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जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की स्थिति बदहाल, इस बार सरकार नहीं मनाएगी उनका जन्मदिन - लेटेस्ट न्यूज

भारत के प्रथम सर्वेक्षण अधिकारी सर जॉर्ज एवरेस्ट का 4 जुलाई को जन्मदिन है. वहीं, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की बदहाल हालत और आसपास फैली गंदगी और शराब की खाली बोतलों को देखकर लोग काफी मायूस हुए हैं. साथ ही NGT की रोक के कारण इसके सौंदर्यीकरण का काम नहीं हो पा रहा है.

बदहाल स्थिति में जॉर्ज एवरेस्ट हाउस.
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Published : Jul 3, 2019, 2:45 PM IST

मसूरी: केंद्र और राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी ऐतिहासिक जॉर्ज एवरेस्ट हाउस बदहाली के आंसू रो रहा है. जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का जीर्णोद्धार और क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए कई प्रस्ताव बनाए गए, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के कारण कोई भी प्रस्ताव धरातल पर नहीं उतर पाया. वहीं, यहां पर शराब की बोतले और गंदगी का अंबार लगने से स्थिति और बदतर हो गई है.

भारत के प्रथम सर्वेक्षण अधिकारी सर जॉर्ज एवरेस्ट का 4 जुलाई को जन्मदिन है. जिनके द्वारा मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट हाउस में रहकर आसपास के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया था. जिनके जन्मदिन को पिछले कई सालों से उत्तराखंड पर्यटन विभाग धूमधाम से मनाता आया है. लेकिन, इस बार जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की दुर्दशा और जॉर्ज एवरेस्ट जाने के लिए हाथीपाव से सड़क की स्थिति बदहाल होने के कारण जन्मदिन नहीं मनाया जा रहा है.

दिल्ली और पंजाब से जॉर्ज एवरेस्ट घूमने आए पर्यटकों ने बताया कि जॉर्ज एवरेस्ट का नाम सुनने के बाद जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और प्रयोगशाला को देखने के लिए वो अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे. लेकिन, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की बदहाल हालत और आसपास फैली गंदगी और शराब की खाली बोतलों को देखकर काफी मायूस हुए हैं. वहीं, जॉर्ज एवरेस्ट में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जॉर्ज एवरेस्ट के 2 किलोमीटर की सड़क का हाल बदहाल होने के कारण कई वाहन अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट जाते हैं. इसके लिए सरकार को सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए.

जॉर्ज एवरेस्ट हाउस बना अय्याशी का अड्डा.

ये भी पढ़ें: मानसून सीजन को लेकर DM की समीक्षा बैठक, जेसीबी में GSP लगाने के निर्देश

बता दें कि सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस भारत के प्रथम सर्वेक्षण अधिकारी सर जॉर्ज एवरेस्ट ने बनाया था. उन्होंने यहां पर ही रह कर त्रिकोणीय पद्धति का आविष्कार किया. साथ ही यहां पर कई सर्वे भी किए. वहीं, विश्व की सबसे ऊंची चोटी की खोज करने के कारण उन्हीं के नाम पर इस चोटी का नाम जॉर्ज एवरेस्ट रखा गया था.

ये भी पढ़ें: मॉब लिंचिंग के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन, सरकार से की सख्त कानून बनाने की मांग

हाल ही में 29 करोड़ रुपये की लागत से जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के साथ आसपास के क्षेत्र में सौंदर्यीकरण और सड़क के निर्माण को लेकर योजना बनाई गई थी. योजना की स्वीकृति होने के बाद टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के कारण इसका काम आज तक शुरू नहीं हो पाया.

मसूरी: केंद्र और राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी ऐतिहासिक जॉर्ज एवरेस्ट हाउस बदहाली के आंसू रो रहा है. जॉर्ज एवरेस्ट हाउस का जीर्णोद्धार और क्षेत्र के सौंदर्यीकरण के लिए कई प्रस्ताव बनाए गए, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के कारण कोई भी प्रस्ताव धरातल पर नहीं उतर पाया. वहीं, यहां पर शराब की बोतले और गंदगी का अंबार लगने से स्थिति और बदतर हो गई है.

भारत के प्रथम सर्वेक्षण अधिकारी सर जॉर्ज एवरेस्ट का 4 जुलाई को जन्मदिन है. जिनके द्वारा मसूरी स्थित जॉर्ज एवरेस्ट हाउस में रहकर आसपास के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया था. जिनके जन्मदिन को पिछले कई सालों से उत्तराखंड पर्यटन विभाग धूमधाम से मनाता आया है. लेकिन, इस बार जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की दुर्दशा और जॉर्ज एवरेस्ट जाने के लिए हाथीपाव से सड़क की स्थिति बदहाल होने के कारण जन्मदिन नहीं मनाया जा रहा है.

दिल्ली और पंजाब से जॉर्ज एवरेस्ट घूमने आए पर्यटकों ने बताया कि जॉर्ज एवरेस्ट का नाम सुनने के बाद जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और प्रयोगशाला को देखने के लिए वो अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे. लेकिन, जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की बदहाल हालत और आसपास फैली गंदगी और शराब की खाली बोतलों को देखकर काफी मायूस हुए हैं. वहीं, जॉर्ज एवरेस्ट में शौचालय और पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जॉर्ज एवरेस्ट के 2 किलोमीटर की सड़क का हाल बदहाल होने के कारण कई वाहन अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट जाते हैं. इसके लिए सरकार को सुविधाएं मुहैया करानी चाहिए.

