श्राइन बोर्ड की खामियां गिना रहे हैं.

इन दिनों सड़क से लेकर सदन तक चारधाम श्राइन बोर्ड का मुद्दा गरमाया हुआ है. सड़क पर चारों धाम के तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं तो वहीं सदन में कांग्रेस चारधाम श्राइन बोर्ड विधेयक का पुरजोर विरोध कर रही है. वहीं बदरीनाथ और केदारनाथ से आने वाले कांग्रेस-बीजेपी के विधायक भी श्राइन बोर्ड पर एक-दूसरे के सामने खड़े हुए नजर आ रहे हैं.

पढ़ें- शीतकालीन सत्रः हंगामे की भेंट चढ़ा सत्र का चौथा दिन, सरकार ने हरीश रावत को ठहराया जिम्मेदार

सोमवार को शीतकालीन सत्र का चौथा दिन श्राइन बोर्ड के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ गया. इस मुद्दे पर बदरीनाथ और केदारनाथ विधायक एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे. केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने श्राइन बोर्ड को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए तो वहीं बीजेपी विधायक महेंद्र भट्ट ने मनोज रावत को इस मामले पर राजनीति नहीं बल्कि विचार विमर्श करने की सलाह दी.

Intro:Note- फीड FTP से (uk_deh_03_mla_faceto_face_on_shraine_board_vis_byte_7205800) नाम से भेजी गई है।


एंकर- इसे राजनीतिक महत्वाकांक्षा कहें या फिर मुद्दों की समझ जो एक ही विषय पर दो विधायक अलग-अलग राय रखते हैं। श्राइन बोर्ड को लेकर जहां बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट को इसमें तमाम खूबियां नजर आ रही है तो दूसरी तरफ केदारनाथ से आने वाले विधायक मनोज रावत को इस श्राइन बोर्ड में खामियां ही खामियां नजर आ रही है।



Body:वीओ- राजनीतिक चश्मे से अगर देखा जाए तो भले ही बद्रीनाथ विधायक और केदारनाथ से आने वाले विधायक दो अलग-अलग दलों से संबंध रखते हो लेकिन साइन बोर्ड जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वह अपनी पार्टी लाइन को न देखकर आमजन से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर गंभीरता से चीजों को स्पष्ट जनता के सामने रखें।

सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान पूरे दिन श्राइन बोर्ड का मुद्दा सत्र से लेकर सत्र के बाहर सर चढ़कर बोलता रहा तो वहीं इस मामले पर बद्रीनाथ और केदारनाथ विधायक दोनों ने एक दूसरे के दोनों पर आरोप प्रत्यारोप कीया।

एक तरफ जहां केदारनाथ से आने वाले कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने सदन के भीतर से लेकर सदन के बाहर भी श्राइन बोर्ड को लेकर सरकार की मंशा पर शक जाहिर किया तो वहीं दूसरी तरफ बद्रीनाथ से आने वाले विधायक महेंद्र भट्ट का कहना है कि विपक्ष को इस मामले को लेकर राजनीति नहीं बल्कि विचार विमर्श करना चाहिए।


बाइट- मनोज रावत, रुद्रप्रयाग विधायक (केदारनाथ)
बाइट- महेंद्र नेगी, बद्रीनाथ विधायक



Conclusion:
Last Updated : Dec 9, 2019, 10:16 PM IST
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