देहरादून: मानसून की दस्तक से जहां एक ओर गर्मी से परेशान लोगों के चेहरों पर मुस्कान आई है. वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जिनके माथे पर चिंता के लकीरें पड़ गई है. रिस्पना किनारे रह रहे आर्य नगर नई बस्ती के लोगों को अपनी जिंदगी का डर सताने लगा है. लेकिन शासन और प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.
आर्य नगर नई बस्ती का जायजा लेने जब ईटीवी भारत की टीम मौके पर पहुंची तो मौत के साये में जी रहे लोगों की हकीकत सामने आ गई. दरअसल, पिछले कई सालों से लगभग 50-60 परिवार रिस्पना नदी किनारे मलिन बस्ती में रह रहे हैं. जहां हर बरसात में इनके ऊपर मौत का साया मंडराने लगता है. यहां के पुश्तों को नदी ने अंदर से खोखला कर दिया है. जो कभी भी भरभराकर गिर सकते हैं.
बस्ती वासियों का कहना है कि कई बार यहां से बच्चे नीचे गिरकर चोटिल हो चुके हैं. कई बार गाड़ियां भी यहां से नीचे गिर चुकी हैं. लेकिन शासन की लापरवाही और प्रशासन की नाकामी के कारण अबतक यहां पर किसी तरह का कार्य नहीं हो पाया है.
मानसून के दस्तक देते ही यहां रह रहे लोगों को अब अपनी जिंदगी का डर सताने लगा है. उन्हें डर है कि कहीं इस बरसात में पानी का तेज बहाव उनके खोखले हो चुके पुश्तों को बहा न ले जाए. बता दें कि कमोवेश यही हालात पिछले साल भी थे. मसूरी विधायक गणेश जोशी भी यहां का जायजा लेकर और आश्वासन देकर जा चुके हैं. लेकिन आज भी हालत जस के तस बने हुए हैं.