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आशा कार्यकत्रियों ने किया विधानसभा कूच, पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका

अपनी मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने पहले तो परेड ग्राउंड में प्रदर्शन किया, इसके बाद उन्होंने विधानसभा कूच कर दिया. आशा कार्यकत्रियों का कहना है कि सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर रही है.

आशा कार्यकत्रियों ने किया विधानसभा कूच
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Published : Jun 26, 2019, 10:41 AM IST

देहरादून: प्रोत्साहन राशि पर रोक और न्यूनतम वेतन नहीं मिलने से आशा कार्यकत्रियां काफी समय से सरकार से नाराज चल रही है. सरकार द्वारा इनकी मांगों को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है. लिहजा, बीते मंगलवार को आशा कार्यकत्रियों ने परेड ग्राउंड में प्रदर्शन और उसके बाद विधानसभा कूच किया. हालांकि, पुलिस ने सभी आशा कार्यकत्रियों को विधानसभा से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.

आशा कार्यकत्रियों ने किया विधानसभा कूच

आशा कार्यकत्रियों की सगठन अध्यक्ष शिवा दुबे का कहना कि मुख्यमंत्री ने इस बार 12 हजार रुपए बढ़ाने की बात कही गई थी, लेकिन 7 हजार रुपये ही बढ़ाए. उन्होंने सरकार से 17 हजार रुपये मासिक करने की मांग की.

पढ़ें- काशीपुरः लूट की कार के साथ तीन गिरफ्तार, ग्रामीणों ने पुलिस की थ्यौरी पर उठाए सवाल

आशा कार्यकत्रियों की मुख्य मांग

  • कामगार घोषित कर न्यूनतम वेतनमान 17 हजार किया जाए.
  • सलाना मिलने वाली 5 हजार प्रोत्साहन राशि को भी वेतन के साथ मिला कर दिया जाए.
  • सामाजिक सुरक्षा के साथ 6 साल की उम्र पूरी होने पर ग्रेजुएटी और फंड का भुगतान किया जाए.
  • आकस्मिक मृत्यु पर आशा कार्यकर्ताओं के परिवार को 5 लाख रुपये बीमा का लाभ दिया जाए.

देहरादून: प्रोत्साहन राशि पर रोक और न्यूनतम वेतन नहीं मिलने से आशा कार्यकत्रियां काफी समय से सरकार से नाराज चल रही है. सरकार द्वारा इनकी मांगों को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है. लिहजा, बीते मंगलवार को आशा कार्यकत्रियों ने परेड ग्राउंड में प्रदर्शन और उसके बाद विधानसभा कूच किया. हालांकि, पुलिस ने सभी आशा कार्यकत्रियों को विधानसभा से पहले बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.

आशा कार्यकत्रियों ने किया विधानसभा कूच

आशा कार्यकत्रियों की सगठन अध्यक्ष शिवा दुबे का कहना कि मुख्यमंत्री ने इस बार 12 हजार रुपए बढ़ाने की बात कही गई थी, लेकिन 7 हजार रुपये ही बढ़ाए. उन्होंने सरकार से 17 हजार रुपये मासिक करने की मांग की.

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आशा कार्यकत्रियों की मुख्य मांग

  • कामगार घोषित कर न्यूनतम वेतनमान 17 हजार किया जाए.
  • सलाना मिलने वाली 5 हजार प्रोत्साहन राशि को भी वेतन के साथ मिला कर दिया जाए.
  • सामाजिक सुरक्षा के साथ 6 साल की उम्र पूरी होने पर ग्रेजुएटी और फंड का भुगतान किया जाए.
  • आकस्मिक मृत्यु पर आशा कार्यकर्ताओं के परिवार को 5 लाख रुपये बीमा का लाभ दिया जाए.
Intro:प्रोत्साहन राशि पर रोक ओर न्यूनतम वेतन नही मिलने से आशा कार्यकत्र्री पिछले काफी समय से सरकार के प्रति नाराज चल रही है।साथ ही सरकार इनकीं मांगो को लगातार नज़रंदाज़ किये जा रही है।और आज तमाम आशा कार्यकत्री परेड ग्राउंड में प्रदर्शन करने के बाद विधानसभा कूच किया।हलांकि पुलिस ने सभी आशा कार्यकत्रियों को विधानसभा से पहले बेरिकेडिंग लगाकर रोक लिया।


Body:आशा आशा कार्यकर्ता लंबे समय से न्यूनतम वेतनमान की मांग कर रही है।लेकिन सरकार उनकी मांग को अनदेखा किए जा रही है। आशा कार्यकत्रियों की मांग है कि कामगार घोषित कर न्यूनतम वेतनमान 17 हज़ार किए जाए।साथ ही सलाना मिलने वाली 5 हज़ार प्रोत्साहन राशि को भी वेतन के साथ मिला कर दिया जाए।और सामाजिक सुरक्षा साथ 6 साल की उम्र पूरी होने पर ग्रेजुएटी और फंड का भुगतान किया जाए।वही आकस्मिक मृत्यु पर आशा कार्यकर्ताओं की परिवार को 5 लाख रुपए बीमा का लाभ दिया जाए।


Conclusion:आशा कार्यकत्रियों की सगठन अध्यक्ष शिवा दुबे ने बताया कि आज टिहरी, पौड़ी हरिद्वार से आज तमाम आशा कार्यकत्रियों ने विधानसभा कूच किया।साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री जो कहते है वो करते नही है और इस बार 12 हज़ार रुपए बढ़ाने की बात कही गई थी लेकिन जो हमे 2011 जियो के अनुसार 5 हज़ार रुपए मिल रहे थे उसमे ही जोड़ दिए गए।सीएम ने 12 हज़ार देने का वादा किया था लेकिन हमारे साथ धोखा करते हुए सिर्फ 7 हज़ार ही बढ़ाये गए है।हमारी सरकार से मांग है कि हमारे हमारी 17 हज़ार रुपये मासिक दिया जाए।

बाइट-शिवा दुबे(अध्यक्ष,आशा कार्यकत्रियों की सगठन)
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