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आयुष छात्रों का नहीं हुआ भला, निजी कॉलेजों की चल रहा मनमानी - हाईकोर्ट का लिया निर्णय

आयुष छात्रों का नहीं हो रहा भला. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले ही आनन-फानन में आयुर्वेदिक कोर्सेज की फीस को लेकर हाईकोर्ट के निर्णय का पालन करने के आदेश जारी किए थे.उन्होंने कहा की छात्रों को धरना समाप्त कर देना चाहिए.

आयुष मंन्त्री ने कहा निजी कॉलेज किसी का नहीं सुन रहे
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Published : Nov 23, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Nov 23, 2019, 5:02 PM IST

देहरादूनः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाईकोर्ट के निर्णय का पालन किये जाने का आदेश जारी किए थे. लेकिन 52 दिनों से आंदोलित आयुष छात्रों का भला शायद सरकार के आदेश से भी नहीं हो पायेगा. वहीं, आयुष मंत्री की बातचीत में कुछ ऐसे ही तथ्य सामने आए हैं.जिसको लेकर आयुष मंत्री ने कहा है कि निजी कॉलेजों ना तो सरकार के आदेश को मानते है ना ही कोर्ट की. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि छात्रों को इस निर्णय के बाध धरना समाप्त कर देना चाहिए.

आयुष मंन्त्री ने कहा निजी कॉलेज किसी का नहीं सुन रहे

बता दें की, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले ही आनन-फानन में आयुर्वेदिक कोर्सेज की फीस को लेकर हाईकोर्ट के निर्णय का पालन करने के आदेश जारी किए थे. लेकिन सवाल यह उठता है कि आंदोलित छात्रों के 50 दिन से भी ज्यादा समय के बाद सरकार को यह निर्णय लेने की याद कैसे आई. हाईकोर्ट ने आंदोलित आयुष छात्रों के पक्ष में काफी पहले ही बढ़ाई गई फीस को कम करने के आदेश दिए थे. लेकिन इसके बाद भी छात्रों से वसूली गयी बढ़ी हुई फीस न तो वापस की गई, ना ही फिस को कम किया गया.

पढ़ेःपतंजलि योगपीठ पहुंचे नेपाल के उप प्रधानमंत्री, बाबा रामदेव और बालकृष्ण ने किया सम्मानित

आयुष मंत्री के बयान से साफ हो गया है कि आयुष छात्रों के लिए सरकार का निर्णय भी बेकार ही है. उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों ना तो सरकार के आदेश को मानते है ना ही कोर्ट की. आयुष मंत्री ने इससे भी आगे बढ़कर सरकार का निजी कॉलेजों पर कोई नियंत्रण नहीं होने तक की बात कही. जिसमें केंद्रीय मंत्री से लेकर उत्तराखंड सरकार के मंन्त्री और बाबा रामदेव तक के नाम सामने आते हैं. जिसको लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार द्वारा निर्णय लिया जा चुका है और अब भी छात्र धरने पर बैठे हैं, तो वह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है..

देहरादूनः मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाईकोर्ट के निर्णय का पालन किये जाने का आदेश जारी किए थे. लेकिन 52 दिनों से आंदोलित आयुष छात्रों का भला शायद सरकार के आदेश से भी नहीं हो पायेगा. वहीं, आयुष मंत्री की बातचीत में कुछ ऐसे ही तथ्य सामने आए हैं.जिसको लेकर आयुष मंत्री ने कहा है कि निजी कॉलेजों ना तो सरकार के आदेश को मानते है ना ही कोर्ट की. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि छात्रों को इस निर्णय के बाध धरना समाप्त कर देना चाहिए.

आयुष मंन्त्री ने कहा निजी कॉलेज किसी का नहीं सुन रहे

बता दें की, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले ही आनन-फानन में आयुर्वेदिक कोर्सेज की फीस को लेकर हाईकोर्ट के निर्णय का पालन करने के आदेश जारी किए थे. लेकिन सवाल यह उठता है कि आंदोलित छात्रों के 50 दिन से भी ज्यादा समय के बाद सरकार को यह निर्णय लेने की याद कैसे आई. हाईकोर्ट ने आंदोलित आयुष छात्रों के पक्ष में काफी पहले ही बढ़ाई गई फीस को कम करने के आदेश दिए थे. लेकिन इसके बाद भी छात्रों से वसूली गयी बढ़ी हुई फीस न तो वापस की गई, ना ही फिस को कम किया गया.

