देहरादून: भगवान शिव के 11वें ज्योतिर्लिंग और विश्व प्रसिद्ध भगवान केदारनाथ धाम के कपाट बुधवार को विधि विधान और पूजा अर्चना के बाद खोल दिए जाएंगे. इस दौरान धाम के रावल, पुजारी और कुछ गिने चुने लोग ही मौजूद रहेंगे. ये ऐसा पहला मौका होगा जब बिना श्रद्धालुओं की उपस्थित के केदारधाम के कपाट खोले जाएंगे. कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करते हुए राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं कि धाम के कपाट खोलने की प्रक्रिया को भव्य न बनाया जाए. इसके अलावा गंगोत्री धाम की तरह केदारनाथ में भी पीएम मोदी के नाम से सबसे पहले पूजा की जाएगी.
बुधवार को केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तैयारियों को लगभग पूरा कर लिया गया है. बाबा केदारनाथ की डोली केदारधाम पहुंच चुकी है. बुधवार सुबह पूरे विधि-विधान और मंत्रोच्चार के साथ केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे. इसके लिए मंदिर को गेंदें के फूलों से सजाया गया है. राज्य सरकार के निर्देशों के हिसाब से ही धाम में कपाट खोलने की व्यवस्था की गई. केदरानाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान 18 से 20 लोग ही धाम में मौजूद रहेंगे. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिग की भी ख्याल रखा जाएगा.
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बदरी-केदार मंदिर के तीर्थ पुरोहित आशुतोष डिमरी की मानें तो कोरोना वायरस की वजह से सरकार ने धाम में भक्तों के जाने की अनुमति नहीं दी है, मगर पूजा-पाठ और कपाट खुलने की प्रक्रिया में कोई भी कमी नहीं आने दी जाएगी. लिहाजा हर साल की तरह ही इस साल भी कपाट खोले जाएंगे, हालांकि इस समय तीर्थ पुरोहितों की संख्या भी बेहद सीमित की गई है.
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वहीं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खोलने के बाद कल केदारधाम के कपाट खोले जाएंगे. यहां भी गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की तरह पहले पीएम मोदी के नाम से भगवान आशुतोष की पूजा की जाएगी. सतपाल महाराज का कहना है कि चारों धाम और संतों के आशीर्वाद से पीएम मोदी संकट की इस घड़ी से देश को उबार सकेंगे.