ऋषिकेश: नए आदेशों के अनुसार उत्तराखंड पुलिस कांस्टेबल रैंक को 20 साल की सेवाओं के बाद 4600 रुपए ग्रेड पे नहीं दिया जाएगा, बल्कि 2800 रुपए ग्रेड पे मिलेगा. ऐसे में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत जवानों को पूर्व की भांति वेतनमान दिए जाने के मामले में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है.
बता दें कि, पिछले दिनों कांस्टेबलों के वेतनमान में कटौती संबंधी आदेश जारी किए गए थे. पहले 20 साल की संतोषजनक सेवा पर सिपाही को सब इंस्पेक्टर के बराबर 4600 रुपये का ग्रेड पे यानी वेतनमान दिया जाता था. जबकि 30 साल की सेवा पर यह बढ़ाकर इंस्पेक्टर रैंक के बराबर 4800 रुपए कर दिया जाता है. नए आदेशों के अनुसार सिपाहियों को 20 साल की संतोषजनक सेवा पर 2800 रुपए ग्रेड पे दिए जाने की बात है.
पढ़ें: पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा की हालत में सुधार, बेटे राजीव ने दी जानकारी
विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर उत्तराखंड पुलिस में वर्ष 2001 व 2002 के कांस्टेबलों के वेतन विसंगति के संबंध में ध्यान आकर्षित किया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के समय से पुलिस कार्मिकों द्वारा फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में आम जनता की मदद की जा रही है. लेकिन इस निर्णय से पुलिस कार्मिकों के मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस बल एक अनुशासित बल है उनके द्वारा अन्य राज्य कार्मिकों की भांति अपनी पीड़ा सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं की जा सकती है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पुलिस कार्मिकों को 20 वर्ष की सेवा उपरांत 4600 रुपए ग्रेड पे दिए जाने के लिए पुनर्विचार किया जाए.