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आयुष मंत्री के बयान से साफ हो गया है कि आयुष छात्रों के लिए सरकार का निर्णय भी बेकार ही है. उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों ना तो सरकार के आदेश को मानते है ना ही कोर्ट की. आयुष मंत्री ने इससे भी आगे बढ़कर सरकार का निजी कॉलेजों पर कोई नियंत्रण नहीं होने तक की बात कही. जिसमें केंद्रीय मंत्री से लेकर उत्तराखंड सरकार के मंन्त्री और बाबा रामदेव तक के नाम सामने आते हैं. जिसको लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार द्वारा निर्णय लिया जा चुका है और अब भी छात्र धरने पर बैठे हैं, तो वह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है..

Intro:summary- देहरादून में करीब 52 दिनों से आंदोलित आयुष छात्रों का भला शायद सरकार के आदेश से भी नही हो पायेगा..ईटीवी भारत संवाददाता से आयुष मंन्त्री की बातचीत में कुछ ऐसे ही तथ्य सामने आए हैं..आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत से दो टूक निजी कॉलेजों के नियंत्रण से बाहर होने का खुलासा किया है..जानिए क्या कहा आयुष मंन्त्री हरक सिंह ने...


Body:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक दिन पहले ही आनन-फानन में आयुर्वेदिक कोर्सेज की फीस को लेकर हाईकोर्ट के निर्णय का पालन किये जाने के आदेश जारी किए.. सवाल यह उठा की आंदोलित आयुष छात्रों के 50 दिन से भी ज्यादा समय तक धरना देने के बाद अचानक सरकार को यह निर्णय लेने की याद कैसे आई.. आपको बता दें कि हाईकोर्ट ने आंदोलित आयुष छात्रों के पक्ष में काफी पहले ही बढ़ाई गई फीस को कम करने के आदेश दिए थे.. लेकिन इसके बावजूद भी छात्रों से वसूली गयी बढ़ी हुई फीस न तो वापस की गई, न ही फीस को कम ही किया गया.. ऐसे भी त्रिवेंद्र सरकार के 1 दिन पहले लिए गए निर्णय को आंदोलित आयुष छात्रों के लिए बड़ी राहत माना गया.. हालांकि इससे उलट आयुष मंत्री ने जो बयान दिया उससे साफ हो गया है कि आयुष छात्रों के लिए सरकार का निर्णय भी बेकार ही है.. दरअसल आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि निजी कॉलेजों को इससे पहले भी दो बार सरकार आदेश कर चुकी है, लेकिन निजी कॉलेज न तो सरकार की मानते हैं और ना ही कोर्ट की... आयुष मंत्री ने इससे भी आगे बढ़कर सरकार का निजी कॉलेजों पर कोई नियंत्रण नहीं होने तक की बात कह दी...

बाइट हरक सिंह रावत आयुष मंत्री उत्तराखंड

उत्तराखंड में निजी आयुष कॉलेज कई बड़ी हस्तियों के हैं.. इसमें केंद्रीय मंत्री से लेकर उत्तराखंड सरकार के मंन्त्री और बाबा रामदेव तक के नाम सामने आते हैं.. जाहिर है कि मामले में सरकार को देरी लगनी ही थी... हालांकि इसके बाद भी आंदोलित आयुष छात्र धरने पर डटे हुए हैं.. हालाकिं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत छात्रों को लेकर बयान देते हुए कहते हैं कि सरकार द्वारा निर्णय लिया जा चुका है और अब भी छात्र धरने पर बैठे हैं, तो वह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है.. लेकिन सरकार के इस निर्णय के बाद उन्हें अपना धरना समाप्त कर देना चाहिए...

बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Nov 23, 2019, 5:02 PM IST
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