जॉर्ज एवरेस्ट हाउस बना अय्याशी का अड्डा.

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बता दें कि सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस भारत के प्रथम सर्वेक्षण अधिकारी सर जॉर्ज एवरेस्ट ने बनाया था. उन्होंने यहां पर ही रह कर त्रिकोणीय पद्धति का आविष्कार किया. साथ ही यहां पर कई सर्वे भी किए. वहीं, विश्व की सबसे ऊंची चोटी की खोज करने के कारण उन्हीं के नाम पर इस चोटी का नाम जॉर्ज एवरेस्ट रखा गया था.

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हाल ही में 29 करोड़ रुपये की लागत से जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के साथ आसपास के क्षेत्र में सौंदर्यीकरण और सड़क के निर्माण को लेकर योजना बनाई गई थी. योजना की स्वीकृति होने के बाद टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के कारण इसका काम आज तक शुरू नहीं हो पाया.

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मसूरी का ऐतिहासिक जॉर्ज एवरेस्ट हाउस एवं स्टेट शासन प्रशासन की अनदेखी के कारण अपनी बदहाली स्थिति के लिए आंसू बहा रहा है शासन प्रशासन की ओर से सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस ओर छेत्र के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए कई प्रस्ताव बनाए गए लेकिन अभी तक कोई भी योजना धरातल पर नहीं आ पाई है जिस वजह से दिन प्रतिदिन जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की हालत बद से बदतर होती जा रही है
4 जुलाई को भारत के प्रथम सर्वेक्षण अधिकारी सर जॉर्ज एवरेस्ट जिनके द्वारा मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट हाउस में रहकर मसूरी और आसपास के क्षेत्र का सर्वेक्षण किया गया था का जन्मदिन है जिसको पिछले कई सालों से उत्तराखंड पर्यटन विभाग धूमधाम से मनाते आया है परंतु इस बार जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की दुर्दशा और जॉर्ज एवरेस्ट के लिए हाथीपाव से सड़क बदहाल स्थिति होने के कारण जन्मदिन नहीं मनाया जा रहा है


Body:दिल्ली और पंजाब से जॉर्ज एवरेस्ट घूमने आए पर्यटक ने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट का नाम सुनने के बाद और उनके मसूरी जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और प्रयोगशाला को देखने के लिए वह अपने परिवार के साथ जॉर्ज एवरेस्ट हाउस पहुंचे परंतु जॉर्ज एवरेस्ट हाउस की बदहाल हालत और आसपास पसरी गंदगी शराब की खाली बोतलें और कूड़े का ढेर देखकर काफी मायूस हुए वहीं जॉर्ज एवरेस्ट में ना तो शौचालय है और ना ही पेयजल की कोई व्यवस्था सजिससे उनको खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा उन्होंने कहा कि जॉर्ज एवरेस्ट के 2 किलोमीटर की सड़क का हाल बदहाल है यह नहीं समझ में आ रहा है कि सड़क पर गड्ढे है या गड्ढों में सड़क है वह कई बार उनके वाहन अनियंत्रित होकर सड़क पर पलटने से बचे उन्होंने सरकार से कहा कि एक ओर सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़ी बातें कर रही है परंतु पर्यटकों को सुविधा के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है ऐसे में पर्यटन स्थलों पर लोगों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं सरकार को उपलब्ध करानी चाहिए


Conclusion:मसूरी के हाथी पांव में स्थित जॉर्ज एवरेस्ट हाउस आज बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है लेकिन पिछले कई वर्षों में किसी भी सरकार का इस बदहाली की ओर ध्यान नहीं दिया है जिस कारण आज जॉर्ज एवररेस्ट हाउस खडर बनकर रह गया है पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के बाद ना ही पर्यटन विभाग नगर पालिका परिषद मसूरी सर्वेक्षण विभाग इसकी बदहाली स्थिति सुधारने की ओर ध्यान दे रहा है हाउस की आस पास की स्थिति यह बनी हुई है किया शराब और अय्याशी का अड्डा बन कर रह गया है हालांकि इसके जीर्णोद्धार और सौन्दर्यकरण के लिए शासन प्रशासन स्तर पर प्रस्ताव बने परंतु हाल में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रोक लग गई है जिसको हटाने के लिए लगातार पर्यटन विभाग प्रयास कर रहा है
बता दें कि सर जॉर्ज एवरेस्ट हाउस भारत के प्रथम सर्वेक्षण अधिकारी सर जॉर्ज एवरेस्ट ने बनाया था उनका यहां पर ही रह कर त्रिकोणीय पद्धति का आविष्कार किया था सर जॉर्ज ने यहां पर कई सर्वे भी किया और कई रहस्य से पर्दा उठाया था उन्होंने यह रहकर विश्व की सबसे ऊंची चोटी का अविष्कार किया था जिसका नाम उन्हीं के नाम पर जॉर्ज एवरेस्ट रखा गया था

हाल में करीब 29 करोड़ रुपए की लागत से जॉर्ज एवरेस्ट हाउस और आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण व हाथों से जॉर्ज एवरेस्ट तक सड़क के निर्माण को लेकर बनाई गई योजना की स्वीकृति होने के बाद टेंडर प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी परंतु नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के कारण वह आज तक शुरू नहीं हो पाएगा

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