देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश में 17 से 24 दिसंबर तक पहली बार आयोजित हो रहे पीठासीन अधिकारियों के अखिल भारतीय सम्मेलन के पहले दिन देशभर के विधानसभा सचिवों का सम्मेलन आयोजित किया गया. इस दौरान उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कार्यक्रम स्थल पहुंचकर लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव व सहित देशभर की विधानसभा सचिवों से मुलाकात की.
पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के दौरान उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने लोकसभा और राज्यसभा के महासचिवों का स्वागत किया और देश भर से आए विधानसभा के सचिवों से भी वार्ता की. इसमें लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव भी शामिल रहे.
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बुधवार 18 दिसम्बर से सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत होगी. इसमें अखिल भारतीय स्तर से विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति एवं उपसभापति शामिल होंगे. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. सम्मेलन में अध्यक्ष लोकसभा, राज्यसभा के उपसभापति के अतिरिक्त 17 विधानसभा अध्यक्ष, 12 उपाध्यक्ष, पांच सभापति और एक उपसभापति विधान परिषद सहित 21 सचिव शामिल होंगे.
मुख्य कार्यक्रम 18 दिसम्बर को होना है. 24 दिसम्बर तक होने वाले इस समारोह के दौरान देश की संसदीय कार्यशैली को लेकर महत्वपूर्ण विचारधारा पर गोष्ठियां की जाएंगी. सभी अतिथियों को उत्तराखंड राज्य निर्माण से लेकर अबतक हुई विकास यात्रा की एक सुंदर डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी. उद्घाटन सत्र में आए सभी मेहमानों का स्वागत राज्य के प्रमुख छोलिया नृत्य की सांस्कृतिक प्रस्तुति देकर किया जाएगा. सम्मेलन में उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों, हथकरघा रिंगाल से बनी टोकरी, पहाड़ी दाल, मसाले, जड़ी-बूटियां और बुरांश के जूस समेत कई अन्य पहाड़ी उत्पादों के स्टॉल लगाए जाएंगे.
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गौर हो कि देशभर के पीठासीन अधिकारियों का ये 79वां सम्मेलन है जो प्रदेश में पहली बार आयोजित हो रहा है. वर्ष 1921 में पहला पीठासीन सम्मेलन हिमाचल की राजधानी शिमला में हुआ था, जिसके बाद अलग-अलग राज्यों को इस कार्यक्रम की मेजबानी मिलती रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब उत्तराखंड राज्य को अखिल भारतीय सम्मेलन की मेजबानी मिली है.