देहरादून: प्रोत्साहन राशि पर रोक और न्यूनतम वेतन नहीं मिलने से आशा कार्यकत्रियां काफी समय से सरकार से नाराज चल रही है. सरकार द्वारा इनकी मांगों को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है. लिहजा, बीते मंगलवार को आशा कार्यकत्रियों ने परेड ग्राउंड में प्रदर्शन और उसके बाद विधानसभा कूच किया. हालांकि, पुलिस ने सभी आशा कार्यकत्रियों को विधानसभा से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.
आशा कार्यकत्रियों की सगठन अध्यक्ष शिवा दुबे का कहना कि मुख्यमंत्री ने इस बार 12 हजार रुपए बढ़ाने की बात कही गई थी, लेकिन 7 हजार रुपये ही बढ़ाए. उन्होंने सरकार से 17 हजार रुपये मासिक करने की मांग की.
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आशा कार्यकत्रियों की मुख्य मांग
- कामगार घोषित कर न्यूनतम वेतनमान 17 हजार किया जाए.
- सलाना मिलने वाली 5 हजार प्रोत्साहन राशि को भी वेतन के साथ मिला कर दिया जाए.
- सामाजिक सुरक्षा के साथ 6 साल की उम्र पूरी होने पर ग्रेजुएटी और फंड का भुगतान किया जाए.
- आकस्मिक मृत्यु पर आशा कार्यकर्ताओं के परिवार को 5 लाख रुपये बीमा का लाभ दिया जाए.